भिवानी: प्रदेश का किसान पहले बाजरे की खरीद प्रक्रिया को लेकर सरकार से परेशान दिखाई दे रहा था. अब किसानों की कपास को लेकर मुसीबतें खड़ी हो गई है. भिवानी की मंडी में सुबह 4 बजे कपास लेकर पहुंचे किसानों की लंबी लाइन की वजह से सड़क पर जाम जैसे हालात हो गए.
कपास की खरीद ना होने से किसान परेशान
भिवानी की चारा मंडी में पहुंचे किसानों का कहना है कि हजारों रूपये की लागत और दिन-रात पसीने बहाकर 6 महीने बाद वो कपास बेचने बेचने के लिए मंडी पहुंचे हैं. लेकिन मंडी में खरीद की प्रक्रिया बेहद खराब है, जिसकी वजह से उनका कपास में आग लगाने का मन कर रहा है.
बाजरे की तर्ज पर कपास की खरीद करने की मांग
किसानों का कहना है कि कुछ लोग तो किराए पर ट्रैक्टर लेकर मंडी में कपास बेचने पहुंचे है, लेकिन यहां खरीद तो दूर कोई ये बताने वाला भी नहीं की कपास कहां और कौन खरीद करेगा. किसानों ने मांग की कि बाजरे की तर्ज पर टोकन दिये जाए, ताकी कपास बेचने के लिए किसान को बार-बार ना भागना पड़े. वहीं कुछ किसानों ने बताया कि एक महीने बाद भी बाजरे के पैसे खाते में नहीं आए और उपर से ना कपास बिक रही है.
मंडी सुपरवाइजर योगेश शर्मा ने भी माना कि किसान परेशान है, उन्होंने बताया कि जल्द ही बाजरे की तरह कपास का भी शैड्यूल बनाया जाएगा, ताकि जिस दिन जिस किसान की कपास बिके उसे उसी दिन बुलाया जाए.
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