भिवानी: लिपिक वर्गीय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सभी विधायकों (Clerical class employees memorandum to MLA) को ज्ञापन सौंपेंगे. संगठन ने इसकी रुपरेखा तैयार कर ली है. कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी नौ सूत्री मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री पहले ही सहमति दे चुके हैं. इसके बावजूद अधिकारियों ने इस संबंध में पत्र जारी नहीं किया. जिससे नाराज कर्मचारी (angry due to non-fulfillment of demands) अब आंदोलन की राह पर है. कर्मचारियों ने बताया कि शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में 9 मांगों पर सहमति बनी थी. जिन्हें पूरा नहीं किया गया.
इस बीच संगठन ने निदेशक कार्यालय पर दो बार प्रदर्शन किया. उन्हें बार- बार केवल आश्वासन दिए गए. अब संगठन ने आपातकालीन बैठक करके निर्णय लिया है कि सभी विधायकों को दिसंबर व जनवरी महीने से ज्ञापन सौंपेंगे. जिसके लिए हर कमिश्नरी स्तर पर शेड्यूल जारी कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के राज्य प्रधान संदीप सांगवान (Sandeep Sangwan, state head of clerical staff) ने कहा कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का वेतन कम है इसे बढ़ाया जाना चाहिए.
उन्होंने कर्मचारियों का ड्यूटी चार्ट बनाने, केपट पोस्टो को खोल कर दूर दराज के कर्मचारियों को नजदीक समायोजित करने, प्रमोशनल पदों के सेवा नियम में संशोधन, डीईओ पलवल कार्यालय में अन्य जिलों की तरह पद स्वीकृति किये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को चुनाव कार्यो को छोड़कर अन्य किसी विभाग में ड्यूटी पर ना लगाया जाए. इन मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में सहमति बनी थी. बैठक के 3 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुए हैं.
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