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NGT सख्त, शहर के बड़े होटल और अस्पतालों को खुद लगाने होंगे वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट - Bhiwani news

प्रदेश में बढ़ रहे गंदगी के ढेरों को देखते हुए NGT सख्त हो गया है. एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल के आदेशानुसार अधिकारियों को 31 दिसंबर तक शहर से कूड़ा-कचरा साफ कराना होगा, नहीं तो एनजीटी उन पर कार्रवाई करेगा.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
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Published : Aug 10, 2019, 8:05 PM IST

भिवानी: एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने प्रदेश भर में कचरा प्रबंधन के लिए 31 दिसबंर तक की डेडलाइन जारी की है. इसके साथ ही हर के बड़े होटलों और अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रिटमेंट प्लांट खुद लगाने होंगें. तीन जिलों में गंदगी के ढेरों से वो काफी खफा हैं. उन्होंने कहा कि साल के अंत तक कचरे का प्रबंधन ना करने वाले जिलों के उच्च अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मीडिया से रूबरू हुए एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने कहा कि भिवानी, दादरी और महेंद्रगढ़ शहरों में लगे कुड़े के ढेरों का अधिकारी जल्दी से कोई समाधान करें. पूरे देश की तरह एनजीटी के नियमों के मुताबिक इन तीनों जिलों के संबंधित अधिकारियों को भी कचरे के उठान, ट्रांसपोर्ट, डंप और ट्रीटमेंट के सभी प्रबंध करने के लिए 31 दिसबंर का समय दिया गया है. यदि अधिकारियों ने साल के अंत तक इस पर काम नहीं किया तो अधिकारियों पर एनजीटी कार्रवाई करेगा.

वीडियो पर क्लिक कर जानें एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने क्या कहा

भिवानी के होटलों और अस्पतालों में कचरे के ट्रीटमेंट प्लांट
साथ ही एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने बताया कि कचरा प्रबंधन में आम कचरा, ठोस कचरा, प्लास्टिक, अस्पतालों का वेस्टेज, इलेक्ट्रोनिक कचरा और बिल्डिंग डमैज करने पर होने वाला कचरा, इस प्रकार के 6 कचरे होते हैं, जिनका समय पर उठान और ट्रीटमेंट होना जरूरी है. शहर के बड़े होटलों और अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रीटमेंट प्लांट खुद लगाने के निर्देश भी दिए.

एनजीटी के छोटे स्तर पर अधिकारी
बता दें कि जल और पर्यावरण बचाने के लिए एनजीटी ने बहुत सख्त नियम बनाए हुए हैं. इन्हे लागू करने के लिए अब नेशनल से रिजनल लेवल तक चेयरमैनों की नियुक्ति भी की गई है, ताकि छोटे स्तर पर जांच कर नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके.

भिवानी: एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने प्रदेश भर में कचरा प्रबंधन के लिए 31 दिसबंर तक की डेडलाइन जारी की है. इसके साथ ही हर के बड़े होटलों और अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रिटमेंट प्लांट खुद लगाने होंगें. तीन जिलों में गंदगी के ढेरों से वो काफी खफा हैं. उन्होंने कहा कि साल के अंत तक कचरे का प्रबंधन ना करने वाले जिलों के उच्च अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मीडिया से रूबरू हुए एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने कहा कि भिवानी, दादरी और महेंद्रगढ़ शहरों में लगे कुड़े के ढेरों का अधिकारी जल्दी से कोई समाधान करें. पूरे देश की तरह एनजीटी के नियमों के मुताबिक इन तीनों जिलों के संबंधित अधिकारियों को भी कचरे के उठान, ट्रांसपोर्ट, डंप और ट्रीटमेंट के सभी प्रबंध करने के लिए 31 दिसबंर का समय दिया गया है. यदि अधिकारियों ने साल के अंत तक इस पर काम नहीं किया तो अधिकारियों पर एनजीटी कार्रवाई करेगा.

वीडियो पर क्लिक कर जानें एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने क्या कहा

भिवानी के होटलों और अस्पतालों में कचरे के ट्रीटमेंट प्लांट
साथ ही एनजीटी के रीजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने बताया कि कचरा प्रबंधन में आम कचरा, ठोस कचरा, प्लास्टिक, अस्पतालों का वेस्टेज, इलेक्ट्रोनिक कचरा और बिल्डिंग डमैज करने पर होने वाला कचरा, इस प्रकार के 6 कचरे होते हैं, जिनका समय पर उठान और ट्रीटमेंट होना जरूरी है. शहर के बड़े होटलों और अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रीटमेंट प्लांट खुद लगाने के निर्देश भी दिए.

एनजीटी के छोटे स्तर पर अधिकारी
बता दें कि जल और पर्यावरण बचाने के लिए एनजीटी ने बहुत सख्त नियम बनाए हुए हैं. इन्हे लागू करने के लिए अब नेशनल से रिजनल लेवल तक चेयरमैनों की नियुक्ति भी की गई है, ताकि छोटे स्तर पर जांच कर नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 10 अगस्त।
मीडिया से रूबरू हुए एन.जी.टी के रिजनल चेयरमैन प्रीतम पाल
भिवानी, महेन्द्रगढ और दादरी में नहीं दिखे उचीत प्रबंधन : प्रीतम पाल
तीनों जिलों में जगह-जगह कुङे के ढेर देख नाराज दिखे प्रीतम पाल
31 दिसबंर तक प्रबंधन नहीं किया तो होगी सख्त कार्यवाई : प्रतीम पाल
बङे अस्पताल व होटल खुद अपना ट्रिटमैंट प्लांट लगाएं- प्रतीम पाल
तय समय पर प्रबंध नहीं हुए तो नपेंगे उच्च अधिकारी- प्रीतम पाल
भिवानी पहुंचे एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के रिजनल चेयरमैन प्रीतम पाल ने प्रदेश भर में कचरा प्रबंधन के सभी प्रबंधन के लिए 31 दिसबंर तक की डेड लाईन जारी की है। तीन जिलों में गंदगी के ढोरों से वो काफी खफा दिखे। उन्होने कहा कि साल के अंत तक कचरे का प्रबंधन ना करने वाले जिलों के उच्च अधिकारियों पर सख्त कार्यवाई होगी।
जिस मुल्क के मुखिया खुद झाङू उठा कर लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करें और उसी मुल्क के सूबों के शहर कुङे के ढेरों से अटे हों तो जरूर अजीब लगेगा। ऐसा ही कुछ हो रहा है कि भिवानी, दादरी व महेन्द्रगढ में। ये हम नहीं बल्कि खुद एनजीटी के रिजनल चेयरमैन एवं हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रीतम पाल कह रहे हैं। जब प्रीतम पाल इन तीनों जिलों के अधिकारियों की मीटिंग लेने पहुंचे तो जगह-जगह लगे कुङे के ढेरों से काफी नाराज दिखे।
Body: मीडिया से रूबरू हुए प्रीतम पाल ने कहा कि भिवानी, दादरी व महेन्द्रगढ शहरों में लगे कुङे के ढेर देख कर उन्हें बङी हैरानी हुई और गुस्सा भी आया। उन्होने कहा कि पूरे देश की तरह एनजीटी के नियमों के मुताबिक इन तीनों जिलों के संबंधित अधिकारियों को भी कचरे के उठान, ट्रांस्पोर्ट, डंप व ट्रिटमैंट के सभी प्रबंध करने के लिए 31 दिसबंर का समय तय किया है। उन्होने कहा कि साल के अंत तक जिस भी जिला में कचरे के प्रबंधन नहीं किए तो उस शहर के डीसी व कमेटी के अधिकारी जिम्मेवार होंगें तथा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी।
प्रीतम पाल ने कहा कि कचरा प्रबंधन में आम कचरा, ठोस कचरा, प्लास्टिक, होस्पिटल का वेस्टेज, इलैक्ट्रोनिक कचरा व बिल्डिंग डमैज करने पर होने वाला कचरा सहती 6 तरह के कचरे हैं जिनका समय पर उठान व ट्रिटमैंट जरूरी है। उन्होने कहा कि हर शहर के बङे होटलों व अस्पतालों को अपने कचरे के ट्रिटमैंट प्लांट खुद लगाने होंगें। भिवानी में ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट ही ना होने पर प्रबंधन के सवाल पर प्रीतम पाल ने कहा कि अधिकारियों ने ठोस कचरा प्रबंधन के लिए मशीनों के टेंडर जारी करने की बात कही है।
Conclusion: कहने को जल व पर्यावरण बचाने के लिए एनजीटी ने बहुत से बहुत सख्त नियम बनाने हुए हैं। इन्हे लागू करने के लिए अब नेशनल से रिजनल लेवल तक चेयरमैनों की नियुक्ती भी की है ताकि छोटे-छोटे स्तर पर जांच कर नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके। पर भिवानी जैसे जिन शहरों में कचरा प्रबंधन के प्लांट ही ना हो वहां पर एनजीटी के नियमों का लागू करने की डेड लाइन कोई मायने ही नहीं रखती।
बाइट- प्रीतम पाल (रिजनल चेयरमैन-एनजीटी)
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