भिवानीः मीठी ईद के बाद एक अगस्त को मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद मनाने जा रहे हैं. बकरीद पर हर साल बकरे की कुर्बानी दी जाती है, लेकिन इस बार भिवानी में बकरीद पर बकरे के कुर्बानी नहीं दी जाएगी. बल्कि जरूरतमंद लोगों की सहायता कर इसे मनाया जाएगा. ये फैसला मस्जिद कमेटी की हुई बैठक में लिया गया है. बैठक में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग घर पर ही ईद की नजाम अदा कर अल्लाह ताला से सबको महफूस रखने की इबादत करेंगे.
घर पर बकरीद की नमाज
भिवानी में मस्जिद कमेटी के प्रधान जोरावल अली ने बताया कि बकरीद पर हर साल बकरे की कुर्बानी दी जाती है, लेकिन इस बार महामारी को देखते हुए मुस्लिम समुदाय कुर्बानी में खर्च होने वाले पैसे को जरूरत मंद लोगों के लिए खर्च करेगा. इससे अल्लाह काफी खुश होंगे और जरूरत मंदों की सहायता भी हो जाएगी. उन्होंने बताया कि संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार बकरीद ईद की नमाज घर पर ही अदा की जाएगी.
1 अगस्त को है बकरीद
मुसलमानों का त्यौहार ईद-उल-अजहा यानी बकरीद 2020 एक अगस्त को मनाया जाएगा. मुस्लिम समुदाय के लोगों को मंगलवार को बेसब्री से चांद का इंतजार था, लेकिन चांद न दिखने की वजह से अब एक अगस्त को बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा. हालांकि इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पहले की तरह बाजारों में बकरीद पर ज्यादा रौनक नहीं है.
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क्यों दी जाती है कुर्बानी?
बकरीद ईद का यह त्यौहार मुसलमानों के पैगम्बर और हजरत मोहम्मद के पूर्वज हजरत इब्राहिम की दी गई कुर्बानी को याद के तौर पर मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जब हजरत इब्राहिम अल्लाह की इबादत कर रहे थे तो उनकी इबादत से खुश होकर उनकी दुआ को कबूल किया था, जिसके बाद अल्लाह ने उनकी परीक्षा ली. इस परीक्षा में अल्लाह ने इब्राहिम से उनकी सबसे कीमती और प्यारी चीज की बली देने की मांग की.