भिवानी: कोरोना काल में जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया या फिर किसी बच्चे की पढ़ाई किसी भी कारणवश छूट गई है, अब उनके लिए हरियाणा सरकार ने कदम सेंटर खोले (kadam center education poor children) है. इन सेंटरों पर उन्हें शिक्षा तो मिलेगी साथ ही किताबे, बस्ते, ड्रैस व खाने के लिए मिड डे मील भी मिकेगा. भिवानी में ऐसे 6 सेंटर खोले गए है.
हरियाणा शिक्षा विभाग (haryana education department news) की ओर से खोले गए इन सेंटर्स पर बच्चों ने भी जाना शुरू कर दिया है. साथ ही कोरोना महामारी में मारे गए माता-पिता के बाद अनाथ हुए बच्चों को इन्ही केंद्रों में स्पेशल ट्रेनिंग कोर्स करवाए जाने की योजना है. एसटीसी में पारंगत होने के बाद उस बच्चे को नजदीकी सरकारी स्कूल में पंजीकृत करवाया जाएगा. इस योजना को सिरे चढाने के लिए शिक्षा विभाग ने भिवानी जिला में छह: जगहों पर इस तरह के कदम सेंटर स्थापित करवाने जा रही है. फिलहाल जिले में इस तरह के बच्चों की संख्या 180 के आसपास है.
भिवानी के जिला परियोजना अधिकारी नरेश मेहता ने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा कदम सेंटर लोहारू और भिवानी में स्थापित किए गए है. इन दोनों जगहों पर दो-दो तथा बवानीखेड़ा व तोशाम में एक-एक जगह पर कदम सेंटर स्थापित किया गए है. खास बात यह रहेगी कि उक्त कदम सेंटरों में स्वयं सेवक (पढाने के लिए) तैनात किए जाएंगे. जिन्हें बच्चों को पढाने का कोई मेहनताना भी दिया जाएगा.
नजदीकी प्राइमरी स्कूल का मुखिया इस केंद्र का कार्य भी देखते रहेंगे. वहीं ऐसे ही एक सेंटर में पढ़ा रहे शिक्षक विपिन ने बताया कि उन्हें जो जिमेदारी दी गई है, उसे निभाने में उन्हें खुशी हो रही है. उन्होंने बताया कि भिवानी के उनके सेंटर पर 17 बच्चें पढ़ रहे हैं. ये बच्चे कबाड़ उठाने का काम करते थे. ऐसे में इन्हें शिक्षा देकर इन बच्चों को भी मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है.
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