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हरकतों से बाज नहीं आया पाक, सार्क की कॉन्फ्रेंस में उठाया जम्मू-कश्मीर का मसला

कोरोना वायरस से लड़ने को लेकर सार्क देशों ने एकजुटता जाहिर की है. भारत ने आर्थिक मदद का प्रस्ताव दिया है. हालांकि पाकिस्तान ने इस मामले में भी जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया है. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Mar 15, 2020, 7:09 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 10:34 PM IST

pak minister Zafar Mirza
पाकिस्तान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री ज़फ़र मिर्ज़ा

नई दिल्ली : पाकिस्तान ने कोरोना वायरस पर दक्षेस देशों की वीडियो कांफ्रेंस का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दा उठाने में किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये जम्मू-कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी को हटा लेना चाहिए.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मिर्जा के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शामिल हुए.

मिर्जा ने कहा, 'स्वास्थ्य में समानता सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक मूल सिद्धांत है. इस संबंध में, मुझे कहना है कि यह चिंता का विषय है कि जम्मू कश्मीर से कोविड-19 के मामले दर्ज किये गये हैं और स्वास्थ्य आपात स्थिति में यह जरूरी है कि वहां तत्काल सभी पाबंदियों को हटा लेना चाहिए.'

पाक स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा

ये भी पढ़ें : कोरोना से लड़ने को सार्क देश एकजुट, भारत ने दिया 1 करोड़ डॉलर के फंड का प्रस्ताव

उन्होंने कहा, 'संचार और आवाजाही को खोले जाने से सूचना का आदान-प्रदान होगा, दवाइयों के वितरण और रोकथाम की अनुमति होगी.'

पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास करता आया है लेकिन भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना उसका 'आंतरिक मामला' है.

भारत ने कहा था कि पाकिस्तान सच्चाई को स्वीकार करे और भारत विरोधी बयानबाजी को रोके.

नई दिल्ली : पाकिस्तान ने कोरोना वायरस पर दक्षेस देशों की वीडियो कांफ्रेंस का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दा उठाने में किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये जम्मू-कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी को हटा लेना चाहिए.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मिर्जा के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शामिल हुए.

मिर्जा ने कहा, 'स्वास्थ्य में समानता सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक मूल सिद्धांत है. इस संबंध में, मुझे कहना है कि यह चिंता का विषय है कि जम्मू कश्मीर से कोविड-19 के मामले दर्ज किये गये हैं और स्वास्थ्य आपात स्थिति में यह जरूरी है कि वहां तत्काल सभी पाबंदियों को हटा लेना चाहिए.'

पाक स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा

ये भी पढ़ें : कोरोना से लड़ने को सार्क देश एकजुट, भारत ने दिया 1 करोड़ डॉलर के फंड का प्रस्ताव

उन्होंने कहा, 'संचार और आवाजाही को खोले जाने से सूचना का आदान-प्रदान होगा, दवाइयों के वितरण और रोकथाम की अनुमति होगी.'

पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास करता आया है लेकिन भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना उसका 'आंतरिक मामला' है.

भारत ने कहा था कि पाकिस्तान सच्चाई को स्वीकार करे और भारत विरोधी बयानबाजी को रोके.

Last Updated : Mar 15, 2020, 10:34 PM IST
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