अंबालाः बुधवार रात को तोपखाना बाजार में गैंगवार को लेकर दो गुटों में आठ राउंड फायरिंग का मामला सामने आया है. इसमें एक ही गुट के तीन युवक जख्मी हो गए तो वहीं दो की हालत नाजुक है. नागरिक अस्पताल से दोनों युवकों को पीजीआई रेफर कर दिया गया है. एक युवक अभी अस्पताल में उपचाराधीन है. बता दें इससे पहले भी दोनों गुटों में कई बार मारपीट हो चुकी है. दोनों गुटों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ अपहरण और मारपीट के कई मामले दर्ज बताए जा रहे हैं.
बीच बाजार अंधाधुंध फायरिंग
बुधवार को अंबाला के तोपखाना बाजार में उस वक्त हड़कंप मंच गया जब लोगों ने एक कार में सवार युवकों पर अंधाधुंध फायरिंग कि आवाज सुनी. जानकारी के अनुसार ग्वालमंडी का रहने वाला जीतू बुधवार को जमानत पर रिहा होकर घर लौटा था. इसी खुशी में जीतू के सहयोगियों ने उसे डिनर देने का निर्णय लिया था. रात करीब नौ बजे जीतू कलरहेड़ी के मनीष कुमार, हिम्मतपुरा के सोनू उर्फ डांग और अंडा के साथ ऑल्टो कार में सवार होकर डिनर के लिए तोपखाना बाजार की गली नंबर-3 के पास से गुजर रहा था.
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
तभी मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए कई युवकों ने उनकी कार पर फायरिंग कर दी. फायरिंग के दौरान कार के शीशे भी टूटकर बिखर गए. वहीं गोली लगने के कारण जीतू, मनीष और सोनू उर्फ डांग बुरी तरह घायल हो गए. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए. इसके बाद घायलों को नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया. जीतू और मनीष की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें तुरंत चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया. दोनों के शरीर पर कई जगह गोली और छर्रों के गहरे जख्म बताए जा रहे हैं. स्थिति बिगड़ने से पहले पुलिस ने अस्पताल में मोर्चा संभाल लिया था.
पुरानी रंजिश के चलते हुआ हमला
गोली लगने के कारण बुरी तरह जख्मी हुए ग्वालमंडी के जीतू की चिड़ीमार मोहल्ले के रणधीर सिंह, सौरभ उर्फ मऊ, रामकिशन कॉलोनी के गप्पू तथा कच्चा बाजार के अज्जू से रंजिश चल रही है. दोनों गुट पहले भी कई बार आमने सामने हो चुके हैं. पुलिस के मुताबिक जीतू और उसके साथियों के खिलाफ कैंट पुलिस ने दो महीने पहले भी अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज किया था. इसी वजह से जीतू जेल में बंद था. बुधवार को ही उसे जमानत पर रिहाई मिली थी.
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इन पर टिकी शक की सुई
हमले के पीछे पुलिस भी रणधीर, सौरव उर्फ मऊ, गप्पू और अज्जू का ही हाथ होने का शक जता रही है. पता चला है कि जीतू की हत्या करने के मकसद से ही ये हमला किया गया है. हमले की सूचना मिलने के बाद अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. डीएसपी रामकुमार के साथ सीआईए स्टाफ, डिटेक्टिव स्टाफ और एसएचओ कैंट भी मौके पर पहुंच गए थे. इसके तुरंत बाद हमलावरों की तलाश में नाकाबंदी शुरू कर दी गई.
सीसीटीवी में कैद वारदात
वारदात शर्मा फोटो स्टूडियो के संचालक विजय शर्मा की दुकान के बाहर हुई. पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. पुलिस सीसीटीवी खंगालने में जुटी थी.