अंबाला: भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर उठ गई है. पक्ष और विपक्ष की तमाम बड़े नेता एम्स अस्पताल में इकट्ठा होने लगे हैं तो वहीं सुषमा स्वराज के अंबाला स्थित घर पर भी लोग इकट्ठा होने लगे. अंबाला कैंट रेजिमेंट बाजार की रहने वाली सुषमा स्वराज का बचपन यही बीता था. उसके बाद 1990 में सुषमा केंद्र की राजनीति में चली गयी थी. सुषमा स्वराज के पड़ोस के रहने वालों को भी उनकी मौत की खबर सुन गहरा आघात पहुंचा.
सुषमा स्वराज के पड़ोसी डॉक्टर दिनेश का कहना है कि वो उनकी बड़ी बहन की तरह थी. सुषमा स्वराज के भाई और भाभी भी अंबाला में रहते हैं. उन्हें भी करीब 11 बजे सुषमा स्वराज के निधन की खबर मिली. खबर मिलते ही वो तुरंत वहां से निकल गए.
अंबाला में जन्मी थीं, अंबाला में ही पढ़ी-लिखीं
14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला शहर में जन्मीं सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं. वह 7 बार सांसद और 3 बार एमएलए रह चुकी हैं. उनके पिता आरएसएस के प्रमुख सदस्य थे. अम्बाला छावनी के एस.एस.डी. कॉलेज से बी.ए. करने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ से कानून में डिग्री ली. 1973 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की जबकि उनका राजनीतिक करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ शुरू हुआ था. वे अपने छात्र जीवन से ही प्रखर वक्ता थीं.
10 बजकर 15 मिनट पर हुआ था निधन
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का देर शाम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(AIIMS) में निधन हो गया. उन्हें देर शाम को हार्ट अटैक होने पर एम्स लाया गया था. उनका परिवार उनको एम्स लेकर आया था. वे 67 वर्ष की थीं. एम्स के सूत्रों के मुताबिक सुषमा स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर अस्पताल लाया गया. उन्हें सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया. वरिष्ठ बीजेपी नेत्री का 2016 में गुर्दा प्रत्यारोपित किया गया था.