अंबाला: पिछले 51 दिनों से किसान कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. कई राज्यों के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. वहीं किसानों के इस प्रदर्शन को अब आम लोगों का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है. किसानों के समर्थन में आम लोग अपनी गाड़ियों पर किसानों के समर्थन वाले स्टीकर लगाकर चल रहे हैं. ताकि सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाया जा सके.
किसान आंदोलन के चलते बड़ी संख्या में युवा अपनी वाहनों पर किसान यूनियन के झंडे लगवा रहे हैं. जिसके चलते अलग-अलग डिजाइन और रंगों के झंडों और स्टीकरों की बाजार में मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है. जिसके चलते झंडे बनाने और बेचने वाले दुकानदारों की चांदी हो गई है.
51 दिनों से दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में बैठा है अन्नदाता: ग्राहक
इस संबंध में जब दुकान पर किसान यूनियन के झंडे खरीद रहे दुकानदारों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. तो उन्होंने बताया कि वो कार पर लगाने के लिए झंडा लेने आए है. हमारे देश का अन्नदाता 51 दिनों से दिल्ली की कड़कती ठंड में बैठा है. इसलिए हम उनके समर्थन में अपने कार, बाइक और घरों पर किसान यूनियन के झंडे लगा रहे हैं.
किसानों के समर्थन में लोग अपने वाहनों पर लगवा रहे झंडे
लोगों ने कहा कि हमारा परिवार खेती नहीं करता है, लेकिन किसान हमारे देश के अन्नदाता हैं. इसलिए हम भी अपने किसानों के समर्थन में बाइक पर झंडा लगाने के लिए उत्साहित हैं.
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किसान आंदोलन के चलते झंडे और स्टीकरों की डिमांड बढ़ी, तो झंडे व बैनर बनाने वालों का धंधा काफी फल-फूल रहा है. झंडे व स्टीकर बनाने वाले दुकानदारों ने कहा कि किसान आंदोलन के चलते यूनियन के झंडो और स्टीकरों की डिमांड काफी बढ़ गयी है. जिसके कारण उनके कारोबार में बहुत बढ़ोतरी हुई है.