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नेशनल मेडिकल कमीशन-2019 के विरोध में आईएमए ने की हड़ताल - मेडिकल

लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक-2019 पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विधेयक में कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए एक दिन की हड़ताल रखी.

नेशनल मेडिकल कमीशन-2019 के विरोध में आईएमए ने की हड़ताल
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Published : Jul 31, 2019, 9:14 PM IST

भिवानी: लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक-2019 पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विधेयक में कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए बुधवार को 24 घंटे के लिए देशव्यापी हड़ताल की. हड़ताल के चलते देश भर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित रही. इस मौके पर डॉ.रणवीर पंघाल ने कहा कि लोकसभा में अलोकतांत्रिक विधेयक पारित करके देश की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को अंधेरे मे धकेला जा रहा है.

डॉ.रणवीर पंघाल ने कहा कि NMC विधेयक की धारा 32 में 3.5 लाख अयोग्य लोगों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है. इस विधेयक में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है. इससे कोई भी जो आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा हुआ है, वह NMC में रजिस्टर्ड होकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने का लाइसेंस ले सकता है, इसका मतलब यह है कि बिना चिकित्सा की पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति भी चिकित्सा पद्धति का अभ्यास कर सकता है.

नेशनल मेडिकल कमीशन-2019 के विरोध में आईएमए ने की हड़ताल

उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के साथ और भी जो विवादित प्रावधान हैं, उनको देश का चिकित्सक वर्ग कभी स्वीकार नहीं करेगा. मेडिकल छात्रों की पीढ़ियों के करियर को प्रभावित करने वाली परीक्षाओं के संबंध में इस विधेयक द्वारा की गई गड़बड़ी को माफ नहीं किया जा सकता है. विधेयक में जो कमियां हैं, उनसे राष्ट्र का स्वास्थ्य का प्रभावित होगा.

बता दें कि NMC विधेयक 2019, 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में पारित हो गया था. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि इससे मेडिकल शिक्षा में 'इंस्पेक्टर राज' खत्म हो जाएगा. विधेयक में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अंतर्गत कई अन्य निकायों को स्थापित किया जाएगा.

भिवानी: लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक-2019 पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विधेयक में कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए बुधवार को 24 घंटे के लिए देशव्यापी हड़ताल की. हड़ताल के चलते देश भर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित रही. इस मौके पर डॉ.रणवीर पंघाल ने कहा कि लोकसभा में अलोकतांत्रिक विधेयक पारित करके देश की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को अंधेरे मे धकेला जा रहा है.

डॉ.रणवीर पंघाल ने कहा कि NMC विधेयक की धारा 32 में 3.5 लाख अयोग्य लोगों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है. इस विधेयक में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है. इससे कोई भी जो आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा हुआ है, वह NMC में रजिस्टर्ड होकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने का लाइसेंस ले सकता है, इसका मतलब यह है कि बिना चिकित्सा की पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति भी चिकित्सा पद्धति का अभ्यास कर सकता है.

नेशनल मेडिकल कमीशन-2019 के विरोध में आईएमए ने की हड़ताल

उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के साथ और भी जो विवादित प्रावधान हैं, उनको देश का चिकित्सक वर्ग कभी स्वीकार नहीं करेगा. मेडिकल छात्रों की पीढ़ियों के करियर को प्रभावित करने वाली परीक्षाओं के संबंध में इस विधेयक द्वारा की गई गड़बड़ी को माफ नहीं किया जा सकता है. विधेयक में जो कमियां हैं, उनसे राष्ट्र का स्वास्थ्य का प्रभावित होगा.

बता दें कि NMC विधेयक 2019, 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में पारित हो गया था. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि इससे मेडिकल शिक्षा में 'इंस्पेक्टर राज' खत्म हो जाएगा. विधेयक में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अंतर्गत कई अन्य निकायों को स्थापित किया जाएगा.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 31 जुलाई।
नेशनल मेडिकल कमीशन-2019 के विरोध में आईएमए रही हड़ताल
स्वास्थ्य सेवाएं रही बाधित
अलोकतांत्रिक विधेयक पारित कर स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा धकेला जा रहा है अंधेरे मे : डॉ. पंघाल
लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक 2019 पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विधेयक में कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए बुधवार को 24 घंटे के लिए देशव्यापी हड़ताल की। हड़ताल के चलते देश भर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित रही। इस मौके पर डॉ रणवीर पंघाल ने कहा कि लोकसभा में अलोकतांत्रिक विधेयक पारित करके देश की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को अंधेरे मे धकेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एनएमसी विधेयक की धारा 32 में 3.5 लाख अयोग्य लोगों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है। इस विधेयक में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है। इससे कोई भी जो आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा हुआ है वह एनएमसी में पंजिकृत होकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने का लाईसेंस ले सकता है, इसका मतलब यह है कि बिना चिकित्सा की पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति भी चिकित्सा पद्धति का अभ्यास कर सकता है।
Body: उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के साथ और भी जो विवादित प्रावधान हैं उनको देश का चिकित्सा संसर्ग कभी स्वीकार नहीं करगा। मेडिकल छात्रों की पीढ़ियों के करियर को प्रभावित करने वाली परीक्षाओं के संबंध में इस विधेयक द्वारा की गई गड़बड़ी को माफ नहीं किया जा सकता है। विधेयक में जो कमियां हैं उनसे राष्ट्र का स्वास्थ्य का प्रभावित होगा।
Conclusion:बता दें कि एनएमसी विधेयक-2019 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में पारित हो गया था. स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा था कि इससे मेडिकस शिक्षा में इंस्पेक्टर राज' खत्म हो जाएगा। विधेयक में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अंतर्गत कई अन्य निकायों को स्थापित किया जाएगा।
बाइट : डॉ रणवीर पंघाल।
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