अंबाला: हरियाणा में विधानसभा चुनाव घोषित होने में ज्यादा समय नहीं बचा. ऐसे में शिरोमणि अकाली दल के हरियाणा की राजनीति में अकेले दस्तक देने से SYL का मुद्दा दोबारा से उठने लगा है. इनेलो इसको लेकर अकाली दल, भाजपा, कांग्रेस और JJP पर सवाल खड़ा करने लगी है. क्योंकि JJP के साथ आम आदमी पार्टी के गठबंधन की बात सामने आ रही है.
हरियाणा में चुनाव नजदीक आते ही सतलुज यमुना लिंक का मुद्दा ऊभर कर बाहर आ जाता है. यह मुद्दा अकाली दल के हरियाणा की राजनीति में दखल देने से ज्यादा बढ़ जाता है. क्योंकि अकाली दल ने पंजाब में सरकार रहते हुए हमेशा स्पष्ट किया कि वे हरियाणा को पानी नही देंगे. ऐसे में अकाली दल हरियाणा में चुनाव लड़ने का एलान कर चुका है तो अकाली दल के सामने यह मुद्दा सबसे पहले आएगा और सभी पार्टी का स्टैंड भी जानना चाहेंगे.
इंडियन नेशनल लोकदल इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों पर सवाल खड़े कर रही है और जानना चाहती है कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों के सुर पंजाब से हरियाणा आते ही क्यों बदल जाते हैं. SYL को लेकर जननायक जनता पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के साथ JJP का गठबंधन होने की संभावनाएं बन रही है. और आम आदमी पार्टी पंजाब में साफ़ कर चुकी है कि हरियाणा को पानी नही देंगे.
इस मुद्दे को लेकर JJP का कहना है कि उनके नेता दुष्यंत चौटाला के पास बहुत सी नीतियां है जिसको सरकार आते ही वे दर्शा देंगे और इस मुद्दे को हल कर लेंगे. वहीं राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर ज्यादा सवालों के घेरे में है क्योंकि 10 साल हरियाणा और केंद्र में लगातार कांग्रेस सरकार रही है और अब पंजाब में मौजूदा सरकार कांग्रेस की ही है. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि वे हरियाणा के हक को कभी नही छोड़ेंगे केंद्र व राज्य में सरकार आते ही इस मुद्दे को हल किया जायेगा.
हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी शिरोमणि अकाली दल का पंजाब में भले ही हरियाणा को पानी नहीं देने का ऐलान रहा हो, लेकिन हरियाणा में पार्टी के सुर थोड़े अलग हैं. अकाली दल का इस पर कहना है कि वे हरियाणा के हर हक के लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगे.