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देशभर में नवरात्रि की धूम...भिवानी में स्थित 700 साल पुराना माता रानी का मंदिर बना आस्था का प्रतीक - ईटीवी भारत चैत्र नवरात्रि न्यूज

आज से चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत हो चुकी है. मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. आज के दिन भक्त मंदिरों में माता रानी से अपनी इच्छाओं की अरदास लगाते हैं और माता रानी के चरणों में शीश नवाते हैं. भिवानी की पहाड़ियों पर भी एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है जहां माता रानी के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी इच्छाएं पूरी होती है.

Chaitra Navratri 2023
आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत
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Published : Mar 22, 2023, 3:47 PM IST

नवरात्रि पर भिवानी में मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु.

भिवानी: दिल्ली-पिलानी रोड पर भिवानी से मात्र सात किलोमीटर दूरी पर बसा गांव देवसर धार्मिक आस्था के हिसाब से प्रसिद्ध है. साथ ही यहां का मुख्य धाम देवसर धाम पहाड़ी पर बना माता रानी का मंदिर देश विदेश में भी प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद मातारानी अवश्य ही पूरी करती हैं. नवरात्रों में तो इस मंदिर में देश व प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचकर देवी माता की पूजा-अर्चना व अखंड ज्योति जलाकर परिवार के लिए सुख व समृद्धि की कामना करते है.

गांव के इतिहास की बात करें तो देवसर गांव करीब 700 साल से ज्यादा पुराना है. बताया जाता है कि एक जमाने में यह इलाका बंजर हुआ करता था. एक बार बंजारा समूह यहां गाय चराते हुए पहुंच गया. रात को उन्होंने यहां ठहराव किया. सुबह अपनी गायों को ले जाने लगे तो गाय वहां से उठी नहीं. जब वह गाय उठाने के लिए प्रयास कर रहे थे तो अचानक आकाशवाणी हुई कि अरे मां दुर्गा को याद करो, मां तुम्हारी मदद करेंगी. यह आवाज सुन बंजारा समूह के लोगों ने वहीं से कंकड़ पत्थर एकत्रित किए और माता रानी के लिए छोटी सी मंदिर रूपी जगह बनाई और पूजा अर्चना की. जैसे ही पूजा-अर्चना शुरू हुई, वैसे ही सभी गाय उठने लगीं. इसके बाद जब भी वे यहां आते माता रानी को याद जरूर करते.

Chaitra Navratri Celebration in Bhiwani
माता की पूजा-अर्चना करने भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु.

इसी तरह एक और किंवदंती है कि यहां देवसर गांव बसा तो यहां ओछटिया खेड़ा होता था. किन्हीं कारणों से यह खेड़ा उजड़ गया. बड़े बुजुर्गों की माने तो एक दिन माता रानी की आकाशवाणी हुई. इस परिवार के लोग माता रानी की सेवा करेंगे तो यह खेड़ा फिर से आबाद हो जाएगा. मंदिर के बनने से लेकर आजतक ओछटिया परिवार मंदिर में सेवा कार्य कर रहा है. इसके अलावा देवसर धाम मंदिर और परिसर की देखभाल सेवा कार्य चैरिटेबल ट्रस्ट कर रहा है.

मंदिर के पुजारी विक्रम ने बताया कि यह मंदिर प्राचीन समय से स्थापित है. इस मंदिर में राजपूत व ब्राह्मण समाज से जुड़े पुजारी पूजा-पाठ करते हैं. इससे यहां भाईचारा एवं एकता को भी बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा कि देवसर धाम में गर्मी व सर्दी के दोनों नवरात्रि पर नौ दिन तक पूजा-पाठ होती है. जिसमें केवल हरियाणा प्रांत से ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी लोग मन्नत मांगने व पूजा करने के लिए पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2023: गुरुग्राम में सजा शीतला माता का दरबार, मत्था टेकने को उमड़ रहे श्रद्धालु

नवरात्रि पर भिवानी में मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु.

भिवानी: दिल्ली-पिलानी रोड पर भिवानी से मात्र सात किलोमीटर दूरी पर बसा गांव देवसर धार्मिक आस्था के हिसाब से प्रसिद्ध है. साथ ही यहां का मुख्य धाम देवसर धाम पहाड़ी पर बना माता रानी का मंदिर देश विदेश में भी प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद मातारानी अवश्य ही पूरी करती हैं. नवरात्रों में तो इस मंदिर में देश व प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचकर देवी माता की पूजा-अर्चना व अखंड ज्योति जलाकर परिवार के लिए सुख व समृद्धि की कामना करते है.

गांव के इतिहास की बात करें तो देवसर गांव करीब 700 साल से ज्यादा पुराना है. बताया जाता है कि एक जमाने में यह इलाका बंजर हुआ करता था. एक बार बंजारा समूह यहां गाय चराते हुए पहुंच गया. रात को उन्होंने यहां ठहराव किया. सुबह अपनी गायों को ले जाने लगे तो गाय वहां से उठी नहीं. जब वह गाय उठाने के लिए प्रयास कर रहे थे तो अचानक आकाशवाणी हुई कि अरे मां दुर्गा को याद करो, मां तुम्हारी मदद करेंगी. यह आवाज सुन बंजारा समूह के लोगों ने वहीं से कंकड़ पत्थर एकत्रित किए और माता रानी के लिए छोटी सी मंदिर रूपी जगह बनाई और पूजा अर्चना की. जैसे ही पूजा-अर्चना शुरू हुई, वैसे ही सभी गाय उठने लगीं. इसके बाद जब भी वे यहां आते माता रानी को याद जरूर करते.

Chaitra Navratri Celebration in Bhiwani
माता की पूजा-अर्चना करने भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु.

इसी तरह एक और किंवदंती है कि यहां देवसर गांव बसा तो यहां ओछटिया खेड़ा होता था. किन्हीं कारणों से यह खेड़ा उजड़ गया. बड़े बुजुर्गों की माने तो एक दिन माता रानी की आकाशवाणी हुई. इस परिवार के लोग माता रानी की सेवा करेंगे तो यह खेड़ा फिर से आबाद हो जाएगा. मंदिर के बनने से लेकर आजतक ओछटिया परिवार मंदिर में सेवा कार्य कर रहा है. इसके अलावा देवसर धाम मंदिर और परिसर की देखभाल सेवा कार्य चैरिटेबल ट्रस्ट कर रहा है.

मंदिर के पुजारी विक्रम ने बताया कि यह मंदिर प्राचीन समय से स्थापित है. इस मंदिर में राजपूत व ब्राह्मण समाज से जुड़े पुजारी पूजा-पाठ करते हैं. इससे यहां भाईचारा एवं एकता को भी बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा कि देवसर धाम में गर्मी व सर्दी के दोनों नवरात्रि पर नौ दिन तक पूजा-पाठ होती है. जिसमें केवल हरियाणा प्रांत से ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी लोग मन्नत मांगने व पूजा करने के लिए पहुंचते हैं.

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