भिवानी: भिवानी पुलिस ने बडेसरा गांव के पूर्व सरपंच हत्याकांड को 48 घंटे से पहले सुलझा कर हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने मृतक के भाई की शिकायत पर आरोपी पक्ष के बब्लू और आनंद को जेल से प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ शुरू की.
पुलिस ने जांच के आधार पर आनंद के बेटे अंकित व उसके साथी सचिन को बास गांव से गिरफ्तार किया है. जिनके पास से दो अवैध पिस्तौल बरामद हुई है. वहीं जांच अधिकारी का कहना है कि अंकित और सचिन ने पूछताछ के दौरान अपना गुनाह कबूल लिया है. पुलिस फिर से बब्लू को जेल से प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पूर्व सरपंच हत्याकांड में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.
पुरानी रंजिश और गवाही के चलते की हत्या
बडेसरा गांव में सरपंच चुनावों के दौरान दो गुटों में ठन गई थी. ये चुनावी रंजीश देखते ही देखते खुनी खेल में बदल गई और एक गुट ने दो साल में दूसरे गुट के तीन लोगों की हत्या कर दी.
इसी मामले में हत्या के आरोपी गुट के 23 लोग फिलहाल जेल में बंद हैं और केस कोर्ट में चल रहा है. इसी केस में पीड़ित पक्ष की ओर से पूर्व सरपंच पवन की 22 अक्टूबर को गवाही होनी थी. लेकिन आरोपी गुट ने गवाही से पहले ही 14 अक्टूबर की देर शाम पवन को एक के बाद एक 6-7 गोलियां मार कर हत्या कर दी.
साल 2015 से है दुश्मनी
बडेसरा गांव में सरपंच चुनावों के लिए वर्ष 2015 में दोनों पक्षों के बीच खुनी खेल शुरू हुआ था. जब आरोपी पक्ष की ओर से सुदेश देवी सरपंच बनी, पीडित पक्ष ने आरोप लगाया था कि सरपंच सुदेश देवी फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर सरपंच बनी है.
इसके लिए पीड़ित पक्ष ने आरटीआई लगाकर खुलासा किया था और बवानी खेड़ा थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी. जिसके बाद सरपंच सुदेश देवी को सस्पेंड कर जेल भेज दिया गया था. यही से दोनों पक्षों में दुश्मनी शुरू होती है.
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