कोविड 19 को वर्तमान दौर की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक माना जा सकता है. एक वायरस के प्रभाव से शुरू हुई इस महामारी ने दुनिया भर को सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी ही नहीं बल्कि आर्थिक व सामाजिक कई तरह से प्रभावित किया. इस महामारी के चलते असंख्य लोगों ने अपनी जन गंवाई, वहीं बड़ी संख्या में लोगों के समक्ष भुखमरी जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो गई थी. इसी से सबक लेकर सिर्फ Covid 19 जैसी महामारी ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की तथा किसी भी कारण से फैली महामारी से लड़ने की तैयारी के लिए जैसे उसकी रोकथाम, बचाव, उससे लड़ने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने तथा उसके प्रभाव के चलते आम जन के जीवन पर कम से कम असर पड़े, वर्ष 2020 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला अंतर्राष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस ( International Epidemic Preparedness Day 27th December ) मनाया गया था. इस वर्ष भी 27 दिसंबर को तीसरा अंतर्राष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस ( 3rd International Epidemic Preparedness Day ) मनाया जा रहा है . corona cases in india . corona in china . coronavirus update .
उद्देश्य ( International Epidemic Preparedness Day Purpose )
गौरतलब है कि महामारी जैसे स्वास्थ्य संकट सिर्फ स्वास्थ्य प्रणालियों पर ही भारी नहीं पड़ते हैं बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करते है और लोगों की आजीविका को भी प्रभावित करते हैं. कोविड 19 महामारी की शुरुआत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र सभा द्वारा इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत सिर्फ सभी देशों को महामारी से बचाव यानी उसकी रोकथाम व निदान की तैयारियों को लेकर प्रेरित करने के लिए ही नहीं बल्कि जन जन को उसे लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से भी की गई थी. दरअसल विषम परिस्थितियों में कई बार महामारी से जुड़ी गलत अफवाहों के कारण भी परिस्थितियां गंभीर रूप ले लेती हैं. International Day of Epidemic Preparedness 2022 . Special day 27 december . World Health Organisation .
महामारी से बचाव तथा उससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए रोग व समस्या को लेकर सही जानकारी या सूचना व ज्ञान का जन-जन तक पहुंचना,संबंधित वैज्ञानिक व चिकित्सीय ज्ञान का प्रसार होना तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनसे जुड़ी सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान काफी जरूरी होता है. World Health Organisation के अनुसार इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समय की आवश्यकता अनुसार उन प्रणालियों में निवेश करना है जो विशेष रूप से गरीब देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों, आजीविका में अवरोध उत्पन्न करने की क्षमता वाले प्रकोपों का पता लगाने, रोकने और प्रतिक्रिया देने में मदद कर सकती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयास (Efforts of the World Health Organization)
International Day of Epidemic Preparedness के अवसर पर United Nations website पर उपलब्ध सूचना के अनुसार संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, विशेष रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन, अपने जनादेश के अनुसार, महामारी की प्रतिक्रिया के समन्वय में और संक्रामक रोगों और महामारियों के प्रभावों को रोकने, कम करने और उन्हे संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसी के चलते महामारी से बचाव के अपने एजेंडा में संगठन द्वारा कुछ खास उद्देश्य शामिल किए गए हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
महामारी प्रबंधन पर सीखे गए पाठों को लागू करके और बुनियादी सेवाओं को रोकने के तरीके को लागू करके महामारी की रोकथाम को मजबूत करना और किसी भी महामारी के लिए जल्द से जल्द और सबसे पर्याप्त प्रतिक्रिया के लिए तैयारियों के स्तर को बढ़ाना और पहचानना.एकीकृत स्वास्थ्य दृष्टिकोण के तहत मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पौधों के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों के एकीकरण को बढ़ावा देना. महामारी की प्रतिक्रिया में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षवाद का ध्यान रखना .महामारी प्रबंधन के सभी चरणों में प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय और राज्य, और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच साझेदारी और एकजुटता के लिए प्रयास करना तथा इस संबंध में एक लैंगिक परिप्रेक्ष्य पर विचार करने के महत्व पर बल देना.
दुनिया में प्रमुख महामारियां (Major pandemics in the world)
गौरतलब है कि epidemics संक्रामक रोग के कारण फैलती हैं. infectious diseases यानी वे रोग जो हवा, पानी या अन्य माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंचते हैं. महामारी को खतरनाक इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यह कम समय के भीतर ही बड़े पैमाने पर लोगों में तेजी से फैलती है. हालांकि कोविड 19 को अब तक की सबसे बड़ी महामारी माना जा रहा है जिसने एक साथ पूरी दुनिया को प्रभावित किया है और जिसका प्रकोप अभी भी जारी है. लेकिन कोविड 19 से पहले भी दुनिया के कई हिस्सों में अलग-अलग प्रकार के संक्रामक रोगों के फैलने के मामले सामने आते रहे हैं जिन्हे महामारी के रूप में भी संबोधित किया गया था. उनमें से कुछ की जानकारी इस प्रकार है.
• वर्ष 2019 में नाइजीरिया में लासा बुखार के चलते महामारी फैली थी.
• वर्ष 2019 में ही मलेशिया में कुआला कोह खसरा फैला था .
• वर्ष 2018 में भारत में केरल में निपाह वायरस का संक्रमण फैला था.
• वर्ष 2017 में, उत्तर प्रदेश में जापानी एन्सेफलाइटिस का प्रकोप फैला था.
• वर्ष 2015 और 2016 के बीच दुनिया के कई देशों में जीका वायरस का संक्रमण फैला था.
• वर्ष 2015 में भारत में स्वाइन फ्लू फैला था.
• वर्ष 2014 में भारत के ओडिशा में हेपेटाइटिस ए के कारण पीलिया फैला था.
• वर्ष 2013 में अमेरिका में चिकनगुनिया के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए थे.
इससे पूर्व भी हमारे इतिहास में दुनिया के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा, प्लेग, हैजा तथा चेचक सहित कई अन्य संक्रामक रोगों के कारण महामारी फैलने की सूचनाएं मिलती हैं . International Day of Epidemic Preparedness 2022 . Special day 27 december . World Health Organisation . coronavirus update . corona cases in india . corona in china . coronavirus update .