अंबाला: कोरोना महामारी की दूसरी लहर से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. भीड़-भाड़ वाली जगहों जैसे रेलवे स्टेशन पर संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बना है. क्योंकि बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों से सफर कर रहे हैं. क्या ट्रेनों में कोविड नियमों का पालन किया जा रहा है.
इसी सवाल को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने अंबाला रेवले स्टेशन का जायजा लिया. यहां रेलवे स्टेशन में एंट्री तक तो ठीक था, थर्मल स्क्रिनिंग की व्यवस्था थी, सैनिटाइजर की व्यवस्था थी और लोगों को बिना मास्क एंट्री भी नहीं दी जा रही थी, लेकिन जैसे ही हम रेलवे स्टेशन के अंदर पहुंचे तो तस्वीरें कुछ और थी.
कहावत है कि हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और ये कहावत रेलवे स्टेशन पर सही साबित होती दिखाई दे रही है. एक तरफ विभाग दावा कर रहा है कि कैंट रेलवे स्टेशन में जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारी दो गज की दूरी और मास्क पहनने को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. हिदायतों का पालन नहीं करने वालों के चालान काट रहे हैं. यात्री भी रेल प्रशासन के इंताजम से संतुष्ट नजर आए, लेकिन ट्रेन के अंदर की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए.
ट्रेनों के अंदर सोशल डिस्टेंस की पलना को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने अंबाला छावनी के स्टेशन निदेशक बीएस गिल से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अभी तक ट्रेन्स को 50 प्रतिशत भरकर चलाने के आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं. जिस वजह से सभी रिजर्व्ड सीटों पर रेल यात्री बैठे हैं
ये भी पढ़ें- हरियाणा में नहीं लगेगा लॉकडाउन, श्रमिक हरियाणा से पलायन ना करें: सीएम मनोहर लाल
कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ट्रेन के अंदर सिर्फ पैक्ड खाना ही रेल यात्रियों को मुहैया करवाया जा रहा है. यात्री रेल प्रशासन के स्टेशन पर एंट्री को लेकर तो संतुष्ट नजर आए. लेकिन ट्रेन के अंदर के इंतजामों से खफा नजर आए.