भिवानी: नई शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए भारत सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पीएम श्री स्कूल योजना बनाई है. इसके तहत देश भर में पीएम श्री स्कूलों पर 14500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. पीएम श्री स्कूलों में अत्याधुनिक ई-लाइब्रेरी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का ज्ञान देने के लिए उपकरण, आधुनिक लैब और भविष्य में प्रयोग होने वाली तकनीकों के लिए रिसर्च आधारित मानव संसाधन तैयार करने की व्यवस्था की जा रही है.
इन स्कूलों में प्रथम चरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई को करेंगे. इस दौरान वो बजट भी जारी करेंगे. पीएम श्री स्कूलों में भिवानी के एकमात्र केंद्रीय विद्यालय संगठन पालुवास को भी शामिल किया गया है. पीएम श्री स्कूल योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन पालुवास के प्राचार्य मोहिंद्र और जिला शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता ने बताया कि अनुसंधान आधारित शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए पीएम श्री स्कूलों की स्थापना की जा रही है.
इसके तहत 14 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. जिनमें से गुरुग्राम मंडल के तहत आने वाले 32 स्कूलों पर 103 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं भिवानी जिले में केंद्रीय विद्यालय संगठन पालुवास समेत कुल 8 स्कूलों को पीएम श्री स्कूलों में बदला जाएगा. इन स्कूलों की खासियत ये होगी कि पीएम श्री स्कूलों में छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा देने के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान दिया जाएगा. इसके साथ ही ई-लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी.
इसके अलावा अत्याधुनिक कक्षा कक्षों की स्थापना की जाएगी. भविष्य में प्रयोग होने वाली आधुनिक तकनीकों, ब्लॉक चैन, रिटेलिंग, कंप्यूटर शिक्षा व लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षा पर जोर रहेगा. इससे भविष्य में प्रयोग होने वाले तकनीकों को छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक पढ़ाया जाएगा, ताकि भारत को बेहतर मानव संसाधन समय की जरूरत के अनुसार मिल सकें. जो राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग करें.
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उन्होंने बताया कि पीएम श्री स्कूल योजना के लिए हरियाणा के 124 स्कूलों का चयन किया गया है. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा ये योजना सत्र 2022-2023 से 2027 तक 5 सालों में लागू की जाएगी. इनमें ना केवल केंद्रीय विद्यालय, बल्कि नवोदय विद्यालय तथा राज्यों के सरकारी स्कूल व निर्धारित योग्यता रखने वाले प्राइवेट स्कूलों को भी शामिल किया है. योजना के तहत 20 लाख छात्र-छात्राओं को भविष्य की शिक्षा देने का लक्ष्य रखा है.