भिवानी: कृषि सुधार से संबंधित विधेयक पास होकर कानून का रूप ले चुके हैं, लेकिन अन्नदाताओं की झोली अभी भी खाली ही नजर आ रही है. सरकार भले ही किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती रहे, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि किसानों की आय पहले से भी कम होती जा रही है.
दरअसल भिवानी में कपास की खरीद शुरू न होने से किसानों को अपनी फसल सस्ते दामों पर बेचना पड़ रहा है. जिसके चलते किसानों को लगभग 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. तोशाम क्षेत्र में लगभग 9 हजार किसानों ने कपास की फसल का रजिस्ट्रेशन किया है. पहले सफेद मक्खी से किसानों की फसल बर्बाद हो गई. जिसके चलते फसल की पैदावार बहुत कम हुई और ऊपर से भाव नहीं मिलने से किसानों को दोहरी मार पड़ रही है.
इस बारे में भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कालीरामणा ने बताया कि तोशाम में कपास की खरीद शुरू करवाने को लेकर कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक तोशाम में कपास की फसल की खरीद शुरू नहीं की है. जिसके चलते किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
पहले ही किसानों की कपास मौसम के भेंट चढ़ चुकी है, लेकिन अब भाव नहीं मिलने से किसान कपास को औने पौने दामों में बेचने पर मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही तोशाम में कपास की खरीद शुरू नहीं की गई, तो किसान आंदोलन करने पर मजबूर होगा.
वहीं मार्केट सचिव सुदेश कुमारी ने बताया कि तोशाम मंडी कपास की खरीद शुरू नहीं हुई है. अगर कोई आदेश आते है तो कपास की खरीद शुरू करवा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि तोशाम क्षेत्र में 8888 किसानों ने कपास की फसल का रजिस्टेशन करवा रखा है.
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