भिवानी: किसानों को बिना मुआवजा दिए और किसान की मर्जी के बगैर जबरदस्ती उनके खेतों में टॉवर लगाए जाने के बाद लगभग डेढ़ दर्जन गांवों के किसान गांव निमड़ीवाली में धरनारत (bhiwani farmers protest) हैं. शुक्रवार को निमड़ीवाली में जारी किसानों के धरने को 100 दिन पूरे हो गए. इस दौरान किसानों ने रोष स्वरूप देश के राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखकर मांग की या तो उन्हें टॉवरों की एवज में मुआवजा दिलवाया जाए या फिर इच्छमृत्य (haryana farmers euthanasia permission President) दी जाए.
किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि देश भर की जनता का पेट भरने वाला अन्नदाता आज भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण इच्छामृत्यु मांगने पर मजबूर हो रहा है. उनहोंने कहा कि गांव निमड़ीवाली व आस-पास के गांवों में बड़ी-बड़ी बिजली की लाइनें निकाली जा रही हैं. इन गांवों की सीमा में लाइनों का जाल बिछ गया है, जिस कारण वे इस जमीन का किसी प्रकार से उपयोग नहीं कर सकते औऱ उनकी आर्थिक स्थिति संकट में पड़ गई है.
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उन्होंने कहा कि इन टॉवरों की एवज में मुआवजे की मांग को लेकर वे 100 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार, कंपनी व प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा. यहां तक कि विधायक ने उन्हे मांगें पूरी किए जाने का आश्वासन देकर धरने से उठाया था, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई. इसलिए किसानों ने देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नाम खून से पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उन्हें टॉवरों की एवज में मुआवजा दिया जाए या फिर इच्छामृत्यु दी जाए.