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दक्षिण अफ्रीका में वेदांत जिंक इंटरनेशनल ने शुरू की लौह अयस्क खान - पायलट संयंत्र

वेदांता जिंक इंटरनेशनल (वीजेडआई) के अनुसार उसने 30 लाख टन प्रतिवर्ष की लौह अयस्क परियोजना विकसित करने की दिशा में कदम उठाए हैं. एक पायलट संयंत्र से सफलतापूर्वक उत्पादन चालू होने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष में इसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है.

वेदांता जिंक इंटरनेशनल
वेदांता जिंक इंटरनेशनल
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Published : Jul 28, 2021, 5:45 PM IST

जोहानिस्बर्ग : भारत की खनन कंपनी वेदांत लिमिटेड ने इस साल दक्षिण अफ्रीका में खनिज समृद्ध उत्तरी केप प्रांत में ब्लैक माउंटेन माइन (बीएमएम) में एक नई लौह अयस्क खान की शुरुआत की है.

वेदांता जिंक इंटरनेशनल (वीजेडआई) के अनुसार उसने 30 लाख टन प्रतिवर्ष की लौह अयस्क परियोजना विकसित करने की दिशा में कदम उठाए हैं. एक पायलट संयंत्र से सफलतापूर्वक उत्पादन चालू होने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष में इसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है.

वीजेडआई के कारोबार प्रमुख लक्ष्मण शेखावत ने मंगलवार को कहा, लौह अयस्क परियोजना वीजेडआई-बीएमएम परिचालन में एक और उल्लेखनीय उत्पाद लाइन जोड़ेगी और हमारे ग्राहकों को अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ उत्पाद पेश करेगी.

इसे भी पढ़े-रोलेक्स रिंग्स ने एंकर निवेशकों से ₹219 करोड़ का किया संग्रह

शेखावत ने कहा, परियोजना का पहला भाग मौजूदा परिचालन से कच्चे माल का उपयोग करेगा और उच्च श्रेणी के लौह अयस्क और घने माध्यम पृथक्करण उत्पादों (डीएमएस) का उत्पादन करेगा, जिसका उपयोग क्रमशः स्टील और कोयला उद्योग के लिए किया जाएगा और कहा कि इस परियोजना की मदद से मौजूदा वीजेडआई-बीएमएम संचालन को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और किफायती बनाने में मदद मिलेगी.

(पीटीआई-भाषा)

जोहानिस्बर्ग : भारत की खनन कंपनी वेदांत लिमिटेड ने इस साल दक्षिण अफ्रीका में खनिज समृद्ध उत्तरी केप प्रांत में ब्लैक माउंटेन माइन (बीएमएम) में एक नई लौह अयस्क खान की शुरुआत की है.

वेदांता जिंक इंटरनेशनल (वीजेडआई) के अनुसार उसने 30 लाख टन प्रतिवर्ष की लौह अयस्क परियोजना विकसित करने की दिशा में कदम उठाए हैं. एक पायलट संयंत्र से सफलतापूर्वक उत्पादन चालू होने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष में इसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है.

वीजेडआई के कारोबार प्रमुख लक्ष्मण शेखावत ने मंगलवार को कहा, लौह अयस्क परियोजना वीजेडआई-बीएमएम परिचालन में एक और उल्लेखनीय उत्पाद लाइन जोड़ेगी और हमारे ग्राहकों को अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ उत्पाद पेश करेगी.

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शेखावत ने कहा, परियोजना का पहला भाग मौजूदा परिचालन से कच्चे माल का उपयोग करेगा और उच्च श्रेणी के लौह अयस्क और घने माध्यम पृथक्करण उत्पादों (डीएमएस) का उत्पादन करेगा, जिसका उपयोग क्रमशः स्टील और कोयला उद्योग के लिए किया जाएगा और कहा कि इस परियोजना की मदद से मौजूदा वीजेडआई-बीएमएम संचालन को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और किफायती बनाने में मदद मिलेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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