भिवानी: फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं को भी बिना परीक्षा के पास करने की मांग को लेकर एनएसयूआई के नेतृत्व में छात्रों का प्रतिनिधिमण्डल सीबीएलयू उपकुलपति आरके मित्तल से मिला और उन्हें मांग पत्र सौंपा. ज्ञापन में छात्रों ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सभी प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्याकंन व पिछले परिणाम के आधार पर प्रमोट करने का फैसला लिया है, जिसका सभी छात्रों ने स्वागत किया है.
लेकिन सरकार ने अंतिम वर्ष के हरियाणा के छात्रों की परीक्षाएं जुलाई में कराने का फैसला लिया है. जिससे छात्र सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश के छात्र लगभग पिछले तीन महीने से अपने घर पर हैं. प्रदेश के बड़ी संख्या में छात्र ग्रामीण इलाकों से सम्बंद्ध रखते हैं. वहां पर इंटरनेट की सुविधाओं का अभाव है, जिस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है.
साथ ही विद्यार्थी ग्रामीण इलाकों से कॉलेजों में परीक्षा देने के लिए परिवहन की सुविधाओं से भी वंचित हैं. इस कारण वो परीक्षा भी नहीं दे सकते हैं. छात्रों ने कहा कि हरियाणा में पढ़ने वाले अंतिम वर्ष के छात्रों की अगर परीक्षाएं ली गई तो इससे छात्रों के स्वास्थ्य, परीक्षा प्रदर्शन और आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश प्रदर्शन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
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उन्होंने सरकार से मांग की है कि अंतिम वर्ष के छात्रों को भी प्रमोट किया जाए. गौरतलब है कि एबीवीपी भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.