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भिवानी डाडम हादसा: मलबे से निकला एक और शव, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

हरियाणा के भिवानी जिले में स्थित डाडम माइनिंग जोन में पहाड़ खिसकने से शनिवार को दर्दनाक हादसा (hill slipped in bhiwani) हुआ. इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. लिहाजा यहां राहत और बचाव का कार्य अब भी चल रहा है.

mining accident in bhiwani
mining accident in bhiwani
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Published : Jan 2, 2022, 11:08 AM IST

भिवानी: शनिवार को भिवानी में पहाड़ दरकने (landslide in bhiwani) से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम को एक और शव बरामद हुआ है. कुल मिलाकर अभी तक चार शव बरामद हो चुके हैं. आज दूसरे दिन भी बचाव कार्य जारी है. इस हादसे को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. 6 मशीनें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं. इसके बावजूद घटनास्थल से सिर्फ आधा मलबा ही हटाया जा सका है.

अब बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए उनमें मशीन से होल कर दिया गया है. इनमें डायनामाइट लगाकर ब्लास्ट किया जाएगा, ताकि पत्थर छोटे टुकड़ों में टूट जाए. उसके बाद इन पत्थरों को साइड में किया जाएगा. अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि मलबे के नीचे कितने लोग दबे हैं. देर रात बचाव कार्य कर रही टीम ने स्निफर डॉग और थ्रो वॉल्ट मशीनों से पता लगाने की कोशिश की कि मलबे में कोई जिंदा है या नहीं, लेकिन किसी के जिंदा बचे होने के कोई संकेत नहीं मिले. हालांकि स्निफर डॉग ने 4 से ज्यादा प्वाइंट पर इस बात के संकेत दिए कि यहां लोग दबे हुए हैं. आज दिन भर भी घटनास्थल से मलबे को हटाने का काम जारी रहेगा.

mining accident in bhiwani
रात भर भी जारी रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

कैसे हुआ हादसा?: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र (dadam mining zone in bhiwani) दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है. अभी तक 10 लोगों के दबे होने की आशंका है. दो व्यक्ति उपचाराधीन है. जबकि 4 मजदूरों की मौत हुई है.

mining accident in bhiwani
अभी आधा मलबा भी नहीं हटाया जा सका है.

भिवानी जिला के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. हादसे के बाद प्रशासन राहत कार्यो में जुट गया है और पहाड़ के मलबे को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है. ये राहत कार्य रातभर चलता रहा जो अभी भी जारी है. डाडम खनन क्षेत्र भिवानी में अभी किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

mining accident in bhiwani
अभी तक चार लोगों के मरने की सूचना मिली है.

ये भी पढ़ें- भिवानी डाडम हादसा: अभी भी फंसे हैं कई लोग, रात को भी जारी रहा बचाव कार्य

प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लंबे समय से खनन कार्य बंद किया गया था. दो दिन पहले ही विभाग की ओर से खनन की अनुमति मिली थी. दो दिन पहले ही खनन के लिए बिजली विभाग ने पावर सप्लाई शुरू की थी. बता दें कि, डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है. कंपनी ने वर्ष 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया. जहां हादसा हुआ वो गोवर्धन माइंस कंपनी का काम चल रहा था. जानकारी के मुताबिक हादसे में पीड़ित लोग खनन श्रेत्र में अलग-अलग काम करते थे.

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भिवानी: शनिवार को भिवानी में पहाड़ दरकने (landslide in bhiwani) से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम को एक और शव बरामद हुआ है. कुल मिलाकर अभी तक चार शव बरामद हो चुके हैं. आज दूसरे दिन भी बचाव कार्य जारी है. इस हादसे को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. 6 मशीनें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं. इसके बावजूद घटनास्थल से सिर्फ आधा मलबा ही हटाया जा सका है.

अब बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए उनमें मशीन से होल कर दिया गया है. इनमें डायनामाइट लगाकर ब्लास्ट किया जाएगा, ताकि पत्थर छोटे टुकड़ों में टूट जाए. उसके बाद इन पत्थरों को साइड में किया जाएगा. अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि मलबे के नीचे कितने लोग दबे हैं. देर रात बचाव कार्य कर रही टीम ने स्निफर डॉग और थ्रो वॉल्ट मशीनों से पता लगाने की कोशिश की कि मलबे में कोई जिंदा है या नहीं, लेकिन किसी के जिंदा बचे होने के कोई संकेत नहीं मिले. हालांकि स्निफर डॉग ने 4 से ज्यादा प्वाइंट पर इस बात के संकेत दिए कि यहां लोग दबे हुए हैं. आज दिन भर भी घटनास्थल से मलबे को हटाने का काम जारी रहेगा.

mining accident in bhiwani
रात भर भी जारी रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

कैसे हुआ हादसा?: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र (dadam mining zone in bhiwani) दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है. अभी तक 10 लोगों के दबे होने की आशंका है. दो व्यक्ति उपचाराधीन है. जबकि 4 मजदूरों की मौत हुई है.

mining accident in bhiwani
अभी आधा मलबा भी नहीं हटाया जा सका है.

भिवानी जिला के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. हादसे के बाद प्रशासन राहत कार्यो में जुट गया है और पहाड़ के मलबे को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है. ये राहत कार्य रातभर चलता रहा जो अभी भी जारी है. डाडम खनन क्षेत्र भिवानी में अभी किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

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अभी तक चार लोगों के मरने की सूचना मिली है.

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प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लंबे समय से खनन कार्य बंद किया गया था. दो दिन पहले ही विभाग की ओर से खनन की अनुमति मिली थी. दो दिन पहले ही खनन के लिए बिजली विभाग ने पावर सप्लाई शुरू की थी. बता दें कि, डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है. कंपनी ने वर्ष 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया. जहां हादसा हुआ वो गोवर्धन माइंस कंपनी का काम चल रहा था. जानकारी के मुताबिक हादसे में पीड़ित लोग खनन श्रेत्र में अलग-अलग काम करते थे.

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