भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर टक्कर बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है क्योंकि यहां से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद धर्मवीर सिंह पर भरोसा जताया है तो कांग्रेस ने किरण चौधरी की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी पर दांव खेला है. इनेलो अपने पुराने उम्मीदवार राव बहादुर सिंह पर एक बार फिर दांव लगा सकती है और जेजेपी की तरफ से स्वाति यादव का टिकट लगभग पक्का माना जा रहा है.
मुकाबला त्रिकोणीय है !
भिवानी-महेंद्रगढ़ अगर जेजेपी से स्वाति यादव का टिकट हो जाता है तो यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा. फिलहाल तो श्रुती चौधरी और धर्मवीर सिंह के बीच मुकाबला माना जा रहा है.
क्या कहते हैं समीकरण ?
भिवानी-महेंद्रगढ़ में लगभग 16 लाख मतदााता हैं. यहां सबसे ज्यादा लगभग 3 लाख 70 हजार जाट मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर अहीर मतदाता हैं जिनकी संख्या लगभग 2 लाख 80 हजार है. यहां लगभग 1 लाख 52 हजार अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. यहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या लगभग 35 हजार है. लगभग 95 हजार राजपूत वोटर हैं. धानक वोटरों की संख्या लगभग 69 हजार है. यहां लगभग 55 हजार खाती वोटर हैं. लगभग 51 हजार कुम्हार वोटर हैं. गुर्जर लगभग 40 हजार मतदाता हैं और सैनी मतदाताओं की संख्या लगभग 34 हजार है.
किसमें कितना है दम ?
परंपरागत वोट की बात करें तो कांग्रेस उम्मीदवार श्रुति चौधरी को चौ. बंसीलाल के नाम का फायदा मिल सकता है. अहीरवाल क्षेत्र में श्रुति चौधरी की माता किरण चौधरी का भी ठीक-ठाक प्रभाव है. अगर बात धर्मवीर सिंह की करें तो उन्हें जहां मोदी के नाम का सहरा मिलेगा तो वहीं अहीरवाल क्षेत्र से बीजेपी के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और राव इंद्रजीत सिंह की मदद मिलेगी. अगर जेजेपी स्वाति यादव को उम्मीदवार बनाती है तो उन्हें जाट वोटरों के अलावा युवा होने का तो फायदा मिलेगा ही साथ ही वो इनेलो के वोट में भी सेंधमारी कर सकती हैं.