भिवानी: देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में है. प्रदेश में बेरोजगारी दर 37 प्रतिशत पहुंच गई है. विधायक और कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने इसके लिए प्रदेश सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कौशल रोजगार निगम की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस निगम के तहत होने वाली हर भर्ती की मैरिट लिस्ट व उम्मीदवारों के नाम पब्लिक डोमेन में दर्शाने चाहिए. उन्होंने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट तीन साल की बजाए हर साल कराने की मांग की, जिससे युवाओं को सरकारी नौकरी के ज्यादा अवसर मिल सकें. किरण चौधरी भिवानी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की तैयारियों का जायजा लेने पहुंची थीं. (MLA Kiran Choudhary on Common Eligibility Test)
भिवानी पहुंची विधायक किरण चौधरी ने भिवानी, हांसी, महेंद्रगढ़, दादरी व फतेहाबाद क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को यात्रा के दौरान अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी. इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब हरियाणा में उच्च पदों पर बैठे लोग बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेंगे, तो बेटियां कैसे सुरक्षित रह पाएंगी. उन्होंने इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की. (Bharat Jodo Yatra in Haryana)
एसवाईएल को लेकर केंद्रीय जल मंत्री के साथ चार जनवरी को होने वाली बैठक के मुद्दे पर किरण चौधरी ने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा राजनीति की भेंट चढ़ चुका है. हरियाणा के हिस्से का पानी प्रदेश को मिलना चाहिए. किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बीच रहती थीं, परन्तु अब उन्होंने पूरे हरियाणा में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचना शुरू किया है, जिससे कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है. वहीं इस अफवाह को फैला रहे हैं, जिसका कोई आधार नहीं है.
पढ़ें: Meeting on SYL Issue: 4 जनवरी को SYL मुद्दे पर फिर बैठक, मान और खट्टर होंगे आमने-सामने
किरण चौधरी ने परिवार पहचान पत्र के मुद्दे पर कहा कि इस बात को लेकर वे विधानसभा में भी जनता की आवाज उठा चुकी हैं. बड़े स्तर पर जरूरतमंद लोगों के बीपीएल कार्ड काटे जा रहे हैं. वहीं, उन्होंने भाजपा पर राजस्व का नुकसान करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि सात लाख शराब की पेटियां पकड़ी गई, यह एक बड़ा घोटाला है. उन्होंने कहा कि इस संबंद्ध में जब उन्होंने विधानसभा में मामले को उठाना चाहा, तो सरकार की तरफ से इस का रिप्लाई यह कहकर नहीं दिया गया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मामला भी न्यायालय में है, इस पर भी काफी बार बहस की जा चुकी है. फिर शराब घोटाले मामले पर बहस क्यों नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि सरकार शराब घोटाले के मामले को लेकर भ्रमित है, इसीलिए चर्चा से बच रही है. इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटबंदी के फैसले को सही ठहराए जाने के सवाल पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया.