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भिवानी में पाइपलाइन डालने का विवाद किसानों ने सुलझाया

भिवानी में पाइपलाइन को लेकर चल रहा विवाद अब सुलझ गया है. दोनों गांवों के लोग सहमति पर आते हुए सब कुछ सरकार पर छोड़ दिया है.

Dispute over laying of pipeline at Dhani Mhow minor in Bhiwani
Dispute over laying of pipeline at Dhani Mhow minor in Bhiwani
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Published : Sep 12, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Sep 12, 2020, 6:13 PM IST

भिवानी: ढाणीमाहू माइनर में पाइपलाइन डालने के समर्थन और विरोध में धरने पर बैठे दोनों पक्षों के किसानों में आपसी बातचीत करके समझौता कर लिया है और दोनों जगह से धरना समाप्त हो गया है. पाइप डालने का मामला प्रशासन और सरकार पर छोड़ दिया है.

पाइपलाइन डालने को लेकर बनी सहमति

बता दें कि निगाणा कैनाल से ढ़ाणी माहू माइनर में पाइपलाइन डालने के विरोध में दुल्हेड़ी आलमपुर रोड़ पर 8 अगस्त से किसानों का धरना चल रहा था. वहीं माइनर में पाइपलाइन डालने के पक्ष में ढ़ाणीमाहू बस स्टैंड पर 21 अगस्त से किसानों का धरना चल रहा था. आलमपुर धरना समर्थित किसानों का कहना है कि पाइपलाइन डालने से भूमिगत जल खारा हो जाएगा, जिसके चलते पीने के पानी की भी किल्लत हो जाएगी.

दो गांवों के बीच था विवाद

वहीं ढाणी माहू समर्थित गांवों के किसानों के अनुसार उनके खेतों में टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा. पाइपलाइन के डालने से टेल पर बैठे किसानों तक भी पानी पहुंच सकता है. किसान क्रांति कुनबे के संयोजक सुशील वर्मा की अपील पर ढाणी माहू माइनर में पाइपलाइन डालने को लेकर गांव निंगाना कलां में पाइप लाइन के समर्थन और विरोध में आलमपुर और ढाणी माहू में धरनारत किसानों की पंचायत हुई.

मामला सरकार पर छोड़ा

पंचायत में दोनों पक्षों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि लगातार चल रहे धरनों से दोनों पक्षों के किसानों और ग्रामीणों में तनातनी का माहौल है. इसलिए दोनों धरने समाप्त किए जाएं और पाइप लगाने का मामला प्रशासन और सरकार पर छोड़ा जाए. पंचायत में यह भी संकल्प लिया गया कि सभी 20 गांवों के किसान आपसी मतभेद भुलाकर इस पिछड़े इलाके में भरपूर मात्रा में पानी लाने के लिए संघर्ष करेंगे.

ये भी पढ़ें- पंचकूला में 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, POCSO के तहत केस दर्ज

किसान क्रांति कुनबा के संयोजक सुशील वर्मा ने बताया कि आलमपुर गांव में एक किसान की अकाल मृत्यु हो गई. वहीं पिपली, कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुई सरकारी बर्बरता पर दोनों पक्षों के किसान दुखी थे. इसलिए दोनों पक्षों ने धरने खत्म करने का फैसला लिया है. पाइप डालने का काम अब प्रशासन पर छोड़ दिया है.

समाजसेवी ऋषिपाल फौगाट आलमपुर ने कहा कि किसानों का भाईचारा बना रहे इसलिए दोनों पक्षों के किसानों की निगाना में बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई. दोनों पक्षों की तरफ से धरना स्थगित करने पर सहमति बनी. उन्होंने कहा कि भाइचारे से बड़ा कुछ भी नहीं है. पाइपलाइन डालने के कार्य को सरकार के ऊपर छोड़ दिया.

भिवानी: ढाणीमाहू माइनर में पाइपलाइन डालने के समर्थन और विरोध में धरने पर बैठे दोनों पक्षों के किसानों में आपसी बातचीत करके समझौता कर लिया है और दोनों जगह से धरना समाप्त हो गया है. पाइप डालने का मामला प्रशासन और सरकार पर छोड़ दिया है.

पाइपलाइन डालने को लेकर बनी सहमति

बता दें कि निगाणा कैनाल से ढ़ाणी माहू माइनर में पाइपलाइन डालने के विरोध में दुल्हेड़ी आलमपुर रोड़ पर 8 अगस्त से किसानों का धरना चल रहा था. वहीं माइनर में पाइपलाइन डालने के पक्ष में ढ़ाणीमाहू बस स्टैंड पर 21 अगस्त से किसानों का धरना चल रहा था. आलमपुर धरना समर्थित किसानों का कहना है कि पाइपलाइन डालने से भूमिगत जल खारा हो जाएगा, जिसके चलते पीने के पानी की भी किल्लत हो जाएगी.

दो गांवों के बीच था विवाद

वहीं ढाणी माहू समर्थित गांवों के किसानों के अनुसार उनके खेतों में टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा. पाइपलाइन के डालने से टेल पर बैठे किसानों तक भी पानी पहुंच सकता है. किसान क्रांति कुनबे के संयोजक सुशील वर्मा की अपील पर ढाणी माहू माइनर में पाइपलाइन डालने को लेकर गांव निंगाना कलां में पाइप लाइन के समर्थन और विरोध में आलमपुर और ढाणी माहू में धरनारत किसानों की पंचायत हुई.

मामला सरकार पर छोड़ा

पंचायत में दोनों पक्षों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि लगातार चल रहे धरनों से दोनों पक्षों के किसानों और ग्रामीणों में तनातनी का माहौल है. इसलिए दोनों धरने समाप्त किए जाएं और पाइप लगाने का मामला प्रशासन और सरकार पर छोड़ा जाए. पंचायत में यह भी संकल्प लिया गया कि सभी 20 गांवों के किसान आपसी मतभेद भुलाकर इस पिछड़े इलाके में भरपूर मात्रा में पानी लाने के लिए संघर्ष करेंगे.

ये भी पढ़ें- पंचकूला में 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, POCSO के तहत केस दर्ज

किसान क्रांति कुनबा के संयोजक सुशील वर्मा ने बताया कि आलमपुर गांव में एक किसान की अकाल मृत्यु हो गई. वहीं पिपली, कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुई सरकारी बर्बरता पर दोनों पक्षों के किसान दुखी थे. इसलिए दोनों पक्षों ने धरने खत्म करने का फैसला लिया है. पाइप डालने का काम अब प्रशासन पर छोड़ दिया है.

समाजसेवी ऋषिपाल फौगाट आलमपुर ने कहा कि किसानों का भाईचारा बना रहे इसलिए दोनों पक्षों के किसानों की निगाना में बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई. दोनों पक्षों की तरफ से धरना स्थगित करने पर सहमति बनी. उन्होंने कहा कि भाइचारे से बड़ा कुछ भी नहीं है. पाइपलाइन डालने के कार्य को सरकार के ऊपर छोड़ दिया.

Last Updated : Sep 12, 2020, 6:13 PM IST
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