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किसानों के हित के लिए हैं नए कृषि अध्यादेश- जेपी दलाल

कृषि मंत्री ने कहा कि किसी भी किसान के मन में कोई सवाल हो तो वो कमेटी के सामने पूछ सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेश लाकर किसानों का भला कर रही ना की मंडी व्यवस्था को खत्म कर रही है.

jp dalal on agriculture ordinence committte
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Published : Sep 13, 2020, 7:49 PM IST

भिवानी: हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद सरकार का हर मंत्री किसी अध्यादेश को लेकर सरकार का बचाव कर रहा है. अब कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अध्यादेश पर गठित कमेटी पर कहा है कि यदि किसी किसान को संशय है तो वो बिना किसी झिझक के तीनों सांसदों के सामने अपने सवाल रख सकता है. कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों अध्यादेश किसानों के हित में है.

'कमेटी में किसान पूछ सकते हैं सवाल'

उन्होंने कहा कि अध्यादेश में किसानों को अपनी फसल खुली मार्केट में बेचने की छूट दी गई है और कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को भी स्वैच्छिक किया गया है. उन्होंने कहा कि कोई भी किसान कंपनियों से लेनदेन के लिए बाध्य नहीं है. इसलिए किसान भ्रम में आए बगैर अपना सवाल तीन सांसदों की कमेटी के सामने आकर पूछ सकते हैं.

जेपी दलाल ने कहा विपक्ष बरगला रहा है

कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियां न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियों को खत्म किए जाने की बात कहकर किसानों को बरगला रही है. उन्होंने साफ किया है कि प्रदेश सरकार में मंडियों के निर्माण पर 6 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले की तरह समय-समय पर बढ़ता रहेगा. अगर सरकार की मंशा मंडियों को खत्म करने की होती तो इस निर्माण पर 6 हजार करोड़ रुपये खर्च क्यों करती?

ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम ने पीपली लाठीचार्ज को बताया निंदनीय, जांच की बात कही

भिवानी: हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद सरकार का हर मंत्री किसी अध्यादेश को लेकर सरकार का बचाव कर रहा है. अब कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अध्यादेश पर गठित कमेटी पर कहा है कि यदि किसी किसान को संशय है तो वो बिना किसी झिझक के तीनों सांसदों के सामने अपने सवाल रख सकता है. कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों अध्यादेश किसानों के हित में है.

'कमेटी में किसान पूछ सकते हैं सवाल'

उन्होंने कहा कि अध्यादेश में किसानों को अपनी फसल खुली मार्केट में बेचने की छूट दी गई है और कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को भी स्वैच्छिक किया गया है. उन्होंने कहा कि कोई भी किसान कंपनियों से लेनदेन के लिए बाध्य नहीं है. इसलिए किसान भ्रम में आए बगैर अपना सवाल तीन सांसदों की कमेटी के सामने आकर पूछ सकते हैं.

जेपी दलाल ने कहा विपक्ष बरगला रहा है

कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियां न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियों को खत्म किए जाने की बात कहकर किसानों को बरगला रही है. उन्होंने साफ किया है कि प्रदेश सरकार में मंडियों के निर्माण पर 6 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले की तरह समय-समय पर बढ़ता रहेगा. अगर सरकार की मंशा मंडियों को खत्म करने की होती तो इस निर्माण पर 6 हजार करोड़ रुपये खर्च क्यों करती?

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