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8वीं तक पास करने की नीति हुई बंद, 11 साल बाद फिर से शिक्षा बोर्ड लेगा 8वीं की बोर्ड परीक्षा - Haryana new education policy

हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 11 साल बाद 8वीं की परीक्षा लेने का फैसला लिया है. शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने इसे अच्छा कदम बताया है और कहा है कि 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के परिणाम में भी सुधार होगा.

Passing policy till 8th class close in haryana
Passing policy till 8th class close in haryana
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Published : Jul 30, 2020, 4:14 PM IST

भिवानी: प्रदेश सरकार के फैसले के बाद अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 11 साल बाद फिर से 8वीं की परीक्षा लेने का फैसला लिया है. शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने इस परीक्षा को चुनौती और अवसर दोनों बताया है. उन्होंने कहा कि इस पेपर की पूरी तैयारी की जा रही है.

8वीं की बोर्ड परीक्षा दोबारा होगी शुरू

सचिव ने दावा किया है कि 8वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद शिक्षा के स्तर और 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के परिणाम में भी सुधार होगा. बता दें कि साल 2010 में आरटीई कानून लागू हो गया था. इसके बाद नो डिटेंशन पॉलिसी के तहत 8वीं तक किसी भी बच्चे को फेल ना करने का नियम बना था. इसके बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने भी 8वीं की परीक्षा लेना बंद कर दिया था.

8वीं तक पास करने की नीति हुई बंद, देखें वीडियो

पास करने की नीति हुई बंद

बता दें कि शिक्षा बोर्ड ने अंतिम बार साल 2010 के मार्च महीने में 8वीं की परीक्षा ली थी, जिसमें 3 लाख 67 हजार 247 बच्चों ने ये परीक्षा दी थी और इसमें 3 लाख 44 हजार 198 बच्चे पास हुए थे. शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि अब शिक्षा बोर्ड के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए प्रदेश सरकार ने 8वीं की परीक्षा शिक्षा बोर्ड द्वारा इसी सत्र यानि मार्च-2021 में आयोजित करवाने का फैसला लिया है.

10वीं व 12वीं के परिणामों में होंगे सुधार

बोर्ड सचिव ने बताया कि आरटीई के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी के तहत साल 2010 में 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा ना करवाने का फैसला हुआ था. उन्होंने बताया कि पिछले 4-5 सालों में शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव और सुधार हुआ है, जिससे 10वीं व 12वीं के परिणाम काफी सुधर रहे हैं. शिक्षा बोर्ड सचिव ने बताया कि शिक्षा बोर्ड की परीक्षा का ना केवल अध्यापकों, बल्कि बच्चों में भी साइकोलॉजिकल इफैक्ट होता है, जिससे पढ़ाई ज्यादा और बेहतर होती है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान कुरुक्षेत्र में बढ़ी कुत्तों की संख्या, 50 फीसदी कम हुए 'डॉग बाइट' के केस

उन्होने कहा कि 8वीं में बोर्ड परीक्षा होने पर ना केवल 8वीं कक्षा बल्कि 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं के परिणाम भी अब से कहीं बेहतर आने लगेंगे. सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि शिक्षा बोर्ड 8वीं की परीक्षा को चुनौती व अवसर दोनों मान कर पूरी तैयारी कर रहा है.

निश्चित तौर पर 8वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा ना होने के चलते बच्चे व अध्यापक दोनों इस परीक्षा में पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लेते थे, जिसके चलते बच्चे को 10वीं कक्षा में आकर पढ़ाई पर जोर देना पड़ता था, लेकिन अब से बच्चे 8वीं क्लास से ही पढ़ाई पर जोर देंगे.

भिवानी: प्रदेश सरकार के फैसले के बाद अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 11 साल बाद फिर से 8वीं की परीक्षा लेने का फैसला लिया है. शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने इस परीक्षा को चुनौती और अवसर दोनों बताया है. उन्होंने कहा कि इस पेपर की पूरी तैयारी की जा रही है.

8वीं की बोर्ड परीक्षा दोबारा होगी शुरू

सचिव ने दावा किया है कि 8वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद शिक्षा के स्तर और 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के परिणाम में भी सुधार होगा. बता दें कि साल 2010 में आरटीई कानून लागू हो गया था. इसके बाद नो डिटेंशन पॉलिसी के तहत 8वीं तक किसी भी बच्चे को फेल ना करने का नियम बना था. इसके बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने भी 8वीं की परीक्षा लेना बंद कर दिया था.

8वीं तक पास करने की नीति हुई बंद, देखें वीडियो

पास करने की नीति हुई बंद

बता दें कि शिक्षा बोर्ड ने अंतिम बार साल 2010 के मार्च महीने में 8वीं की परीक्षा ली थी, जिसमें 3 लाख 67 हजार 247 बच्चों ने ये परीक्षा दी थी और इसमें 3 लाख 44 हजार 198 बच्चे पास हुए थे. शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि अब शिक्षा बोर्ड के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए प्रदेश सरकार ने 8वीं की परीक्षा शिक्षा बोर्ड द्वारा इसी सत्र यानि मार्च-2021 में आयोजित करवाने का फैसला लिया है.

10वीं व 12वीं के परिणामों में होंगे सुधार

बोर्ड सचिव ने बताया कि आरटीई के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी के तहत साल 2010 में 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा ना करवाने का फैसला हुआ था. उन्होंने बताया कि पिछले 4-5 सालों में शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव और सुधार हुआ है, जिससे 10वीं व 12वीं के परिणाम काफी सुधर रहे हैं. शिक्षा बोर्ड सचिव ने बताया कि शिक्षा बोर्ड की परीक्षा का ना केवल अध्यापकों, बल्कि बच्चों में भी साइकोलॉजिकल इफैक्ट होता है, जिससे पढ़ाई ज्यादा और बेहतर होती है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान कुरुक्षेत्र में बढ़ी कुत्तों की संख्या, 50 फीसदी कम हुए 'डॉग बाइट' के केस

उन्होने कहा कि 8वीं में बोर्ड परीक्षा होने पर ना केवल 8वीं कक्षा बल्कि 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं के परिणाम भी अब से कहीं बेहतर आने लगेंगे. सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि शिक्षा बोर्ड 8वीं की परीक्षा को चुनौती व अवसर दोनों मान कर पूरी तैयारी कर रहा है.

निश्चित तौर पर 8वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा ना होने के चलते बच्चे व अध्यापक दोनों इस परीक्षा में पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लेते थे, जिसके चलते बच्चे को 10वीं कक्षा में आकर पढ़ाई पर जोर देना पड़ता था, लेकिन अब से बच्चे 8वीं क्लास से ही पढ़ाई पर जोर देंगे.

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