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हरियाणा खेल विभाग ने भिवानी साई सेंटर से बॉक्सिंग को हटाया, विरोध में उतरे बॉक्सर और कोच व खेल प्रेमी

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Published : Apr 7, 2023, 2:37 PM IST

हरियाणा खेल विभाग के भिवानी साई सेंटर से बॉक्सिंग हटाए जाने के आदेश के विरोध में शहर के खेल प्रेमियों में भारी नाराजगी है. भिवानी के मुक्केबाज, कोच इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन (boxing players Protest in Bhiwani) कर रहे हैं और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

boxing players Protest in Bhiwani
हरियाणा खेल विभाग ने भिवानी साई सेंटर से बॉक्सिंग को हटाया

भिवानी: मिनी क्यूबा भिवानी के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हर बार पदक जीते हैं और अपने खेल को आगे बढ़ाया है. भिवानीवासियों ने भी खिलाड़ियों का हमेशा मनोबल बढ़ाया है. इसके बावजूद हरियाणा खेल विभाग ने भिवानी साई सेंटर से बॉक्सिंग को हटा दिया. हाल ही में विश्व बॉक्सिंग चैंपियन बनीं नीतू की जीत का खुमार अभी उतरा भी नहीं था कि विभाग ने बॉक्सिंग से जुड़े खिलाड़ियों को जोर का झटका धीरे से दे दिया. इस खबर को सुनने के बाद से भिवानी के बॉक्सर, कोच व खेल प्रेमियों में रोष व्याप्त है. उन्होंने भिवानी में रोष प्रदर्शन करते हुए कहा कि वो जान की बाजी लगा देंगे लेकिन भिवानी से बॉक्सिंग खत्म नहीं होने देंगे.

भिवानी के मुक्केबाजों ने जीते हैं कई अंतरराष्ट्रीय पदक: भिवानी के लड़के-लड़कियों ने अपने देशी खान-पान से अपने मुक्कों को इतना मजबूत बनाया कि इनके सामने देश ही नहीं, दुनिया के अच्छे से अच्छे मुक्केबाज भी नहीं टिक पाते हैं. यहां के बॉक्सरों के मुक्कों की धमक समय-समय पर पूरी दुनिया में सुनाई देती है. वर्ष 1985 में स्थापित अकेले भिवानी साई सेंटर के खिलाड़ियों ने करीब 15 ओलंपिक व 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. यही कारण है कि हरियाणा के भिवानी को मिनी क्यूबा कहा जाता है.

पढ़ें : हरियाणा की हर्षिता कौशिक को अमेरिका से मिली स्कॉलरशिप, 8 राउंड की परीक्षा देने के बाद मिली सफलता

संकट में मिनी क्यूबा की पहचान!: खेल विभाग का आदेश भिवानी की इस पहचान को छीनने वाला है. दो दिन पहले भिवानी से बॉक्सिंग को खत्म करने का आदेश आया है. यह आदेश भिवानी के बॉक्सरों के लिए एक तरह का 'डेथ वारंट' है. जिसे देखते ही हर कोई गुस्से में है. बॉक्सिंग को खत्म होता देख बॉक्सर, कोच व खेल प्रेमियों ने भिवानी के साई हॉस्टल के बाहर जमकर नारेबाजी की और सरकार व खेल विभाग से बॉक्सिंग खत्म नहीं करने की मांग की.

पढ़ें : चंडीगढ़ में एलेंजर्स गली क्रिकेट टूर्नामेंट का आगाज, युवाओं का हौसला बढ़ाने पहुंचेंगे कपिल देव सहित दिग्गज खिलाड़ी

विरोध में उतरे युवा बॉक्सर: युवा बॉक्सर सोनिका, नीशू व दीपिका ने बताया कि बॉक्सिंग को खत्म किया तो भिवानी के खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में होगा. उन्होंने कहा कि हमारे परिजन इतने अमीर नहीं हैं, जो उन्हें दूर किसी अन्य जिलों में खेलने के लिए भेजें. उन्होंने सरकार व खेल विभाग से यह फैसला वापस लेने की मांग की है. वहीं, खेल प्रेमी कमल प्रधान व कोच नवीन बल्हारा ने कहा कि भिवानी साई हॉस्टल के खिलाड़ियों ने 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक पाए हैं, जिनमें ज्यादातर बॉक्सिंग में हैं. उन्होंने कहा कि यहीं से बिजेंद्र बॉक्सर निकले हैं, ऐसे में भिवानी से बॉक्सिंग को खत्म नहीं होने दिया जाएगा.

भिवानी: मिनी क्यूबा भिवानी के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हर बार पदक जीते हैं और अपने खेल को आगे बढ़ाया है. भिवानीवासियों ने भी खिलाड़ियों का हमेशा मनोबल बढ़ाया है. इसके बावजूद हरियाणा खेल विभाग ने भिवानी साई सेंटर से बॉक्सिंग को हटा दिया. हाल ही में विश्व बॉक्सिंग चैंपियन बनीं नीतू की जीत का खुमार अभी उतरा भी नहीं था कि विभाग ने बॉक्सिंग से जुड़े खिलाड़ियों को जोर का झटका धीरे से दे दिया. इस खबर को सुनने के बाद से भिवानी के बॉक्सर, कोच व खेल प्रेमियों में रोष व्याप्त है. उन्होंने भिवानी में रोष प्रदर्शन करते हुए कहा कि वो जान की बाजी लगा देंगे लेकिन भिवानी से बॉक्सिंग खत्म नहीं होने देंगे.

भिवानी के मुक्केबाजों ने जीते हैं कई अंतरराष्ट्रीय पदक: भिवानी के लड़के-लड़कियों ने अपने देशी खान-पान से अपने मुक्कों को इतना मजबूत बनाया कि इनके सामने देश ही नहीं, दुनिया के अच्छे से अच्छे मुक्केबाज भी नहीं टिक पाते हैं. यहां के बॉक्सरों के मुक्कों की धमक समय-समय पर पूरी दुनिया में सुनाई देती है. वर्ष 1985 में स्थापित अकेले भिवानी साई सेंटर के खिलाड़ियों ने करीब 15 ओलंपिक व 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. यही कारण है कि हरियाणा के भिवानी को मिनी क्यूबा कहा जाता है.

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संकट में मिनी क्यूबा की पहचान!: खेल विभाग का आदेश भिवानी की इस पहचान को छीनने वाला है. दो दिन पहले भिवानी से बॉक्सिंग को खत्म करने का आदेश आया है. यह आदेश भिवानी के बॉक्सरों के लिए एक तरह का 'डेथ वारंट' है. जिसे देखते ही हर कोई गुस्से में है. बॉक्सिंग को खत्म होता देख बॉक्सर, कोच व खेल प्रेमियों ने भिवानी के साई हॉस्टल के बाहर जमकर नारेबाजी की और सरकार व खेल विभाग से बॉक्सिंग खत्म नहीं करने की मांग की.

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विरोध में उतरे युवा बॉक्सर: युवा बॉक्सर सोनिका, नीशू व दीपिका ने बताया कि बॉक्सिंग को खत्म किया तो भिवानी के खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में होगा. उन्होंने कहा कि हमारे परिजन इतने अमीर नहीं हैं, जो उन्हें दूर किसी अन्य जिलों में खेलने के लिए भेजें. उन्होंने सरकार व खेल विभाग से यह फैसला वापस लेने की मांग की है. वहीं, खेल प्रेमी कमल प्रधान व कोच नवीन बल्हारा ने कहा कि भिवानी साई हॉस्टल के खिलाड़ियों ने 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक पाए हैं, जिनमें ज्यादातर बॉक्सिंग में हैं. उन्होंने कहा कि यहीं से बिजेंद्र बॉक्सर निकले हैं, ऐसे में भिवानी से बॉक्सिंग को खत्म नहीं होने दिया जाएगा.

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