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हरियाणा के DGP मनोज यादव पर केस दर्ज करने की मांग, IG वाईपूर्ण ने लगाए उत्पीड़न के आरोप

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. आईजी वाईपूर्ण ने डीजीपी मनोज यादव पर एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की गुहार लगाई है. आईजी वाईपूर्ण का कहना है कि मनोज यादव उन्हें व्यक्तिगत नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.

IG y purna accused dgp manoj yadav
IG y purna accused dgp manoj yadav
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Published : May 22, 2021, 12:49 PM IST

अंबाला: हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव और विवादों का चोली दामन का साथ है. डीजीपी मनोज यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इस बार उनपर उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. ये आरोप आईजी वाईपूर्ण कुमार ने अंबाला के एसपी हामिद अख्तर को एक शिकायत देकर लगाए हैं. साथ ही एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की गुहार लगाई है.

एसपी को दी शिकायत में आईजी वाईपूर्ण कुमार ने बताया है कि 3 अगस्त 2020 को सार्वजनिक अवकाश था. उस दिन वो शहजादपुर थाने में बने मंदिर में माथा टेकने गए थे. उसी दिन तत्कालीन एसपी अभिषेक जोरवाल भी मंदिर में गए थे. ये खबर 4 अगस्त के समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई है.

17 अगस्त को पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने उन्हें एक पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने पूछा कि क्या थाने में मंदिर स्थापित करने से पहले सरकार से अनुमति ली गई थी? उस समय अंबाला के एसपी अभिषेक जोरवाल को ना ऐसा कोई पत्र जारी किया गया और ना ही ऐसा कोई सवाल पूछा गया.

ये भी पढे़ं- डीजीपी मनोज यादव को केंद्र सरकार से मिली एक साल की एक्सटेंशन

आईजी कुमार ने कहा कि मामले को लेकर उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया है. सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने डीजी और एसपी अंबाला को बताया कि शहजादपुर ट्रैफिक थाने में मंदिर 2011 से है और ये उनकी अंबाला पोस्टिंग से पहले का है, लेकिन उनके मंदिर में जाने पर आपत्ति क्यों की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मंदिर में सभी जाते हैं. आम जनता पूजा करती है. वे सार्वजनिक छुट्टी के दिन मंदिर गए थे और निजी तौर पर गए थे. इसलिए उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि मंदिर जाने पर आपत्ति क्यों हो रही है? मंदिर जाने पर आपत्ति है या मंदिर थाने में होने पर आपत्ति है? इस तरह के सवाल-जवाब का क्या मतलब है?

ये भी पढे़ं- हरियाणा सरकार ने डीजीपी मनोज यादव का कार्यकाल बढ़ाया

आईजी कुमार ने शिकायत में ये भी कहा कि इस बारे में 10 फरवरी 2021 को एसीएस राजीव अरोड़ा को भी पत्र लिखा था, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. डीजीपी मनोज यादव उन्हें किसी भी पूजा स्थल पर जाने से नहीं रोक सकते. इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. क्योंकि मनोज यादव ने 18 और 19 मार्च 2021 के अलावा 20 अप्रैल 2021 को भी एक पत्र लिखकर उनकी बेइज्जती की, डराया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी. इसलिए उन्हें डर है कि मनोज यादव उन्हें व्यक्तिगत नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.

डीजीपी मनोज यादव से पूछा गया तो उन्होंने मामले के बारे में और शिकायत देने के बारे में कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया. वहीं जब एसपी अंबाला हामिद अख्तर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वो अभी कुछ नहीं कहना चाहेंगे.

अंबाला: हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव और विवादों का चोली दामन का साथ है. डीजीपी मनोज यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इस बार उनपर उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. ये आरोप आईजी वाईपूर्ण कुमार ने अंबाला के एसपी हामिद अख्तर को एक शिकायत देकर लगाए हैं. साथ ही एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की गुहार लगाई है.

एसपी को दी शिकायत में आईजी वाईपूर्ण कुमार ने बताया है कि 3 अगस्त 2020 को सार्वजनिक अवकाश था. उस दिन वो शहजादपुर थाने में बने मंदिर में माथा टेकने गए थे. उसी दिन तत्कालीन एसपी अभिषेक जोरवाल भी मंदिर में गए थे. ये खबर 4 अगस्त के समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई है.

17 अगस्त को पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने उन्हें एक पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने पूछा कि क्या थाने में मंदिर स्थापित करने से पहले सरकार से अनुमति ली गई थी? उस समय अंबाला के एसपी अभिषेक जोरवाल को ना ऐसा कोई पत्र जारी किया गया और ना ही ऐसा कोई सवाल पूछा गया.

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आईजी कुमार ने कहा कि मामले को लेकर उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया है. सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने डीजी और एसपी अंबाला को बताया कि शहजादपुर ट्रैफिक थाने में मंदिर 2011 से है और ये उनकी अंबाला पोस्टिंग से पहले का है, लेकिन उनके मंदिर में जाने पर आपत्ति क्यों की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मंदिर में सभी जाते हैं. आम जनता पूजा करती है. वे सार्वजनिक छुट्टी के दिन मंदिर गए थे और निजी तौर पर गए थे. इसलिए उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि मंदिर जाने पर आपत्ति क्यों हो रही है? मंदिर जाने पर आपत्ति है या मंदिर थाने में होने पर आपत्ति है? इस तरह के सवाल-जवाब का क्या मतलब है?

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आईजी कुमार ने शिकायत में ये भी कहा कि इस बारे में 10 फरवरी 2021 को एसीएस राजीव अरोड़ा को भी पत्र लिखा था, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. डीजीपी मनोज यादव उन्हें किसी भी पूजा स्थल पर जाने से नहीं रोक सकते. इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. क्योंकि मनोज यादव ने 18 और 19 मार्च 2021 के अलावा 20 अप्रैल 2021 को भी एक पत्र लिखकर उनकी बेइज्जती की, डराया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी. इसलिए उन्हें डर है कि मनोज यादव उन्हें व्यक्तिगत नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.

डीजीपी मनोज यादव से पूछा गया तो उन्होंने मामले के बारे में और शिकायत देने के बारे में कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया. वहीं जब एसपी अंबाला हामिद अख्तर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वो अभी कुछ नहीं कहना चाहेंगे.

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