भिवानी: 19 जनवरी को भिवानी में परमहंस बाबा जहरगिरी महाराज की पुण्यतिथि पर हालुवास गेट स्थित सिद्धपीठ बाबा जहर गिरी आश्रम में वार्षिक भंडारे का आयोजन किया जाएगा. इस भंडारे में बनने वाला संपूर्ण प्रसाद पवित्र जल गंगाजल एवं शुद्ध घी से बनेगा. जिसके लिए हरिद्वार से पहली खेप आश्रम परिसर में पहुंच चुकी है. बुधवार को आश्रम पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डॉक्टर अशोक गिरी महाराज ने पूजा-अर्चना की.
इस मौके पर श्रीमहंत ने बताया कि प्रसाद में प्रयोग होने वाले गंगाजल की अगली खेप भी जल्द ही आश्रम में पहुंचेगी. ये भंडारा उत्तर भारत का सबसे विशाल भंडारा होगा. जिसमें संत समागम का भी आयोजन किया जाएगा. देश-विदेश से साधु-संत यहां पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित भंडारे एवं संत समागम में मुख्य रूप से जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज शिरकत करेंगे.
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरी महाराज कार्यक्रम में पहुंचेंगे तथा नवनिर्मित अखंड धूना और संत कुटिया का लोकार्पण करेंगे. इनके अलावा देश-विदेश से भी श्रीमहंत, महामंडलेश्वर व अन्य साधु-संत पहुंचेंगे. जिनके रहने और ठहरने की व्यवस्था भी कर ली गई हैं. श्रीमहंत डॉक्टर अशोक गिरी ने बताया कि सनातन संस्कृति में गंगा के जल को सबसे पवित्र माना गया है. उन्होंने कहा कि गंगा ही एकमात्र ऐसी नदी है, जहां पर अमृत कुंभ की बूंदे दो जगह गिरी थी. अमृत की बूंदे इस गंगाजल में मिलने से संपूर्ण गंगा नदी का जल पवित्र माना जाता है. इस कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मांगा गया है.
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