भिवानी: डाडम खनन क्षेत्र भिवानी में पहाड़ खिसकने (landslide in bhiwani) से आधा दर्जन वाहन सहित पांच से दस लोगों के पहाड़ के मलबे में दबने की सूचना है. आज सुबह करीबन सवा आठ बजे खनन कार्य के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक से दरक गया, जिसके चलते वहां खड़ी आधा दर्जन के करीब पोपलैंड मशीनें और डंपर दब गए. इसके साथ ही लगभग पांच से दस से अधिक लोगों के दबे होने की खबर है. जबकि चार मजदूरों की मौत हुई है. एक मृतक पंजाब का रहने वाला है जबकि बाकी लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. घायलों में झारखंड और बिहार के ज्यादा लोग शामिल हैं.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि, प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. गाजियाबाद से NDRF की टीम, मधुबन से SDRF की टीम बुलाई गई है. वहीं हिसार से आर्मी की एक यूनिट बुलाई गई है. बता दें कि भिवानी जिला के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. हादसे के बाद प्रशासन राहत कार्यो में जुट गया है और पहाड़ के मलबे को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है. हालांकि दबे हुए व्यक्तियों की संख्या को लेकर कुछ भी स्पष्ट आंकड़ा अभी सामने नहीं आ पाया है. पुलिस प्रशासन ने पहाड़ दरकने वाले स्थान पर मीडियाकर्मियों और आम लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी है. घटनास्थल से दूर ही आम लोगों को रोका गया है.
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कैसे हुआ हादसा: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है. अभी तक 10 लोगों के दबे होने की आशंका है. दो व्यक्ति उपचाराधीन है. जबकि चार मजदूरों की मौत हुई है.
भिवानी जिला के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. हादसे के बाद प्रशासन राहत कार्यो में जुट गया है और पहाड़ के मलबे को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है. ये राहत कार्य रातभर चलेगा. वहीं पुलिस प्रशासन ने पहाड़ दरकने वाले स्थान पर मीडियाकर्मियों और आम लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी है. घटनास्थल से दूर ही आम लोगों को रोका गया है.
बता दें कि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लंबे समय से खनन कार्य बंद किया गया था. दो दिन पहले ही विभाग की ओर से खनन की अनुमति मिली थी. दो दिन पहले ही खनन के लिए बिजली विभाग ने पावर सप्लाई शुरू की थी. बता दें कि, डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है. कंपनी ने वर्ष 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया. जहां हादसा हुआ वो गोवर्धन माइंस कंपनी का काम चल रहा था. जानकारी के मुताबिक हादसे में पीड़ित लोग खनन श्रेत्र में अलग-अलग काम करते थे.
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