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भिवानीः बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने भिवानी में आज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के आद भी उनकी बहाली की मांग अभी तक पूरी नहीं की गई है.

Protest of PTI teachers said that the government is not listening to his demand bhiwani
बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने सरकार पर भेदभाव का लगाया आरोप
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Published : Feb 14, 2021, 3:17 PM IST

भिवानी: बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है. अपनी मांगों के समर्थन में बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भेदभाव का आरोप लगाया है. शारीरिक शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के आद भी उनकी बहाली की मांग अभी तक पूर नही की गई है.

ये भी पढ़ें-शारीरिक शिक्षकों ने किया सरकार को जगाने का काम, खून से लिखा बहाली का पत्र

बता दें कि शारीरिक शिक्षकों का नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने किया. उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2010 से लगातार स्कूल शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे. लेकिन सरकार ने जून 2020 में उनकों बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस दौरान उनकी कई बार सरकार के आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री के साथ भी वार्ता हुई. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया.

सरकार ने पोर्टल पर भी उनकी सभी जानकारियां मांगी वह भी भेजी गई लेकिन आज तक उनकों बहाल नहीं किया गया. जिसके चलते उनके आश्रितों व उनमें सरकार के प्रति नाराजगी है. शारीरिक शिक्षकों ने कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो सरकार को इसका जल्द ही खामियाजा भुगतना होगा

भिवानी: बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है. अपनी मांगों के समर्थन में बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भेदभाव का आरोप लगाया है. शारीरिक शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के आद भी उनकी बहाली की मांग अभी तक पूर नही की गई है.

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बता दें कि शारीरिक शिक्षकों का नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने किया. उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2010 से लगातार स्कूल शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे. लेकिन सरकार ने जून 2020 में उनकों बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस दौरान उनकी कई बार सरकार के आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री के साथ भी वार्ता हुई. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया.

सरकार ने पोर्टल पर भी उनकी सभी जानकारियां मांगी वह भी भेजी गई लेकिन आज तक उनकों बहाल नहीं किया गया. जिसके चलते उनके आश्रितों व उनमें सरकार के प्रति नाराजगी है. शारीरिक शिक्षकों ने कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो सरकार को इसका जल्द ही खामियाजा भुगतना होगा

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