भिवानी: मिनी क्यूबा के नाम मशहूर भिवानी जिले के मुक्केबाजों से टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में पदक जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी. बॉक्सर विकास कृष्ण (Vikas Krishan) और मनीष कौशिक (Manish Kaushik) अपने-अपने मैच हारने के बाद ओलंपिक से बाहर हो चुके हैं, लेकिन बॉक्सर पूजा रानी (Pooja Rani) पदक के करीब पहुंच गई है. पूजा ने बुधवार को राउंड ऑफ-16 के मैच में अल्जीरिया की बॉक्सर इचरक चैब (Ichrak chaib) को मात दी है.
पूजा ने 5-0 के स्कोर के साथ जीत दर्ज की है. इसी के साथ पूजा ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है. पूजा टोक्यो ओलंपिक में 75 किलोग्राम भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. बुधवार को हुए मुकाबले में पूजा ने अपने प्रतिद्वंदी अल्जीरिया की मुक्केबाज को एक तरफा मुकाबले में 5-0 से हराकर ओलंपिक मेडल की तरफ कदम बढ़ाया है. इसके साथ ही उन्होंने अंतिम-8 में जगह बना ली है और अब वो पदक पक्का करने से मात्र एक जीत दूर हैं. मुक्केबाज पूजा की इस जीत पर भिवानी वासियों, पूजा के कोच और हरियाणा बॉक्सिंग संघ ने खुशी जाहिर करते हुए पूजा से ओलंपिक से मेडल जीतकर लौटने की बात कही है.
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पूजा के कोच द्रोणाचार्य अवॉर्डी संजय श्योराण ने कहा कि जिस प्रकार से पूजा ने अल्जीरिया की मुक्केबाज को एक तरफा हराया है, उससे पूजा का आत्मविश्वास और बढ़ा है. इसका फायदा उसे अगले मैच में देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि पूजा रानी बोहरा अटैक करने वाली मुक्केबाज है. जो विरोधी खिलाड़ी को डिफेंस करने के लिए मजबूर कर देती है. जिससे विरोधी खिलाड़ी अंक अर्जित नहीं कर पाता. उन्होंने बताया कि पूजा की अगली बाउट 31 जुलाई को चीन की मुक्केबाज से है, जिसे वह जरूर जीतेगी.
बता दें कि, पूजा रानी टोक्यो गए भारतीय मुक्केबाजों के दल में सबसे अनुभवी मुक्केबाजों में से एक हैं और ओलंपिक में पदक जीतने की सबसे बड़ी दावेदार हैं. पूजा रानी स्कूल टाइम में बास्केटबॉल खेलती थी, और बाकी खेलों में भी उनकी रुचि थी, लेकिन पूजा के स्कूल में बॉक्सिंग के लिए कोई सुविधा नहीं थी तो वो बाकी खेलों में ही मन लगाती थीं. इसके बाद जब वो कॉलेज में पहुंची और उन्हें वहां भीम अवॉर्डी संजय श्योराण मिले तो उन्होंने देखते ही कहा कि ये लड़की बॉक्सिंग खेलेगी, और इसके बाद पूजा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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