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गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नहीं होगा नियम 134A के तहत बच्चों का दाखिला

मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से अपने जिले के अंतर्गत आने वाले स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की दस बिंदुओं पर आधारित रिपोर्ट भी तलब की है. जिसमें निजी विद्यालयों का पूरा नाम, पूर्व पता, पिन कोड और विद्यालय कोड एवं यू डाइस के साथ सूचना देनी होगी.

admission of children under 134A will not be done in unrecognized schools
गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नहीं होगा नियम 134A के तहत बच्चों का दाखिला
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Published : Feb 4, 2020, 7:10 PM IST

भिवानी: नए नए शिक्षा सत्र 2020-21 से प्रदेशभर के गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के दाखिलें नहीं हो पाएंगे. इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों के आगे दाखिला को लेकर बेरिगेट्स लगा दिया है.

बृजपाल परमार की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने लिया संज्ञान
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्रदेश भर में चल रहे गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बच्चों के नियम 134ए के तहत दाखिलों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी थी. इसमें सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा यह भी सामने आया था कि अस्थायी मान्यता तो आठवीं कक्षा तक थी, मगर दाखिला बारहवीं कक्षा तक कर दिए गए थे. इसमें नियम 134ए के तहत भी बच्चे दाखिल कर दिए गए.

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नहीं होगा नियम 134A के तहत बच्चों का दाखिला

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी प्रदेशभर के करीब 8200 गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों को चुनौति दी थी. अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों से स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी भी मांगी है. ये जानकारी 15 फरवरी तक मौलिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करानी होगी. अकेले भिवानी जिला में करीब 430 गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय चल रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: गुरुग्राम शिक्षा विभाग की पहल, स्कूली बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा कराएंगे गांव के काबिल युवा

मौलिक शिक्षा अधिकारियों को स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की देनी होगी पूर्ण जानकारी
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से अपने जिला के अंतर्गत आने वाले स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की दस बिंदुओं पर आधारित रिपोर्ट भी तलब की है. जिसमें निजी विद्यालय का पूरा नाम, पूर्व पता, पिन कोड और विद्यालय कोड एवं यू डाइस के साथ सूचना देनी होगी.

इसी तरह विद्यालय अंग्रेजी माध्यम है या हिंदी इससे भी अवगत कराना होगा. इसी के साथ विद्यालय की किस कक्षा तक मान्यता है, शहरी या ग्रामीण इलाके में चल रहा है इसकी भी समुचित जानकारी देनी होगी. विद्यालय को एजुकेशन और किस बोर्ड से सम्बद्धता रखता है, यह भी बताना होगा.

बृजपाल परमार ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अब स्थायी स्कूलों के अंदर नियम 134ए के तहत बच्चों के दाखिला सुनिश्चित करने के लिए ये जानकारी मांगी है. बृजपाल परमार ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नियम 134ए के तहत बच्चों के दाखिला व स्कूल अलाट करने के लिए जो ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई थी. उसमें भी व्यापक स्तर पर गड़बड़ी व धांधली हुई है.

इसे भी पढ़ें: हरियाणा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर शिक्षा मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां

गड़बड़ी होने पर जवाबदेही शिक्षा अधिकारियों की हो: बृजपाल परमार
बृजपाल परमार ने कहा कि इस बार उनका संगठन यह मांग उठाएगा कि बच्चों के नियम 134ए के तहत दाखिले और स्कूल अलाटमेंट किसी थर्ड पार्टी से ना कराकर खुद विभागीय कमेटी के माध्यम से कराए, ताकि गड़बड़ी होने पर जवाबदेही भी शिक्षा अधिकारियों की ही हो.

भिवानी: नए नए शिक्षा सत्र 2020-21 से प्रदेशभर के गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के दाखिलें नहीं हो पाएंगे. इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों के आगे दाखिला को लेकर बेरिगेट्स लगा दिया है.

बृजपाल परमार की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने लिया संज्ञान
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्रदेश भर में चल रहे गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बच्चों के नियम 134ए के तहत दाखिलों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी थी. इसमें सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा यह भी सामने आया था कि अस्थायी मान्यता तो आठवीं कक्षा तक थी, मगर दाखिला बारहवीं कक्षा तक कर दिए गए थे. इसमें नियम 134ए के तहत भी बच्चे दाखिल कर दिए गए.

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नहीं होगा नियम 134A के तहत बच्चों का दाखिला

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी प्रदेशभर के करीब 8200 गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों को चुनौति दी थी. अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों से स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी भी मांगी है. ये जानकारी 15 फरवरी तक मौलिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करानी होगी. अकेले भिवानी जिला में करीब 430 गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय चल रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: गुरुग्राम शिक्षा विभाग की पहल, स्कूली बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा कराएंगे गांव के काबिल युवा

मौलिक शिक्षा अधिकारियों को स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की देनी होगी पूर्ण जानकारी
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से अपने जिला के अंतर्गत आने वाले स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की दस बिंदुओं पर आधारित रिपोर्ट भी तलब की है. जिसमें निजी विद्यालय का पूरा नाम, पूर्व पता, पिन कोड और विद्यालय कोड एवं यू डाइस के साथ सूचना देनी होगी.

इसी तरह विद्यालय अंग्रेजी माध्यम है या हिंदी इससे भी अवगत कराना होगा. इसी के साथ विद्यालय की किस कक्षा तक मान्यता है, शहरी या ग्रामीण इलाके में चल रहा है इसकी भी समुचित जानकारी देनी होगी. विद्यालय को एजुकेशन और किस बोर्ड से सम्बद्धता रखता है, यह भी बताना होगा.

बृजपाल परमार ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अब स्थायी स्कूलों के अंदर नियम 134ए के तहत बच्चों के दाखिला सुनिश्चित करने के लिए ये जानकारी मांगी है. बृजपाल परमार ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नियम 134ए के तहत बच्चों के दाखिला व स्कूल अलाट करने के लिए जो ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई थी. उसमें भी व्यापक स्तर पर गड़बड़ी व धांधली हुई है.

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गड़बड़ी होने पर जवाबदेही शिक्षा अधिकारियों की हो: बृजपाल परमार
बृजपाल परमार ने कहा कि इस बार उनका संगठन यह मांग उठाएगा कि बच्चों के नियम 134ए के तहत दाखिले और स्कूल अलाटमेंट किसी थर्ड पार्टी से ना कराकर खुद विभागीय कमेटी के माध्यम से कराए, ताकि गड़बड़ी होने पर जवाबदेही भी शिक्षा अधिकारियों की ही हो.

Intro:
भिवानी, 04 फरवरी। नए शिक्षा सत्र 2020-21 से प्रदेशभर के गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के दाखिलें नहीं हो पाएंगे। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों के आगे दाखिला को लेकर बेरिगेट्स लगा दिया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्रदेश भर में चल रहे गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बच्चों के नियम 134ए के तहत दाखिलों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी थी। इसमें सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा यह भी सामने आया था कि अस्थायी मान्यता तो आठवीं कक्षा तक थी, मगर दाखिला बारहवीं कक्षा तक कर दिए गए थे। इसमें नियम 134ए के तहत भी बच्चे दाखिल कर दिए गए। इसके अलावा स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी प्रदेशभर के करीब 8200 गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों को चुनौति दी थी। अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों से स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी भी मांगी है। ये जानकारी 15 फरवरी तक मौलिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष उपलब्ध करानी होगी। अकेले भिवानी जिला में करीब 430 गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय चल रहे हैं।
Body:सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से अपने जिला के अंतर्गत आने वाले स्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की दस बिंदुओं पर आधारित रिपोर्ट भी तलब की है। जिसमें निजी विद्यालय का पूरा नाम, पूर्व पता, पिन कोड और विद्यालय कोड एवं यू डाइस के साथ सूचना देनी होगी। इसी तरह विद्यालय अंग्रेजी माध्यम है या हिंदी इससे भी अवगत कराना होगा। इसी के साथ विद्यालय की किस कक्षा तक मान्यता है, शहरी या ग्रामीण इलाके में चल रहा है इसकी भी समुचित जानकारी देनी होगी। विद्यालय को एजुकेशन और किस बोर्ड से सम्बद्धता रखता है, यह भी बताना होगा। Conclusion:स्कूल की प्रवेश कक्षा के साथ साथ कक्षा दूसरी से बारहवीं तक आरक्षित सीटों की जानकारी भी देनी होगी। निजी स्कूलों के बैंक खातों से जुड़ी जानकारी भी शिक्षा निदेशालय ने तलब की है। बृजपाल परमार ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अब स्थायी स्कूलों के अंदर नियम 134ए के तहत बच्चों के दाखिला सुनिश्चित करने के लिए ये जानकारी मांगी है। बृजपाल परमार ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नियम 134ए के तहत बच्चों के दाखिला व स्कूल अलाट करने के लिए जो ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई थी। उसमें भी व्यापक स्तर पर गड़बड़ी व धांधली हुई है। इसलिए उनका संगठन इस बार मांग उठाएगा कि बच्चों के नियम 134ए के तहत दाखिले और स्कूल अलाटमेंट किसी थर्ड पार्टी से ना कराकर खुद विभागीय कमेटी के माध्यम से कराए, ताकि गड़बड़ी होने पर जवाबदेही भी शिक्षा अधिकारियों की ही हो।
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