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शहरों की तरह चमकेंगे भिवानी के गांव! गंदगी फैलाने पर लगेगा 5 हजार रूपये तक का जुर्माना - bhiwani swachta abhiyan

भिवानी के गांव अब जल्द ही चमकने लगेंगे. जिला प्रशासन ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. गंदगी फैलाने वालों पर भी 50 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा. ग्रामीणों ने भी प्रशासन की सराहना की है.

bhiwani administration preparations for cleanliness in villages
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Published : Jan 25, 2020, 2:16 PM IST

भिवानी: बहुत जल्द भिवानी जिले के सभी गांव चंडीगढ़ की तरह चमकने लगेंगे. जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है. गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा.

उसके बाद गंदगी फैलाने पर 50 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक जुर्माना वसूल किया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को चार चांद लगेंगे. भिवानी जिले के सभी 304 गांव जल्द ही चंडीगढ़ की तरह चमकने लगेंगे.

शहरों की तरह चमकेंगे भिवानी के गांव! देखें वीडियो

हर तरफ गंदगी
भिवानी जिले का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जिसमें प्रवेश करते ही जगह-जगह कूड़े व गंदगी के ढ़ेर दिखाई ना दें. ये गंदगी ही है कि गांवों को शहरों से अलग करती है. गांवों के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण गंदगी ही है.

अकसर गांवों की गलियों में, नालियों में गंदगी देखने को मिलती है. यही नहीं स्कूल हो या अस्पताल या अन्य कोई सरकारी भवन उसके आसपास भी गंदगी और गोबर के ढ़ेर मिलेंगे. जोहड़ हो या कोई अन्य खाली जगह, चारों तरफ गंदगी के ढ़ेर दिखते हैं. ये गंदगी ना केवल गांवों के विकास को रोकती है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ मानसिकता को भी गंदा करती है.

ये भी पढे़ं- करनाल: प्रदेश के पहले लालडोरा मुक्त गांव में पहुंचेंगे सीएम और डिप्टी सीएम, ये है कार्यक्रम

'कूड़े और कचरे के लिए बनाया जाएगा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट'
अब जिला प्रशासन ने जिले के सभी गांवों को शहरों की तर्ज पर चकाचक करने के लिए मास्टर प्लान बनाया है. इसके तहत लोगों को जागरूक कर गंदगी ना फैलाने के लिए जागरूक किया जाएगा. उसके बाद जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जाएगा. इसके साथ ही कूड़े और कचरे के प्रबंधन के लिए हर गांव में वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने 52 करोड़ 80 लाख रपये के बजट की डिमांड मुख्यालय को भेजी है.

एडीसी डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि गांव को साफ सुथरा रखने के लिए स्वच्छ दस्ते बनाए गए हैं, जो गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को स्वछता के प्रति जागरूक करेंगे. उन्होंने बताया कि पहला चरण जागरुकता के लिए चलाया जाएगा और उसके बाद पंचायतों के माध्यम से जुर्माना वसूला जाएगा.

ग्रामीणों ने की प्रशासन की सराहना
खास बात ये है कि प्रशासन की इस पहल की ग्रामीण भी सराहना कर रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जाए. कूड़े और कचरे का प्रबंधन सही से हो, जुर्माना लगाने वाली कमेटी में सामाजिक व प्रभावशाली लोग हों और युवा सहयोग करें तो इस योजना को कामयाबी मिल सकती है.

भिवानी: बहुत जल्द भिवानी जिले के सभी गांव चंडीगढ़ की तरह चमकने लगेंगे. जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है. गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा.

उसके बाद गंदगी फैलाने पर 50 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक जुर्माना वसूल किया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को चार चांद लगेंगे. भिवानी जिले के सभी 304 गांव जल्द ही चंडीगढ़ की तरह चमकने लगेंगे.

शहरों की तरह चमकेंगे भिवानी के गांव! देखें वीडियो

हर तरफ गंदगी
भिवानी जिले का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जिसमें प्रवेश करते ही जगह-जगह कूड़े व गंदगी के ढ़ेर दिखाई ना दें. ये गंदगी ही है कि गांवों को शहरों से अलग करती है. गांवों के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण गंदगी ही है.

अकसर गांवों की गलियों में, नालियों में गंदगी देखने को मिलती है. यही नहीं स्कूल हो या अस्पताल या अन्य कोई सरकारी भवन उसके आसपास भी गंदगी और गोबर के ढ़ेर मिलेंगे. जोहड़ हो या कोई अन्य खाली जगह, चारों तरफ गंदगी के ढ़ेर दिखते हैं. ये गंदगी ना केवल गांवों के विकास को रोकती है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ मानसिकता को भी गंदा करती है.

ये भी पढे़ं- करनाल: प्रदेश के पहले लालडोरा मुक्त गांव में पहुंचेंगे सीएम और डिप्टी सीएम, ये है कार्यक्रम

'कूड़े और कचरे के लिए बनाया जाएगा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट'
अब जिला प्रशासन ने जिले के सभी गांवों को शहरों की तर्ज पर चकाचक करने के लिए मास्टर प्लान बनाया है. इसके तहत लोगों को जागरूक कर गंदगी ना फैलाने के लिए जागरूक किया जाएगा. उसके बाद जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जाएगा. इसके साथ ही कूड़े और कचरे के प्रबंधन के लिए हर गांव में वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने 52 करोड़ 80 लाख रपये के बजट की डिमांड मुख्यालय को भेजी है.

एडीसी डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि गांव को साफ सुथरा रखने के लिए स्वच्छ दस्ते बनाए गए हैं, जो गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को स्वछता के प्रति जागरूक करेंगे. उन्होंने बताया कि पहला चरण जागरुकता के लिए चलाया जाएगा और उसके बाद पंचायतों के माध्यम से जुर्माना वसूला जाएगा.

ग्रामीणों ने की प्रशासन की सराहना
खास बात ये है कि प्रशासन की इस पहल की ग्रामीण भी सराहना कर रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जाए. कूड़े और कचरे का प्रबंधन सही से हो, जुर्माना लगाने वाली कमेटी में सामाजिक व प्रभावशाली लोग हों और युवा सहयोग करें तो इस योजना को कामयाबी मिल सकती है.

Intro:अब शहरों की तरह चमकेंगे गांव भी
पीएम मोदी के स्वछता अभियान को लगेंगे चार चांद
प्रशासन ने शहरों की तर्ज पर गांवों के लिए बनाई योजना
दो साल पहले बने प्लान को अब 304 गांवों में करेंगे लागू
गंदगी फैलाने पर लगेगा 5 हजार रूपये तक का जुर्माना
प्रशासन ग्रामीणों को करेगा जागरूक, फिर शुरू होगा जुर्माना
हर गांव में बनेंगे वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, 53 करोड़ रुपये होंगे खर्च
भिवानी, 25 जनवरी : बहुत जल्द भिवानी जिला के सभी गांव चंडीगढ़ की तरह चमकने लगेंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा और उसके बाद गंदगी फैलाने पर 50 रूपये से लेकर 5 हजार रूपये तक जुर्माना वसुल किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को चार चांद लगेंगे और भिवानी जिला के सभी 304 गांव जल्द ही चंडीगढ़ की तरह चमकने लगेंगे।
यूं तो भिवानी के हर गांव में तरह-तरह की प्रतिभाएं हैं। किसान व मजदूर मिलकर देश के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। यहां के युवा फौज व पुलिस में भर्ती होकर देश व प्रदेश की रक्षा करते हैं। गांव का भाईचारा और खानपान पूरे देश में सबसे अच्छा माना जाता है। यहां के लाडले व लाडली खेलों की बदौलत पूरी दुनिया में भिवानी के नाम को रोशन करते हैं, पर शायद ही कोई गांव होगा जिसमें प्रवेश करते ही जगह-जगह कूड़े व गंदगी के ढ़ेर दिखाई ना दें।
ये गंदगी ही है कि गांवों को शहरों से अलग करती है। गांवों के पिछडऩे का सबसे बड़ा कारण ये गंदगी ही है। अक्सर गांवों की गलियों में, नालियों में गंदगी देखने को मिलती है। यही नहीं स्कूल हो या अस्पताल या अन्य कोई सरकारी भवन उसके आसपास भी गंदगी और गोबर के ढ़ेर मिलेंगे। जोहड़ हो या कोई अन्य खाली जगह, चारों तरफ गंदगी के ढ़ेर दिखते हैं। ये गंदगी ना केवल गांवों के विकास को रोकती है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ मानसिकता को भी गंदा करती है।
पर अब जिला प्रशासन ने जिला के सभी गांवों को शहरों की तर्ज पर चकाचक करने के लिए मास्टर प्लान बनाया है। इसके तहत लोगों को जागरूक कर गंदगी ना फैलाने के लिए जागरूक किया जाएगा और उसके बाद जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही कूड़े व कचरे के प्रबंधन के लिए हर गांव में वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने 52 करोड़ 80 लाख रूपये के बजट की डिमांड मुख्यालय को भेजी है।
Body: एडीसी डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि गांव को साफ सुथरा रखने के लिए स्वच्छ दस्ते बनाए गए हैं, जो गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को स्वछता के प्रति जागरूक करेंगें। उन्होंने बताया कि पहला चरण जागरूकता के लिए चलाया जाएगा और उसके बाद पंचायतों के माध्यम से जुर्माना वसुला जाएगा। उन्होंने बताया कि अलग-अलग गंदगी फैलाने पर अलग-अलग जुर्माने का प्रवाधान किया गया है। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या खुले में खुले में शौच व सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा डालने की है। उन्होंने बताया कि इनके समाधान के हर प्रयास पूरे कर लिए गए हैं।
Conclusion: बता दें कि जागरूकता के बाद जो जुर्माना लगाया जाएगा वो 50 रूपये से 2 हजार रूपये तक है। सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 50 रूपये, खुले में कचरा फेंकने पर 50 रुपये, दुकानदार द्वारा गली में कचरा फेंकने पर 250 से 500 रुपये, धार्मिक स्थान पर कचरा फेंकने पर 250 रुपये, सीएचसी या पीएचसी द्वारा कचरा फेंकने पर 1500 रुपये, शिक्षण संस्थान द्वारा कचरा फेंकने पर 500 रुपये, उद्योग द्वारा कचरा फेंकने पर 1500 रुपये, होटल या ढाबों द्वारा कचरा फेंकने पर 500 रुपये, खुले या खाली प्लाट में कचरा फेंकने पर 100 रुपये, खुले में शौच या लघुशंका करने पर 2 हजार रुपये, नाई द्वारा रोड़ या गली में बाल फेंकने पर 800 रुपये, समारोह या रैली आयोजकों द्वारा गंदगी फैलाने पर एक हजार रुपये, पशुओं द्वारा गंदगी फैलाने पर मालिक पर एक हजार रुपये, खुले में कचरा जलाने पर 5 हजार रूपये, जोहड़, तालाब या जलघर में कचरा या गंदा पानी डालने पर 1500 रुपये, दीवारों पर पोस्टर लगाने या पेंटिग करने वालों पर एक हजार रुपये व गोबर को सार्वजनिक स्थान पर डालने पर 750 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। खास बात ये है कि प्रशासन की इस पहल की ग्रामीण भी सरहाना कर रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जाए, कूड़े व कचरे का प्रबंधन सही से हो, जुर्माना लगाने वाली कमेटी में सामाजिक व प्रभावशाली लोग हों तथा युवा सहयोग करें तो इस योजना को कामयाबी मिल सकती है।
बाइट : डोक्टर मनोज कुमार (एडीसी) एवं ग्रामीण।
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