भिवानी: फेडरेशन ऑफ रिकाग्नाइजड प्राइवेट एनएडिड स्कूल यूनियन ने मांग की है कि सरकार को कोरोना काल के दौरान बंद होने के कारण निजी स्कूलों की बसों का टैक्स और पांसिग की पेनल्टी माफ करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूल पिछले 6 महीने से बंद पड़े हैं. इस हालात में स्कूल संचालक बसों का टैक्स व पेनल्टी अदा नहीं कर सकते.
मालवाल ने कहा कि सरकार द्वारा स्कूल बसों पर पैसेंजर व अन्य कई तरह के टैक्स लगाए गए हैं. कोरोना काल के दौरान स्कूल लंबे समय से बंद हैं जिसके कारण स्कूल बसों की फिटनेस भी खत्म हो चुकी है. फिटनेस खत्म होने के बाद पचास रुपये प्रति दिन के हिसाब से विभाग द्वारा पैनल्टी ली जाती है.
स्कूल बंद होने के कारण स्कूलों की वित्तीय हालत काफी कमजोर हो गई. वित्तीय हालात कमजोर होने के कारण फेडरेशन ऑफ रिकाग्नाइजड प्राइवेट एनएडिड स्कूल यूनियन सरकार से मांग करती है कि स्कूल बसों का टैक्स व पेनल्टी माफ होनी चाहिए. प्रधान ने कहा कि निजी स्कूल सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के तहत स्कूल खोलने की तैयारी कर रहे हैं.
सभी विद्यालय संचालक विद्यालयों में सोशल डिस्टेंश को ध्यान में रखते हुए विधार्थियों के बैठने के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं. वहीं सभी स्कूलों में प्लस ओक्सोमीटर, थर्मल स्कैनर, हैंड सैनिटाइजर और मास्कों की भी उचित व्यवस्था की जाएगी. मालवाल ने कहा कि सभी स्कूल संचालक कक्षाएं लगने से पहले 21 सितंबर से अभिभावक का सहमति पत्र भरवाएंगे और विद्यालय भवन में सभी कमरों को सैनिटाइज किया जाएगा.
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मालवाल ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का जो निर्णय हैं उसी के अनुसार सभी विद्यालय संचालक अभिभावकों से फीस लेंगे. मालवाल ने कहा कि सभी स्कूल संचालक सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते ही स्कूल खोलेंगे.