हैदराबाद: तीन नवंबर से शुरु हो रहा बांग्लादेशी क्रिकेट टीम का भारत दौरा संकट में दिखाई दे रहा है. बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने उनकी बात नहीं माने जाने पर क्रिकेट का बहिष्कार करने का फैसला किया है. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक वे किसी भी क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बहिष्कार में बांग्लादेश की टेस्ट और टी20 इंटरनैशनल टीम के कप्तान शाकिब अल हसन और महमुदुल्लाह जैसे सीनियर क्रिकेटर भी शामिल थे. क्रिकेटरों के विरोध की शुरुआत पिछले महीने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के उस फैसले से हुई, जिसमें बांग्लादेश प्रीमियर लीग के फ्रैंचाइजी आधारित मॉडल को समाप्त कर दिया गया था.
आपको बता दें कि खिलाड़ियों ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को अपनी 11 मांगों की लिस्ट थमा दी है. इन मांगों में फ्रैंचाइजी मॉडल को फिर से लाने की मांग भी शामिल है. फ्रैंचाइजी मॉडल के समाप्त होने से खिलाड़ियों की कमाई पर असर पड़ा था, इसलिए वे बोर्ड के इस फैसले के विरोध में आ गए थे.
इस महीने शुरू हुए फर्स्ट क्लास प्रतियोगिता की मैच फीस में भी इजाफा नहीं होने के कारण खिलाड़ियों की नाराजगी और बढ़ गई.
बांग्लादेश के कप्तान कप्तान शाकिब अल हसन ने भी बोर्ड के इस रवैये से नाराजगी जताई थी. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि खिलाड़ियों को दबाया जा रहा है. शाकिब की इस बात को खिलाड़ियों का काफी समर्थन मिला था. हालांकि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने इस आलोचना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी.