भिवानी: चौधरी की जंग को लेकर शुरू हुआ भिवानी के बडेसरा गांव का हत्याकांड (bhiwani badesara murder case) एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस मामले में अपने बाप की मौत का बदला लेने वाले शूटर को सीआईए-टू पुलिस ने दो साथियों सहित गिरफ्तार किया है. सालों से चल रहे इस हत्याकांड में दो पक्षों के 6 लोगों की हत्या हो चुकी है और 55 लोग जेल में हैं.
बता दें कि बडेसरा गांव में चौधर की जंग को लेकर ये खूनी संघर्ष (bloody clash in badesara bhiwani) साल 2016 में उस समय शुरू हुआ, जब तत्कालीन सरपंच सुदेश की 10वीं कक्षा की मार्कशीट आरटीआई के तहत फर्जी मिली थी. जिसके बाद सरपंच सुदेव व उसके पति बबलू को जेल हो गई. इसके बाद आरटीआई लगाने वाले बलजीत व सरपंच पक्ष बबलू गुट में खूनी संघर्ष शुरू हो गया.
शुरूआत में बबलू गुट ने एक-एक कर बलजीत सहित उसके गुट के पांच लोगों को मौत के घाट उतारा दिया. बलजीत गुट ने भी बबलू गुट के एक शख्स की हत्या कर दी. अब तक दोनों गुटों के 6 लोगों की मौत हो चुकी है. भिवानी एसपी अजीत सिंह शेखावत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ये केस सीआईए-टू पुलिस को सौंपा. जिस पर कार्रवाई करते सीआईए टू पुलिस ने आरोपी शीलक और उसके दो शूटर साथियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने तीनों के कब्जे से हथियार और कारतूस बरामद किए हैं. इस बारे सीआईए-2 इंचार्ज इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार ने बताया कि 16 नवंबर को इस हत्याकांड में महेन्द्र की हत्या की गई थी. इस हमले में अजीत मास्टर गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस मामले के आरोपी बडेसरा गांव निवासी शूटर शीलक को उसके दो शूटर साथियों सहित भिवानी मिनी बाइपास से गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि शीलक ने अपने पिता का बदला लेने के लिए बबलू पक्ष के महेंद्र व अजीत पर दनादन गोलियां दागी थी.
उन्होंने बताया कि आरोपी शूटरों से पिस्टल और 21 कारतूस बरामद किए गए हैं. बाकि आरोपियों की तलाश जारी है. इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार ने बताया कि बडेसरा हत्याकांड 2016 में सरपंच चुनाव के बाद शुरू हुआ. इस मामले में 55 लोग जेल में बंद हैं. इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार ने बताया कि शीलक व उसके साथी शूटरों को 7 दिन के रिमांड पर लिया है. जिनसे पूछताछ जारी है. पूछताछ में पता लगाया जाएगा कि वो ये हथियार और कारतूस कहां से लाए और इस वारदात में और कितने लोग शामिल थे.