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चुनावी दंगल में SYL को लेकर एक बार फिर इनेलो का हमला, कहा- पंजाब से आते ही क्यों बदल जाते है सभी पार्टियों के सुर - inld

इंडियन नेशनल लोकदल इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों पर सवाल खड़े कर रही है. उनका कहना है कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों के सुर पंजाब से हरियाणा आते ही क्यों बदल जाते हैं.  SYL को लेकर जननायक जनता पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के साथ JJP का गठबंधन होने की संभावनाएं बन रही है.

चुनावी दंगल में SYL को लेकर एक बार फिर इनेलो का हमला
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Published : Feb 6, 2019, 12:53 PM IST

अंबाला: हरियाणा में विधानसभा चुनाव घोषित होने में ज्यादा समय नहीं बचा. ऐसे में शिरोमणि अकाली दल के हरियाणा की राजनीति में अकेले दस्तक देने से SYL का मुद्दा दोबारा से उठने लगा है. इनेलो इसको लेकर अकाली दल, भाजपा, कांग्रेस और JJP पर सवाल खड़ा करने लगी है. क्योंकि JJP के साथ आम आदमी पार्टी के गठबंधन की बात सामने आ रही है.

हरियाणा में चुनाव नजदीक आते ही सतलुज यमुना लिंक का मुद्दा ऊभर कर बाहर आ जाता है. यह मुद्दा अकाली दल के हरियाणा की राजनीति में दखल देने से ज्यादा बढ़ जाता है. क्योंकि अकाली दल ने पंजाब में सरकार रहते हुए हमेशा स्पष्ट किया कि वे हरियाणा को पानी नही देंगे. ऐसे में अकाली दल हरियाणा में चुनाव लड़ने का एलान कर चुका है तो अकाली दल के सामने यह मुद्दा सबसे पहले आएगा और सभी पार्टी का स्टैंड भी जानना चाहेंगे.

इंडियन नेशनल लोकदल इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों पर सवाल खड़े कर रही है और जानना चाहती है कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों के सुर पंजाब से हरियाणा आते ही क्यों बदल जाते हैं. SYL को लेकर जननायक जनता पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के साथ JJP का गठबंधन होने की संभावनाएं बन रही है. और आम आदमी पार्टी पंजाब में साफ़ कर चुकी है कि हरियाणा को पानी नही देंगे.

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इस मुद्दे को लेकर JJP का कहना है कि उनके नेता दुष्यंत चौटाला के पास बहुत सी नीतियां है जिसको सरकार आते ही वे दर्शा देंगे और इस मुद्दे को हल कर लेंगे. वहीं राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर ज्यादा सवालों के घेरे में है क्योंकि 10 साल हरियाणा और केंद्र में लगातार कांग्रेस सरकार रही है और अब पंजाब में मौजूदा सरकार कांग्रेस की ही है. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि वे हरियाणा के हक को कभी नही छोड़ेंगे केंद्र व राज्य में सरकार आते ही इस मुद्दे को हल किया जायेगा.

हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी शिरोमणि अकाली दल का पंजाब में भले ही हरियाणा को पानी नहीं देने का ऐलान रहा हो, लेकिन हरियाणा में पार्टी के सुर थोड़े अलग हैं. अकाली दल का इस पर कहना है कि वे हरियाणा के हर हक के लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगे.

अंबाला: हरियाणा में विधानसभा चुनाव घोषित होने में ज्यादा समय नहीं बचा. ऐसे में शिरोमणि अकाली दल के हरियाणा की राजनीति में अकेले दस्तक देने से SYL का मुद्दा दोबारा से उठने लगा है. इनेलो इसको लेकर अकाली दल, भाजपा, कांग्रेस और JJP पर सवाल खड़ा करने लगी है. क्योंकि JJP के साथ आम आदमी पार्टी के गठबंधन की बात सामने आ रही है.

हरियाणा में चुनाव नजदीक आते ही सतलुज यमुना लिंक का मुद्दा ऊभर कर बाहर आ जाता है. यह मुद्दा अकाली दल के हरियाणा की राजनीति में दखल देने से ज्यादा बढ़ जाता है. क्योंकि अकाली दल ने पंजाब में सरकार रहते हुए हमेशा स्पष्ट किया कि वे हरियाणा को पानी नही देंगे. ऐसे में अकाली दल हरियाणा में चुनाव लड़ने का एलान कर चुका है तो अकाली दल के सामने यह मुद्दा सबसे पहले आएगा और सभी पार्टी का स्टैंड भी जानना चाहेंगे.

इंडियन नेशनल लोकदल इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों पर सवाल खड़े कर रही है और जानना चाहती है कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों के सुर पंजाब से हरियाणा आते ही क्यों बदल जाते हैं. SYL को लेकर जननायक जनता पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के साथ JJP का गठबंधन होने की संभावनाएं बन रही है. और आम आदमी पार्टी पंजाब में साफ़ कर चुकी है कि हरियाणा को पानी नही देंगे.

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इस मुद्दे को लेकर JJP का कहना है कि उनके नेता दुष्यंत चौटाला के पास बहुत सी नीतियां है जिसको सरकार आते ही वे दर्शा देंगे और इस मुद्दे को हल कर लेंगे. वहीं राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर ज्यादा सवालों के घेरे में है क्योंकि 10 साल हरियाणा और केंद्र में लगातार कांग्रेस सरकार रही है और अब पंजाब में मौजूदा सरकार कांग्रेस की ही है. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि वे हरियाणा के हक को कभी नही छोड़ेंगे केंद्र व राज्य में सरकार आते ही इस मुद्दे को हल किया जायेगा.

हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी शिरोमणि अकाली दल का पंजाब में भले ही हरियाणा को पानी नहीं देने का ऐलान रहा हो, लेकिन हरियाणा में पार्टी के सुर थोड़े अलग हैं. अकाली दल का इस पर कहना है कि वे हरियाणा के हर हक के लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगे.



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एंकर :-- हरियाणा में विधानसभा चुनाव घोषित होने में ज्यादा समय नही बचा है। ऐसे में शिरोमणि अकाली दल के हरियाणा की राजनीती में अकेले दस्तक देने से SYL का मुद्दा दोबारा से उठने लगा है। इनेलो इसको लेकर अकाली दल , भाजपा व कांग्रेस और JJP पर सवाल खड़ा करने लगी है क्यूंकि JJP के साथ आम आदमी पार्टी के गठबंधन की बात सामने आ रही है। 

वीओ :-- हरियाणा में चुनाव नजदीक आते ही सतलुज यमुना लिंक का मुद्दा ऊभर कर बाहर आ जाता है। यह मुद्दा अकाली दल के हरियाणा की राजनीती में दखल देने से ज्यादा बढ़ जाता है। क्यूंकि अकाली दल ने पंजाब में सरकार रहते हुए हमेशा स्पष्ट किया कि वे हरियाणा को पानी नही देंगे। ऐसे में अकाली दल हरियाणा में चुनाव लड़ने का एलान कर चूका है तो अकाली दल के सामने यह मुद्दा सबसे पहले आएगा और सभी पार्टी का स्टैंड भी जानना चाहेंगे। इन्डियन नेशनल लोकदल इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों पर सवाल खड़े कर रही है और जानना चाहती है कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों के सुर पंजाब से हरियाणा आते ही क्यूँ बदल जाते हैं। 

बाईट :-- मक्खन सिंह लबाना - प्रदेश कार्यकारणी सदस्य इनेलो । 

वीओ :-- SYL को लेकर जन नायक जनता पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्यूंकि आम आदमी पार्टी के साथ JJP का गठबंधन होने की संभावनाएं बन रही है। और आम आदमी पार्टी पंजाब में साफ़ कर चुकी है कि हरियाणा को पानी नही देंगे। इस मुद्दे को लेकर JJP का कहना है कि उनके नेता दुष्यंत चौटाला के पास बहुत सी नीतियाँ है जिसको सरकार आते ही वे दर्शा देंगे और इस मुद्दे को हल कर लेंगे। 

बाईट :-- विवेक चौधरी - प्रदेश प्रवक्ता - JJP 

वीओ :-- वहीँ राष्ट्रिय पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर ज्यादा सवालों के घेरे में है क्यूंकि 10 साल हरियाणा व केंद्र में लगातार कांग्रेस सरकार रही है और अब पंजाब में मौजूदा सरकार कांग्रेस की ही है। ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि वे हरियाणा के हक को कभी नही छोड़ेंगे केंद्र व राज्य में सरकार आते ही इस मुद्दे को हल किया जायेगा। 

बाईट :-- सोनू राणा - मुलाना विधानसभा प्रभारी - कांग्रेस। 

वीओ :-- हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी शिरोमणि अकाली दल का पंजाब में भले ही हरियाणा को पानी न देने का एलान रहा हो लेकिन हरियाणा में पार्टी के सुर थोड़े अलग है। अकाली दल का इस पर कहना है कि वे हरियाणा के हर हक के लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगे। 

बाईट :-- इंजीनियर बलबीर सिंह - प्रदेशाध्यक्ष BC मोर्चा - अकाली दल। 

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