भिवानी: रविवार को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के गांव झाड़ली ब्राह्मणों वाली में अजीब वाक्या हुआ. एक 19 दिन की बच्ची जिसे डॉक्टरों ने भी मृत घोषित कर दिया था, परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली थी. परिजन बच्ची का अंतिम संस्कार करने के लिए अस्पताल से गांव के लिए निकल भी चुके थे, लेकिन तभी बच्ची की सांसे चलने लगी, बच्ची का दिल धड़कने लगा.
जानकारी के अनुसार जिला महेंद्रगढ़ के निजी अस्पताल में आपरेशन से जन्मी एक नवजात की जन्म के एक दिन बाद अचानक तबीयत खराब हो गई. कुछ दिनों में बच्ची की हालत में सुधार ना होने के चलते निजी अस्पताल ने बच्ची को रेफर कर दिया. इसके बाद नवजात को महेंद्रगढ़ और भिवानी के निजी अस्पतालों में दिखाया. यहां भी आराम नहीं मिलने पर उसे हिसार ले जाया गया, वहां उसका इलाज चला. कुछ समय के बाद बच्ची ने हरकत करना बंद कर दिया. डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि बच्ची की मौत हो चुकी है.
बच्ची की मौत की खबर डॉक्टर्स ने परिजनों को दी. परिजनों में मातम छा गया. घर बड़े बुजुर्ग बच्ची के शव को अस्पताल से अपने घर ले जाने की तैयारी कर ली. बच्ची का गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी हो चुकी थी, तभी बच्ची के धडक़नें तेज होने लगी. ऐसे लगा जैसे परिजनों के हाथ में ही अचानक बच्ची के प्राण (Dead Newborn Baby Alive in Bhiwani) आ गए. परिजनों ने बच्ची को तुरंत नागरिक अस्पताल के निकू वार्ड में भर्ती करवाया. यहां बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रीटा तुरंत इलाज शुरू किया. अब बच्ची की सेहत में 100 प्रतिशत तक का सुधार हो चुका है.
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इस बारे में भिवानी के सीएमओ डॉ. रघुवीर शांडिल्य ने जानकारी दी कि इस बच्ची को हिसार से गंभीर हालत में हमारे पास लेकर पहुंचे थे. उन्होंने बच्ची को बचाने का प्रयास किया. डॉ. रीटा ने बताया कि उनके लिए ये केस चुनौती भरा था, लेकिन उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ बच्ची का ईलाज किया तथा वह सफल भी हुई.
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