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लाजवाब! मनोज बाजपेयी की सुनाई 2 मिनट की कविता, जीता फैंस का दिल, Viral - Filmmaker Milap Zaveri

मनोज बाजपेयी द्वारा सुनाई गई 2020 की कविता भगवान और खुदा एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. कविता शांति और सद्भाव के लिए एक संदेश देती है. दो मिनट की कविता धर्मों के बीच संघर्ष की अनावश्यकता को दिखाती है.

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मनोज बाजपेयी की सुनाई 2 मिनट की कविता
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Published : Apr 23, 2022, 11:12 AM IST

मुंबई (महाराष्ट्र): फिल्ममेकर मिलाप जावेरी द्वारा लिखी गई कविता में मनोज बाजपेयी ने अपनी शैली और आवाज देकर मानों जान डाल दिया है. 2020 में लिखी भगवान और खुदा कविता ने सांप्रदायिक सद्भाव के मैसेज संग सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है. फिल्म निर्माता मिलाप जावेरी ने इस कविता का कॉसेप्ट तैयार किया है. उन्होंने कहा कि कविता के संदेश को लोगों तक पहुंचते हुए देखना बहुत सुखद है. उन्होंने बताया कि भगवान और खुदा शीर्षक कविता में धर्मों के बीच संघर्ष और उसके अप्रभाविता को देखा जा सकता है.

'भगवान और खुदा' शीर्षक वाली इस कविता के माध्यम से मनोज बाजपेयी सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देते हैं. इस कविता के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि सभी धर्मों के बीच जो भी अंतर है वह शब्दों का है, जिसे इंसानों ने ही बनाया है.

यह भी पढ़ें- इंतजार खत्म! आयुष्मान खुराना-स्टारर मूवी An Action Hero इस डेट को होगी रिलीज


कविता में बाजपेयी कहते हैं, "भगवान और खुदा आपस में बात कर रहे थे, मंदिर और मस्जिद के बीच चौराहे पर मुलाकात कर रहे थे, जोड़े हाथ हो या दुआ में उठे हाथ मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. जावेरी ने मूल रूप से मई 2020 में कोरोना कहर के बीच लॉकडाउन में वीडियो डाला था. लेकिन, जिस समय मध्य प्रदेश, गुजरात और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली जैसे राज्यों में सांप्रदायिक घटनाएं सामने आई हैं, कविता एक बार फिर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच गूंज रही है, जो शांति और सद्भाव के का एक मजबूत मैसेज दे रहा हैं.

जावेरी ने बताया कि कुछ "दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं" सामने आई हैं, जिस वजह से वीडियो फिर से सामने आया है और इसीलिए इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है. उन्होंने कहा कि कविता एक बार फिर से सुनना बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि समुदाय के लोग एक-दूसरे के बीच वैमनस्य या कलह नहीं चाहते हैं. हिंदू और मुसलमान शांति से रहते हैं और यही संदेश देने की कोशिश है.

मुंबई (महाराष्ट्र): फिल्ममेकर मिलाप जावेरी द्वारा लिखी गई कविता में मनोज बाजपेयी ने अपनी शैली और आवाज देकर मानों जान डाल दिया है. 2020 में लिखी भगवान और खुदा कविता ने सांप्रदायिक सद्भाव के मैसेज संग सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है. फिल्म निर्माता मिलाप जावेरी ने इस कविता का कॉसेप्ट तैयार किया है. उन्होंने कहा कि कविता के संदेश को लोगों तक पहुंचते हुए देखना बहुत सुखद है. उन्होंने बताया कि भगवान और खुदा शीर्षक कविता में धर्मों के बीच संघर्ष और उसके अप्रभाविता को देखा जा सकता है.

'भगवान और खुदा' शीर्षक वाली इस कविता के माध्यम से मनोज बाजपेयी सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देते हैं. इस कविता के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि सभी धर्मों के बीच जो भी अंतर है वह शब्दों का है, जिसे इंसानों ने ही बनाया है.

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कविता में बाजपेयी कहते हैं, "भगवान और खुदा आपस में बात कर रहे थे, मंदिर और मस्जिद के बीच चौराहे पर मुलाकात कर रहे थे, जोड़े हाथ हो या दुआ में उठे हाथ मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. जावेरी ने मूल रूप से मई 2020 में कोरोना कहर के बीच लॉकडाउन में वीडियो डाला था. लेकिन, जिस समय मध्य प्रदेश, गुजरात और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली जैसे राज्यों में सांप्रदायिक घटनाएं सामने आई हैं, कविता एक बार फिर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच गूंज रही है, जो शांति और सद्भाव के का एक मजबूत मैसेज दे रहा हैं.

जावेरी ने बताया कि कुछ "दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं" सामने आई हैं, जिस वजह से वीडियो फिर से सामने आया है और इसीलिए इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है. उन्होंने कहा कि कविता एक बार फिर से सुनना बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि समुदाय के लोग एक-दूसरे के बीच वैमनस्य या कलह नहीं चाहते हैं. हिंदू और मुसलमान शांति से रहते हैं और यही संदेश देने की कोशिश है.

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