चंडीगढ़: साल की नई शुरुआत को देखते हुए पीजीआई में सुरक्षा को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. पीजीआईएमईआर ने हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान स्थायी वित्त समिति से महत्वपूर्ण मंजूरी हासिल की है, जिसके तहत पीजीआई में 300 सुरक्षा कर्मियों विशेष रूप से पूर्व सैनिकों को नियुक्त करने का फैसला लिया गया है, जिसके चलते पीजीआई में कार्यबल को मजबूती मिलेगी.
मार्च में खुलेगा न्यूरोसाइंस सेंटर : बैठक के दौरान चर्चा की गई है कि मार्च में खुलने वाले न्यूरोसाइंस सेंटर और मदर एंड चाइल्ड सेंटर के चालू होने से पहले ये कदम महत्वपूर्ण है. मौजूदा सुरक्षा ढांचे को मजबूत करते हुए पीजीआई का लक्ष्य सभी के लिए एक मजबूत और उत्तरदायी वातावरण सुनिश्चित करना है. रक्षा मंत्रालय के पुनर्वास महानिदेशक के माध्यम से सुगम ये पहल, रोगियों, कर्मचारियों और सिक्योरिटी के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का काम करेगा.
कमेटी ने डायग्नोस्टिक सेवाओं के प्रस्ताव को दी मंजूरी : पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने संस्थान से जुड़े सभी कर्मचारियों, रोगियों और भागीदारों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए इस शुरुआत की जानकारी दी. कमेटी ने सैद्धांतिक रूप से चौबीसों घंटे डायग्नोस्टिक सेवाओं के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सेवाओं की ये निरंतर उपलब्धता रोगियों पर बोझ को कम करेगी, जिससे उन्हें सामान्य घंटों तक मदद मिल सके. इसके अतिरिक्त, समिति ने प्रोजेक्ट सारथी की सराहना की, जो एक परिवर्तनकारी पहल है, जो स्वास्थ्य सेवा के भीतर स्वयंसेवा और करुणा की संस्कृति को बढ़ावा देती है.
700 अस्पतालों में जारी है प्रोजेक्ट सारथी : उन्होंने बताया कि देशभर में 700 अस्पतालों में पहले से ही शुरू की गई प्रोजेक्ट सारथी एक आंदोलन के रूप में विकसित हो रही है, जिसका उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से रोगियों की देखभाल करना है. 20 नवंबर, 2024 को आयोजित बैठक के दौरान समिति ने एक संग्रहालय के निर्माण के साथ अपने समृद्ध इतिहास को दस्तावेज करने के पीजीआईएमईआर के प्रयास को भी स्वीकार किया और उसकी सराहना की.
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