हिसार: हांसी में करीब चार वर्ष पुराने मामले में गांव शेखपुरा में पंचायत चुनाव की रंजिश के चलते फाग के दिन हुए ट्रिपल मर्डर केस में अदालत ने 8 लोगों को दो मार्च को दोषी करार दिया था. अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए लोगों में शेखपुरा के अशोक, अजीत, उमेद, कृष्ण, रामफल, संदीप, सुभाष व दलेल को आज सजा सुनाई जाएगी.
गौरतबल है कि पुलिस ने 13 मार्च 2017 को गांव शेखपुरा के संजय की शिकायत पर प्रदीप, मुकेश व रामकुमार की गोलियों से छलनी कर हत्या करने के आरोप में केस दर्ज किया था. ट्रिपल मर्डर केस में तत्कालीन डीएसपी भगवान दास सहित 24 लोगों के खिलाफ आरोप लगे थे. फाग के दिन दो गुटों के बीच हुए संघर्ष के इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा करवाई गई थी.
वारदात के कुछ समय बाद डीएसपी भगवानदास ने पंचकूला में सर्विस रिवाल्वर से सुसाइड कर लिया था. पुलिस की तरफ से इस मामले में पिछले वर्ष 22 अगस्त को चार्जशीट पेश की गई थी. इस मामले में पुलिस की तरफ से अंतिम गिरफ्तारी 4 अगस्त 2019 को कृष्ण उर्फ धोलू की हुई थी. वारदात के पीछे पंचायत चुनाव को लेकर रंजिश बताई गई थी.
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पंचायती चुनाव को लेकर शुरू हुई थी लड़ाई
पंचायत चुनाव में डीएसपी भगवान दास की बेटी पूजा गांव की सरपंच निर्वाचित हुई थी. उसने बलबीर प्रधान को हराया था. इस समय से दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था. इसके अलावा दोनों पक्षों में डेरा राजूनाथ के महंत फूलनाथ पर दर्ज हुए मामले को लेकर भी तनाव चल रहा था. अदालत में चले अभियोग के दौरान मंगलवार को शेखपुरा के अशोक, अजीत, उमेद, कृष्ण, रामफल, संदीप, सुभाष व दलेल को ट्रिपल मर्डर केस में दोषी करार देते हुए सजा सुनाने के लिए पांच मार्च की तिथि मुकर्रर की गई थी.
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डीएसपी भगवान दास ने कर ली थी सुसाइड
बता दें कि, शेखपुरा ट्रिपल मर्डर केस में डीएसपी भगवान दास का नाम आने के बाद उन्हें अगले दिन ही पंचकूला स्थित पुलिस हेडक्वार्टर में एटेच कर दिया गया था. नामजद डीएसपी ने 15 मार्च की सुबह पंचकूला स्थित पुलिस लाइन में अपने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी. गंभीर अवस्था में भगवानदास का पंचकूला के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां 12 दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था. डीएसपी भगवानदास ने सुसाइड नोट में लिखा था कि मैं जिल्लत भरी जिंदगी नहीं जी सकता, मुझे और मेरे भाई को जानबूझकर मर्डर केस में फंसाया गया है. वहीं इसके बाद कई लोगों का नाम लिखने के बाद ही डीएसपी भगवानदास ने अपने आप को गोली मारी थी.
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