भिवानी: जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन मुस्तैद नजर आ रहा है. भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना जांच के लिए टीमें गठित कर शहर के प्रत्येक घर जाकर जांच का कार्य किया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्ति का उपचार आइसोलेशन सेंटर में किया जाएगा.
उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर कोई व्यक्ति होम आइसोलेट होकर अपना इलाज करवाना चाहता है तो उसे घर पर ही कोविड किट और ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी. जयबीर सिंह आर्य ने बताया कि गंभीर मरीजों का इलाज सरकारी और निजी अस्पतालों में करने के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं.
उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन करवाना बहुत जरूरी है. डीसी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सिनेशन करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं. डीसी ने कहा कि 18 से 44 आयु वर्ग के व्यक्ति अपना पंजीकरण करवाएं. साथ ही डीसी ने कहा कि वैक्सीन के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति अपना आधार कार्ड ले जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.
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उपायुक्त जयबीर सिंह ने बताया कि शहर में वैक्सीन लगवाने के लिए पार्षद सिविल सर्जन से संपर्क करके शिविर भी आयोजित करवा सकते हैं. डीसी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित की गई टीमों के जरिए जिला में प्रतिदिन 2 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है.
डीसी ने बताया कि कोरोना को लेकर पार्षद शहर के अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने का काम करें जिससे कि कोरोना को हराया जा सके. डीसी ने कहा कि दुकान, शराब के ठेके, विवाह समारोह के लिए मापदंड निर्धारित कर दिए गए हैं. डीसी ने लोगों से अपली करते हुए कहा कि लोग कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन करें.
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उपायुक्त ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा रेट तय कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस को देखते हुए जिला शिक्षा बोर्ड में कंट्रोल रूम बनाया गया है. डीसी ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों का प्राथमिक स्तर पर स्थानीय सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. ब्लैक फंगस के गंभीर मरीजों को उपचार के लिए पीजीआई रोहतक और अग्रोहा भेजा जा रहा है.