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मणिपुर में हरियाणा का जवान शहीद, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार - BSF Soldier Martyre

भिवानी के गांव लालावास में बीएसएफ के जवान नरेंद्र कुमार का राजकीय सम्मान से (haryana bsf jawan Narendra Kumar cremation) अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान बीएसएफ के अधिकारियों के साथ ही नेता और सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे.

haryana bsf jawan Narendra Kumar cremation
मणिपुर में हरियाणा का जवान शहीद
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Published : May 31, 2023, 5:18 PM IST

भिवानी: भिवानी जिले के गांव लालावास निवासी बीएसएफ के सिपाही शहीद नरेंद्र कुमार का बुधवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के बड़े भाई अनिल कुमार ने उनको मुखाग्रि दी. सेना के जवानों ने सैनिक सम्मान के साथ शहीद को अंतिम सलामी दी. इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद नरेंद्र कुमार अमर रहे और जब तक सूरज-चांद रहेगा नरेंद्र तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए.


इस दौरान बीएसएफ की नौवीं बटालियन हिसार के कमांडेंट राजीव, सुनील और कर्नल राजपाल सिंह राठी के साथ ही नगराधीश हरबीर सिंह, तोशाम के एसडीएम मनीष कुमार फौगाट व लोहारू डीएसपी अशोक कुमार सहित अनेक अधिकारी और नेता मौजूद रहे. इनके साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी.

ये भी पढ़ें : सिक्किम में शहीद हुए जावान का जींद में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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सैनिक सम्मान के साथ शहीद को अंतिम सलामी

भिवानी जिले के गांव लालावास निवासी 27 वर्षीय नरेंद्र कुमार पिछले दिनों मणिपुर में उग्रवादियों से लौहा लेते हुए शहीद हो गए थे. बुधवार को सेना के वाहन में शहीद नरेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव में पहुंचा. इसकी सूचना मिलते ही समूचे गांव के लोग अपने लाडले के अंतिम दर्शन व नमन करने के लिए हजारों की संख्या में एकत्रित हुए. गांव के शमशान घाट में शहीद नरेंद्र कुमार का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंची बीएसएफ सैन्य अधिकारियों की टुकड़ी के अलावा जिले के आला अधिकारियों, राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक संगठनों ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद सिपाही नरेंद्र कुमार के पिता किरोड़ीमल राजमिस्त्री का काम करते हैं तथा मां शकुंतला गृहणी हैं. नरेंद्र कुमार 2013 में बीएसएफ बटालियन नंबर 122 शिमला में भर्ती हुए थे.

haryana bsf jawan Narendra Kumar cremation
शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे ग्रामीण व जनप्रतिनिधि

ये भी पढ़ें : ITBP में तैनात पानीपत के जवान का निधन, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

वर्ष 2015 में हिसार की नीतू के साथ नरेंद्र की शादी हुई थी, जिससे उनका एक सात वर्षीय पुत्र हितार्थ है. शहीद नरेंद्र कुमार वर्ष 2019 से मणिपुर में तैनात थे. गौरतलब है कि शहीद नरेंद्र कुमार को बीएसएफ के आला अधिकारियों ने दिल्ली मुख्यालय में सुबह सलामी देकर उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव लालावास के लिए रवाना किया था.

इस मौके पर शहीद के चचेरे भाई प्रदीप व समाजसेवी शशीरंजन ने बताया कि शहीदों की बदौलत आज पूरा देश चैन की नींद सोता है. उन्होंने कहा कि शहीद नरेंद्र कुमार ने अपनी शहादत देकर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जिस तरह से नरेंद्र ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए भारत मां की रक्षा करते हुए उग्रवादियों से लौहा लिया है. उससे भारतीय सैनिक की वीरता एवं देश के प्रति प्रेम की भावना झलकती है.

भिवानी: भिवानी जिले के गांव लालावास निवासी बीएसएफ के सिपाही शहीद नरेंद्र कुमार का बुधवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के बड़े भाई अनिल कुमार ने उनको मुखाग्रि दी. सेना के जवानों ने सैनिक सम्मान के साथ शहीद को अंतिम सलामी दी. इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद नरेंद्र कुमार अमर रहे और जब तक सूरज-चांद रहेगा नरेंद्र तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए.


इस दौरान बीएसएफ की नौवीं बटालियन हिसार के कमांडेंट राजीव, सुनील और कर्नल राजपाल सिंह राठी के साथ ही नगराधीश हरबीर सिंह, तोशाम के एसडीएम मनीष कुमार फौगाट व लोहारू डीएसपी अशोक कुमार सहित अनेक अधिकारी और नेता मौजूद रहे. इनके साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी.

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सैनिक सम्मान के साथ शहीद को अंतिम सलामी

भिवानी जिले के गांव लालावास निवासी 27 वर्षीय नरेंद्र कुमार पिछले दिनों मणिपुर में उग्रवादियों से लौहा लेते हुए शहीद हो गए थे. बुधवार को सेना के वाहन में शहीद नरेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव में पहुंचा. इसकी सूचना मिलते ही समूचे गांव के लोग अपने लाडले के अंतिम दर्शन व नमन करने के लिए हजारों की संख्या में एकत्रित हुए. गांव के शमशान घाट में शहीद नरेंद्र कुमार का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंची बीएसएफ सैन्य अधिकारियों की टुकड़ी के अलावा जिले के आला अधिकारियों, राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक संगठनों ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद सिपाही नरेंद्र कुमार के पिता किरोड़ीमल राजमिस्त्री का काम करते हैं तथा मां शकुंतला गृहणी हैं. नरेंद्र कुमार 2013 में बीएसएफ बटालियन नंबर 122 शिमला में भर्ती हुए थे.

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शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे ग्रामीण व जनप्रतिनिधि

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वर्ष 2015 में हिसार की नीतू के साथ नरेंद्र की शादी हुई थी, जिससे उनका एक सात वर्षीय पुत्र हितार्थ है. शहीद नरेंद्र कुमार वर्ष 2019 से मणिपुर में तैनात थे. गौरतलब है कि शहीद नरेंद्र कुमार को बीएसएफ के आला अधिकारियों ने दिल्ली मुख्यालय में सुबह सलामी देकर उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव लालावास के लिए रवाना किया था.

इस मौके पर शहीद के चचेरे भाई प्रदीप व समाजसेवी शशीरंजन ने बताया कि शहीदों की बदौलत आज पूरा देश चैन की नींद सोता है. उन्होंने कहा कि शहीद नरेंद्र कुमार ने अपनी शहादत देकर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जिस तरह से नरेंद्र ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए भारत मां की रक्षा करते हुए उग्रवादियों से लौहा लिया है. उससे भारतीय सैनिक की वीरता एवं देश के प्रति प्रेम की भावना झलकती है.

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