ETV Bharat / state

गृह विभाग को SET ने सौंपी खरखौदा शराब घोटाले की रिपोर्ट

हरियाणा के बहुचर्चित खरखौदा शराब घोटाले में एसईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस पर गृह मंत्री का कहना है कि रिपोर्ट की जांच करने के बाद मीडिया को सारी जानकारी दी जाएगी.

haryana set submitted kharkhoda liquor scheme report to home ministry
गृह मंत्री अनिल विज
author img

By

Published : Jul 31, 2020, 7:18 PM IST

अंबाला: प्रदेश में शराब घोटाले की जांच के लिए गठित हुई एसईटी ने अपनी रिपोर्ट हरियाणा गृह विभाग को सौंप दी है. ये घोटाला सोनीपत जिले में लॉकडाउन के दौरान हुआ था. इसके खुलासे के बाद हरियाणा सरकार ने इस जांच टीम का गठन किया था.

बता दें कि, इस जांच में SET के प्रधान सीनियर आईएएस अधिकारी टीसी गुप्‍ता थे. इस टीम का कार्यकाल पहले दो माह बढ़ाया गया था. इस तीन सदस्‍यीय जांच टीम के दो अन्‍य सदस्‍य वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी अकील मोहम्‍मद और एडिशनल आबकारी एवं कराधान आयुक्‍त विजय सिंह हैं. इसका गठन मई में हुआ था और इसे 31 मई तक रिपोर्ट देना थी. जांच पूरी ना होने की वजह से बाद में इसका कार्यकाल दो महीने और बढ़ा दिया गया था.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इस जांच कमेटी की घोषणा की थी. इस बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि 10 से 15 किलो पन्ने की रिपोर्ट एसईटी ने एसीएस विजय वर्धन को सौंपी है. इस रिपोर्ट की गहनता से जांच की जाएगी. उसके बाद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.

कैसे हुई तस्करी?

सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. ये गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें: खेमका की केंद्र में सेवा देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई, HC ने केंद्र से मांगा जवाब

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.

अंबाला: प्रदेश में शराब घोटाले की जांच के लिए गठित हुई एसईटी ने अपनी रिपोर्ट हरियाणा गृह विभाग को सौंप दी है. ये घोटाला सोनीपत जिले में लॉकडाउन के दौरान हुआ था. इसके खुलासे के बाद हरियाणा सरकार ने इस जांच टीम का गठन किया था.

बता दें कि, इस जांच में SET के प्रधान सीनियर आईएएस अधिकारी टीसी गुप्‍ता थे. इस टीम का कार्यकाल पहले दो माह बढ़ाया गया था. इस तीन सदस्‍यीय जांच टीम के दो अन्‍य सदस्‍य वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी अकील मोहम्‍मद और एडिशनल आबकारी एवं कराधान आयुक्‍त विजय सिंह हैं. इसका गठन मई में हुआ था और इसे 31 मई तक रिपोर्ट देना थी. जांच पूरी ना होने की वजह से बाद में इसका कार्यकाल दो महीने और बढ़ा दिया गया था.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इस जांच कमेटी की घोषणा की थी. इस बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि 10 से 15 किलो पन्ने की रिपोर्ट एसईटी ने एसीएस विजय वर्धन को सौंपी है. इस रिपोर्ट की गहनता से जांच की जाएगी. उसके बाद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.

कैसे हुई तस्करी?

सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. ये गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें: खेमका की केंद्र में सेवा देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई, HC ने केंद्र से मांगा जवाब

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.