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ये नेहरू नहीं मोदी का भारत है, देश का सम्मान बरकरार रखना जानता है - अनिल विज

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Published : Jun 24, 2020, 1:01 PM IST

गृह मंत्री अनिल विज ने चीन को आड़े हाथों लिया. साथ ही विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा ऐसे समय में सभी राजनीतिक पार्टियों को एक होना चाहिए.

anil vij reaction on congress and china
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज

अंबाला: गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है. एक तरफ जहां चीनी सामान के बहिष्कार की मांग तेज हो चुकी है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी केंद्र सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवालों का हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने जवाब दिया.

गृह मंत्री अनिल विज ने चीन को आड़े हाथों लिया. साथ ही विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा ऐसे समय में सभी राजनीतिक पार्टियों को एक होना चाहिए.

'ये नेहरू नहीं मोदी का भारत है, देश का सम्मान बरकरार रखना जानता है'

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अनिल विज ने कहा कि जिन्होंने हमें 1962 में पिटवा दिया, ये वो भारत नहीं है. ये नरेंद्र मोदी का भारत है, जो सिर उठाकर जीना जानता है और देश के सम्मान को बरकरार रखना भी भलीभांति जानता है. विज ने कहा कांग्रेस के समय में चीन भारत का बहुत बड़ा हिस्सा छीन कर ले गया था. कांग्रेसी नेताओं को इस मामले में राजनीति करना शोभा नहीं देता है.

इसके साथ ही देश में उठ रही चीनी सामान के बहिष्कार की मांग पर अनिल विज ने कहा कि चीन ने हर बार भारत के पीठ पर छूरा घोंपने का काम किया है. अगर चीन का सामान इस्तेमाल नहीं करना है तो ये भारत के नागरिकों का फैसला है, क्योंकि अंत में जनता ही सामान का इस्तेमाल करती है.

क्या है मामला?

बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर पर मई से जारी तनाव अब काफी बढ़ गया है. सोमवार 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. 6 जून को हुई बैठक में चीन ने वादा किया था कि वो अपने सैनिकों को पीछे हटाएगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इसी के बाद जब भारतीय सेना चेकिंग के लिए पहुंची तो दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए. इस हिंसक झड़प में दोनों देशों की सेनाओं को भारी नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़िए: कुरुक्षेत्र: विश्व हिंदू परिषद ने अग्रसेन चौक पर किया चीन का विरोध

शुरुआत में भारत के एक कमांडिंग अफसर और दो जवानों के शहीद होने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में सेना ने जानकारी दी कि अन्य 17 घायल भी शहीद हो गए हैं. यानी कुल 20 जवान शहीद हुए. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत को इस भिड़ंत में हानि हुई है, चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. वहीं तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है.

अंबाला: गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है. एक तरफ जहां चीनी सामान के बहिष्कार की मांग तेज हो चुकी है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी केंद्र सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवालों का हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने जवाब दिया.

गृह मंत्री अनिल विज ने चीन को आड़े हाथों लिया. साथ ही विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा ऐसे समय में सभी राजनीतिक पार्टियों को एक होना चाहिए.

'ये नेहरू नहीं मोदी का भारत है, देश का सम्मान बरकरार रखना जानता है'

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अनिल विज ने कहा कि जिन्होंने हमें 1962 में पिटवा दिया, ये वो भारत नहीं है. ये नरेंद्र मोदी का भारत है, जो सिर उठाकर जीना जानता है और देश के सम्मान को बरकरार रखना भी भलीभांति जानता है. विज ने कहा कांग्रेस के समय में चीन भारत का बहुत बड़ा हिस्सा छीन कर ले गया था. कांग्रेसी नेताओं को इस मामले में राजनीति करना शोभा नहीं देता है.

इसके साथ ही देश में उठ रही चीनी सामान के बहिष्कार की मांग पर अनिल विज ने कहा कि चीन ने हर बार भारत के पीठ पर छूरा घोंपने का काम किया है. अगर चीन का सामान इस्तेमाल नहीं करना है तो ये भारत के नागरिकों का फैसला है, क्योंकि अंत में जनता ही सामान का इस्तेमाल करती है.

क्या है मामला?

बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर पर मई से जारी तनाव अब काफी बढ़ गया है. सोमवार 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. 6 जून को हुई बैठक में चीन ने वादा किया था कि वो अपने सैनिकों को पीछे हटाएगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इसी के बाद जब भारतीय सेना चेकिंग के लिए पहुंची तो दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए. इस हिंसक झड़प में दोनों देशों की सेनाओं को भारी नुकसान हुआ है.

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शुरुआत में भारत के एक कमांडिंग अफसर और दो जवानों के शहीद होने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में सेना ने जानकारी दी कि अन्य 17 घायल भी शहीद हो गए हैं. यानी कुल 20 जवान शहीद हुए. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत को इस भिड़ंत में हानि हुई है, चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. वहीं तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है.

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