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हरियाणा में मानसून की वापसी, आज रात से ही बदलेगा मौसम - haryana rain weather

पूरे मानसून पीरियड (1 जून से 29 सितंबर) में भारत मौसम विज्ञान विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सामान्य से 15 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है. हरियाणा में इस बार 443.1 मिलीमीटर की जगह 377.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है. वहीं मौसम विभाग के अनुसार मानसून की वापसी होगी जिससे प्रदेश के मौसम में गुरुवार रात से बदलाव आएगा.

haryana monsoon rain weather update
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Published : Oct 1, 2020, 6:52 PM IST

भिवानी: देश में मानसून की वापसी की शुरूआत 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो गई है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून की इस वापसी से प्रदेश के मौसम में गुरुवार रात से बदलाव आएगा, जो 4 अक्तूबर तक जारी रहेगा. इससे किसानों को जहां सरसों और चने की बिजाई में फायदा होगा. वहीं धान की पकी हुई फसल और कपास के खिले हुए टिंडों को नुकसान होने की संभावना है.

यहां बता दें कि प्रदेश में मानसून 26 जून को सक्रिय हुआ था. लेकिन जुलाई महीने में प्रदेश में सामान्य बारिश (156.8 मिलीमीटर) से 6 प्रतिशत ज्यादा (166.3 मिलीमीटर) बारिश हुई. इसमें 11-12 जुलाई, 20-21 जुलाई और 28-29 जुलाई को राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई.

haryana monsoon rain weather update
किस जिले में कितनी कम हुई बारिश ?

अगस्त महीने में प्रदेश में सामान्य बारिश (159.5 मिलीमीटर) से 13 प्रतिशत कम बारिश (138मिलीमीटर) दर्ज की गई. उस महीने में अच्छी बारिश 10 से 12 अगस्त और 18 से 20 अगस्त को राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में दर्ज की गई. लेकिन दूसरी ओर सितंबर में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज की गई.

पूरे मानसून पीरियड (1 जून से 29 सितंबर) में भारत मौसम विज्ञान विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सामान्य से 15 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है. इस दौरान राज्य में सामान्य बारिश 443.1 मिलीमीटर की जगह 377.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है, इसलिए मानसून की प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज हुई.

किस जिले में कितनी कम हुई बारिश ?

  • पंचकूला (-65 प्रतिशत)
  • रोहतक (-57 प्रतिशत)
  • भिवानी (-43 प्रतिशत)
  • महेंद्रगढ़ (-37 प्रतिशत)
  • अम्बाला (-35 प्रतिशत)
  • जींद (-29 प्रतिशत)
  • रेवाड़ी (-26 प्रतिशत)
  • पलवल(-25 प्रतिशत)
  • पानीपत (-22 प्रतिशत)
  • हिसार (-19 प्रतिशत)
  • यमुनानगर (-17 प्रतिशत)
  • सोनीपत (-11 प्रतिशत)
  • मेवात (-9 प्रतिशत)
  • झज्जर (-3 प्रतिशत)
  • फरीदाबाद (-2 प्रतिशत)

हालांकि, मानसून की आखिरी बारिश प्रदेश में 17 सितंबर को हुई थी. उसके बाद मानसून प्रदेश से चला गया था. मगर अब 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से मानसून की फिर से वापसी हो चुकी है और गुरुवार रात तक इसके प्रदेश के कुछ हिस्सों में पहुंचने की संभावना है. मानसून की वापसी की संभावना को देखते हुए और जम्मू-कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 4 अक्तूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है.

इस दौरान हवाएं उत्तर पश्चिमी चलने और बीच बीच में आंशिक बादल आने की भी संभावना है. इससे प्रदेश में दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है. इस बारे में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन सिंह खींचड़ ने बताया कि 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरू हो गई है, इसलिए गुरुवार रात से इसके प्रदेश में प्रवेश करने की प्रबल संभावना है.

उन्होंने बताया कि इसके चलते प्रदेश का मौसम 4 अक्तूबर तक इसी तरह परिवर्तनशील रहेगा. इसलिए किसान इसका फायदा उठाते हुए इस बारिश के जल को संरक्षित करने का काम करें.

ये भी पढ़ें- बरोदा के दंगल में उतरेगा किस पार्टी का उम्मीदवार? BJP-JJP के अपने-अपने दावे

भिवानी: देश में मानसून की वापसी की शुरूआत 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो गई है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून की इस वापसी से प्रदेश के मौसम में गुरुवार रात से बदलाव आएगा, जो 4 अक्तूबर तक जारी रहेगा. इससे किसानों को जहां सरसों और चने की बिजाई में फायदा होगा. वहीं धान की पकी हुई फसल और कपास के खिले हुए टिंडों को नुकसान होने की संभावना है.

यहां बता दें कि प्रदेश में मानसून 26 जून को सक्रिय हुआ था. लेकिन जुलाई महीने में प्रदेश में सामान्य बारिश (156.8 मिलीमीटर) से 6 प्रतिशत ज्यादा (166.3 मिलीमीटर) बारिश हुई. इसमें 11-12 जुलाई, 20-21 जुलाई और 28-29 जुलाई को राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई.

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किस जिले में कितनी कम हुई बारिश ?

अगस्त महीने में प्रदेश में सामान्य बारिश (159.5 मिलीमीटर) से 13 प्रतिशत कम बारिश (138मिलीमीटर) दर्ज की गई. उस महीने में अच्छी बारिश 10 से 12 अगस्त और 18 से 20 अगस्त को राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में दर्ज की गई. लेकिन दूसरी ओर सितंबर में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज की गई.

पूरे मानसून पीरियड (1 जून से 29 सितंबर) में भारत मौसम विज्ञान विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सामान्य से 15 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है. इस दौरान राज्य में सामान्य बारिश 443.1 मिलीमीटर की जगह 377.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है, इसलिए मानसून की प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज हुई.

किस जिले में कितनी कम हुई बारिश ?

  • पंचकूला (-65 प्रतिशत)
  • रोहतक (-57 प्रतिशत)
  • भिवानी (-43 प्रतिशत)
  • महेंद्रगढ़ (-37 प्रतिशत)
  • अम्बाला (-35 प्रतिशत)
  • जींद (-29 प्रतिशत)
  • रेवाड़ी (-26 प्रतिशत)
  • पलवल(-25 प्रतिशत)
  • पानीपत (-22 प्रतिशत)
  • हिसार (-19 प्रतिशत)
  • यमुनानगर (-17 प्रतिशत)
  • सोनीपत (-11 प्रतिशत)
  • मेवात (-9 प्रतिशत)
  • झज्जर (-3 प्रतिशत)
  • फरीदाबाद (-2 प्रतिशत)

हालांकि, मानसून की आखिरी बारिश प्रदेश में 17 सितंबर को हुई थी. उसके बाद मानसून प्रदेश से चला गया था. मगर अब 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से मानसून की फिर से वापसी हो चुकी है और गुरुवार रात तक इसके प्रदेश के कुछ हिस्सों में पहुंचने की संभावना है. मानसून की वापसी की संभावना को देखते हुए और जम्मू-कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 4 अक्तूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है.

इस दौरान हवाएं उत्तर पश्चिमी चलने और बीच बीच में आंशिक बादल आने की भी संभावना है. इससे प्रदेश में दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है. इस बारे में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन सिंह खींचड़ ने बताया कि 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरू हो गई है, इसलिए गुरुवार रात से इसके प्रदेश में प्रवेश करने की प्रबल संभावना है.

उन्होंने बताया कि इसके चलते प्रदेश का मौसम 4 अक्तूबर तक इसी तरह परिवर्तनशील रहेगा. इसलिए किसान इसका फायदा उठाते हुए इस बारिश के जल को संरक्षित करने का काम करें.

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