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सामने आ रहे हैं प्रदूषण के घातक परिणाम, भिवानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा

लगातार बढ़ रहा प्रदूषण लोगों की जान के लिए घातक साबित हो रहा है. भिवानी में तो सरकारी अस्पताल में मरीजों की लाइन लगी हुई है. प्रदूषण से पीड़ित होकर मरीज सिविल अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. डॉक्टर ने लोगों को घर मे ही रहने की सलाह दी है. भिवानी में आज का एक्यूआई 168 पाया गया है, जो सांस और अस्थमा के मरीजों के लिए हानिकारक है.

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Published : Nov 9, 2019, 8:53 AM IST

भिवानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा

भिवानीः प्रदेश में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है. दीवाली के बाद से ही देश के कई प्रदेशों मे प्रदूषण का कहर पनप रहा है. फिर चाहे ये धुंआ पटाखे फोड़े जाने का हो या फिर पराली जलाने का हो. आए दिन हो रहे वाहनों के धुंआ से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इस धुंए से लोगों के स्वास्थ्य पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसकी चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं. भिवानी का सामान्य अस्पताल हो या फिर निजी अस्पताल हर जगह मरीजों की भीड़ लगी है.

बच्चों का रखे ध्यान
भिवानी के सरकारी अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राज मेहता का कहना है कि इन दिनों बच्चो को प्रदूषण से अधिक परेशानी हो रही है. उनका कहना है कि बच्चे प्रदूषण के कारण बीमार पड़ रहे है. डॉक्टर राज मेहता की मानें तो बच्चों को सुबह सवेरे घर से बाहर न निकलने दे. धूप के बाद घर ही ज्यादा जरूरी काम होने पर ही निकलने दे.

भिवानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा

मास्क लगाकर निकलें बाहर
फिजिशियन डॉ नितेश गोयल का भी यही कहना है कि इस बार प्रदूषण की वजह से छाती में दर्द होने के ज्यादा मरीज आ रहे है. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग ज्यादा पीड़ित होकर आ रहे है. उन्होंने यही कहा कि ज्यादा बाहर न निकले अगर निकलना पड़े तो मास्क लगा कर निकले।. उन्होंने बताया कि इस बार प्रदूषण के कारण ज्यादा मरीज उनके अस्पताल में आ रहे हैं.

जागरुक होने की जरूरत
प्रदूषण का स्तर नीचे आने की अभी उम्मीदे कम होती दिखाई नहीं दे रही है. लोग परेशान बेशक है, लेकिन ये फैलाया भी लोगों का ही है. दीवाली पर पटाखे फोड़ने की बात हो या फिर खेतो में पराली जलाने की या फिर वाहनों के प्रदूषण की बात हो. हम सब को जागरूक होने की जरूरत है. अगर जागरूकता नहीं आई तो वो दिन दूर नहीं जब इसके परिणाम घातक सिद्ध होंगे.

भिवानीः प्रदेश में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है. दीवाली के बाद से ही देश के कई प्रदेशों मे प्रदूषण का कहर पनप रहा है. फिर चाहे ये धुंआ पटाखे फोड़े जाने का हो या फिर पराली जलाने का हो. आए दिन हो रहे वाहनों के धुंआ से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इस धुंए से लोगों के स्वास्थ्य पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसकी चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं. भिवानी का सामान्य अस्पताल हो या फिर निजी अस्पताल हर जगह मरीजों की भीड़ लगी है.

बच्चों का रखे ध्यान
भिवानी के सरकारी अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राज मेहता का कहना है कि इन दिनों बच्चो को प्रदूषण से अधिक परेशानी हो रही है. उनका कहना है कि बच्चे प्रदूषण के कारण बीमार पड़ रहे है. डॉक्टर राज मेहता की मानें तो बच्चों को सुबह सवेरे घर से बाहर न निकलने दे. धूप के बाद घर ही ज्यादा जरूरी काम होने पर ही निकलने दे.

भिवानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा

मास्क लगाकर निकलें बाहर
फिजिशियन डॉ नितेश गोयल का भी यही कहना है कि इस बार प्रदूषण की वजह से छाती में दर्द होने के ज्यादा मरीज आ रहे है. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग ज्यादा पीड़ित होकर आ रहे है. उन्होंने यही कहा कि ज्यादा बाहर न निकले अगर निकलना पड़े तो मास्क लगा कर निकले।. उन्होंने बताया कि इस बार प्रदूषण के कारण ज्यादा मरीज उनके अस्पताल में आ रहे हैं.

जागरुक होने की जरूरत
प्रदूषण का स्तर नीचे आने की अभी उम्मीदे कम होती दिखाई नहीं दे रही है. लोग परेशान बेशक है, लेकिन ये फैलाया भी लोगों का ही है. दीवाली पर पटाखे फोड़ने की बात हो या फिर खेतो में पराली जलाने की या फिर वाहनों के प्रदूषण की बात हो. हम सब को जागरूक होने की जरूरत है. अगर जागरूकता नहीं आई तो वो दिन दूर नहीं जब इसके परिणाम घातक सिद्ध होंगे.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानी
दिनांक 6  नवंबर।
प्रदूषण के घातक परिणाम आ रहे है सामने 
दीवाली के बाद पनपा प्रदूषण का कहर नहीं हो रहा काम 
धुंए से स्वास्थय पर पड़ रहा है विपरीत प्रभाव
अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या बच्चो और बजुर्गो के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है है प्रदूषण 
    दीवाली के बाद से ही भारत के कई प्रदेशों मे प्रदूषण का कहर पनप गया है। चाहे यह धुंआ पटाखे फोड़े जाने का हो या फिर पराली जलाने का हो। प्रतिदिन हो रहे वाहनों के धुंआ से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। इस धुंए से सभी के स्वस्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। हर कोई इससे परेशान है। भिवानी के सामान्य हस्पताल हो या फिर निजी हस्पताल हो हर जगह मरीजो की भीड़ लगी है।   
Body: भिवानी में प्रदूषण का स्तर कम नही हो रहा है। सरकारी हस्पताल में मरीज इस प्रदूषण से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंच रहा है। बच्चो और बजुर्गो के लिए तो काफी नुकसान दायक सिद्ध हो रहा है। डॉक्टर घर मे ही रहने की सलाह दे रहे है। भिवानी के सरकारी अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ राज मेहता का कहना है कि इन दिनों बच्चो को प्रदूषण से अधिक परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि बच्चे प्रदूषण के कारण बीमार पड़ रहे है। डॉ राज मेहता की माने तो बच्चो को सुबह सवेरे घर से बाहर न निकलने दे। धूप के बाद घर ही ज्यादा जरूरी काम होने पर ही निकलने दे। वही निजी हस्पताल भी बीमार बच्चो से भरे है। हर जगह मरीज ही मरीज दिखाई दे रहे है।
Conclusion: फिजिशियन डॉ नितेश गोयल का भी यही कहना है कि इस बार प्रदूषण की वजह से छाती में दर्द होने के ज्यादा मरीज आ रहे है। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग ज्यादा पीड़ित होकर आ रहे है। उन्होंने यही कहा कि ज्यादा बाहर न निकले अगर निकलना पड़े तो मास्क लगा कर निकले। उंन्होने बताया कि इस बार प्रदूषण के कारण ज्यादा मरीज उनके हस्पताल में आ रहे है।
प्रदूषण का स्तर नीचे आने की अभी उम्मीदे कम होती दिखाई नही दे रही है। लोग परेशान बेशक है, लेकिन यह फैलाया भी लोगो द्वारा गया है। दीवाली पर पटाखे फोड़ने की बात हो या फिर खेतो में पराली जलाने की या फिर वाहनों के प्रदूषण की बात हो। हम सब को जागरूक होने की जरूरत है। अगर जागरूकता नही आई तो वो दिन दूर नही जब इसके परिणाम घातक सिद्ध होंगे।बाइट : डॉ राज मेहता, नितेश गोयल व डॉ. संदीप लाठर। 
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