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भिवानी नगर पालिका के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सांसद धर्मबीर सिंह को सौंपा ज्ञापन

शुक्रवार को नगर पालिका कर्मचारियों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. नगर पालिका कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह को सीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

नगर पालिका कर्मचारियों ने धर्मबीर सिंह को सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 9, 2019, 10:53 PM IST

भिवानी: हरियाणा सरकार और भिवानी नगर पालिका कर्मचारियों के बीच 24 मई 2018 के समझौते को लागू करने के लिए शुक्रवार को नगर पालिका कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. कर्मचारी प्रदर्शन करते हुये सांसद धर्मबीर सिंह के घर पहुंचे और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

नगर पालिका कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

इस अवसर पर कर्मचारी नेता पुरूषोत्तम दानव ने कहा कि संघ और सरकार के बीच हुए समझौते में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है. सरकार के इस कर्मचारी विरोधी रवैये से प्रदेश की पालिका, परिषदों और निगमों के कर्मचारियों में रोष है.

क्या है नगर पालिका कर्मचारियों की मांग?

  • नगर पालिक में ठेका प्रथा को समाप्त कर दिया जाए
  • फायर ऑपरेटरों की भर्ती को तुरंत रद्द किया जाए
  • सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाये और सरकार एक्सग्रेसिया पॉलिसी को बहाल करे
  • भाजपा के 2014 के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार सफाई कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 15 हजार रूपए और 10 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी की जाए
  • ईएसआई और ईपीएफ घोटाले की जांच विजिलेंस से करवाने की मांग की जाए

वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ज्ञापन सौंपने वाले किरोड़ी इंदौरा और भगवानदास कालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सरकार ढाई लाख रुपये देती है, लेकिन उनको ये सुविधा नहीं दी जा रही है.

भिवानी: हरियाणा सरकार और भिवानी नगर पालिका कर्मचारियों के बीच 24 मई 2018 के समझौते को लागू करने के लिए शुक्रवार को नगर पालिका कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. कर्मचारी प्रदर्शन करते हुये सांसद धर्मबीर सिंह के घर पहुंचे और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

नगर पालिका कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

इस अवसर पर कर्मचारी नेता पुरूषोत्तम दानव ने कहा कि संघ और सरकार के बीच हुए समझौते में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है. सरकार के इस कर्मचारी विरोधी रवैये से प्रदेश की पालिका, परिषदों और निगमों के कर्मचारियों में रोष है.

क्या है नगर पालिका कर्मचारियों की मांग?

  • नगर पालिक में ठेका प्रथा को समाप्त कर दिया जाए
  • फायर ऑपरेटरों की भर्ती को तुरंत रद्द किया जाए
  • सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाये और सरकार एक्सग्रेसिया पॉलिसी को बहाल करे
  • भाजपा के 2014 के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार सफाई कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 15 हजार रूपए और 10 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी की जाए
  • ईएसआई और ईपीएफ घोटाले की जांच विजिलेंस से करवाने की मांग की जाए

वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ज्ञापन सौंपने वाले किरोड़ी इंदौरा और भगवानदास कालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सरकार ढाई लाख रुपये देती है, लेकिन उनको ये सुविधा नहीं दी जा रही है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 9 अगस्त।
मांगों के समर्थन में नप पालिका संघ कर्मचारी उतरे सडक़ों पर
नारेबाजी कर जताया विरोध, सांसद को सौंपा ज्ञापन
आवास योजना के तहत क्षेत्रवासियों ने सांसद को सौंपा ज्ञापन
हरियाणा सरकार व नप कर्मचारियों के बीच 24 मई 2018 के समझाते को लागू करने, 1046 फायर आपरेटरों के पदों पर होने वाली भर्ती को रदद करने, ठेका प्रथा के तहत लगे 1366 फायर मैनों व ड्राईवरों को विभाग में समायोजित करने सहित अन्य मांगों को लेकर नप कर्मचारी संघ सम्बंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के कर्मचारियों ने आज प्रदर्शन किया और भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह के आवास पर नारेबाजी कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। वही दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित क्षेत्रवासी यहां बावड़ी गेट से होते हुए सांसद धर्मबीर सिंह के आवास पर पहुंचे। उन्होंने सांसद धर्मबीर ङ्क्षसह को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द सुविधाएं मुहैया करवाए जाने की मांग की।
नगरपालिका कर्मचारी नगर परिषद कार्यालय से शुरू होकर सांसद धर्मबीर के आवास तक नारेबाजी करते हुए जुलूस के साथ पहुंचे। वहां पर उन्होंने विधायक के आवास पर प्रदर्शन किया बाद में कर्मचारियों ने सांसद की मार्फत मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन भेजा। कर्मचारियों का नेतृत्व नप कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री कर रहे थे।
Body: इस अवसर पर कर्मचारी नेता पुरूषोत्तम दानव ने कहा कि संघ व सरकार के बीच हुए समझोते में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है। सरकार के इस कर्मचारी विरोधी रवैये से प्रदेश के पालिका, परिषदों व निगमों के कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने ठेका प्रथा समाप्त करने, फायर ऑपरेटरों की भर्ती रदद करने, सभी प्रकार के कच्चे कम्रचारियों को पक्का करने, एक्सग्रेसिया पालिसी को बहाल करने, भाजपा के 2014 के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार सफाई कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 15 हजार रूपए तथा 10 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी करने, समान काम समान वेतन लागू करने, सफाई कर्मचारियों को तेल, साबून, तोलिया व हाजरी साईड बनाए जाने, हड़ताल के दौरान काय्रकर्ताओं एवं कर्मचारियेां पर बनाए गए मुदमों को वापिस लेने, रिक्त पदों को भरने, इएसआई व ईपीएफ घोटाले की जांच विजिलेंस से करवाने की मांग की।
Conclusion: वही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ज्ञापन सौंपने वाले किरोड़ी इंदौरा व भगवानदास कालिया ने कहा कि नकों प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सरकार ढाई लाख रूपए देती है, लेकिन उनकों यह सुविधा नहीं दी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ मकान नगर पालिका विभाग उनके उपर अनाप शनाप शर्तें थोंप रहा है। जिसकों वे पूरा करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी शर्तो को जल्द से जल्द हटाया जाए ताकि उनकों किसी भी बाधा का सामना ना करना पड़े।
बाईट : पुरूषोत्तम दानव सफाई कर्मचारी नेता एवं किरोड़ी इंदौरा व भगवानदास कालिया आवास योजना।
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