भिवानी: एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने प्रदेश भर में कचरा प्रबंधन के लिए 31 दिसबंर तक की डेडलाइन जारी की है. इसके साथ ही हर के बड़े होटलों और अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रिटमेंट प्लांट खुद लगाने होंगें. तीन जिलों में गंदगी के ढेरों से वो काफी खफा हैं. उन्होंने कहा कि साल के अंत तक कचरे का प्रबंधन ना करने वाले जिलों के उच्च अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया से रूबरू हुए एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने कहा कि भिवानी, दादरी और महेंद्रगढ़ शहरों में लगे कुड़े के ढेरों का अधिकारी जल्दी से कोई समाधान करें. पूरे देश की तरह एनजीटी के नियमों के मुताबिक इन तीनों जिलों के संबंधित अधिकारियों को भी कचरे के उठान, ट्रांसपोर्ट, डंप और ट्रीटमेंट के सभी प्रबंध करने के लिए 31 दिसबंर का समय दिया गया है. यदि अधिकारियों ने साल के अंत तक इस पर काम नहीं किया तो अधिकारियों पर एनजीटी कार्रवाई करेगा.
भिवानी के होटलों और अस्पतालों में कचरे के ट्रीटमेंट प्लांट
साथ ही एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने बताया कि कचरा प्रबंधन में आम कचरा, ठोस कचरा, प्लास्टिक, अस्पतालों का वेस्टेज, इलेक्ट्रोनिक कचरा और बिल्डिंग डमैज करने पर होने वाला कचरा, इस प्रकार के 6 कचरे होते हैं, जिनका समय पर उठान और ट्रीटमेंट होना जरूरी है. शहर के बड़े होटलों और अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रीटमेंट प्लांट खुद लगाने के निर्देश भी दिए.
एनजीटी के छोटे स्तर पर अधिकारी
बता दें कि जल और पर्यावरण बचाने के लिए एनजीटी ने बहुत सख्त नियम बनाए हुए हैं. इन्हे लागू करने के लिए अब नेशनल से रिजनल लेवल तक चेयरमैनों की नियुक्ति भी की गई है, ताकि छोटे स्तर पर जांच कर नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके.