रोहतक: सांघी गांव की महिला बबली के पति बालकिशन की 16 साल पहले टीबी के कारण मौत हो गई थी. कागजी कार्यवाही पूरे होने के बाद वह तभी से विधवा पेंशन ले रही थी. लेकिन इस साल जनवरी में अचानक उसकी विधवा पेंशन काट दी गई. समाज कल्याण कार्यालय (Social Welfare Department Rohtak) में पता किया तो जानकारी मिली कि कागजों में अब उसके पति को जिंदा दिखाकर विधवा पेंशन काट दी गई है. वह लगतार समाज कल्याण विभाग के कार्यालय आती रही लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
प्रशासन के उच्च अधिकारियों से मुलाकात करने पर भी कोई समाधान नहीं निकला. इस बीच इस विधवा महिला को पता चला कि रोहतक के गांधरा गांव के 102 वर्षीय दुलीचंद को मृत घोषित कर बुढापा पेंशन काट दी गई थी. दुलीचंद ने आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद से संपर्क किया था. इसके बाद खुद को जिंदा दिखाने के लिए दुलीचंद ने रोहतक शहर में बारात निकाली थी. यह मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में भी आया, तब कहीं जाकर उनकी पेंशन दोबारा चालू हो पाई.
इसके अलावा दर्जनों इसी प्रकार के बुढ़ापा, विधवा पेंशन आदि के मामले सामने आए और विरोध दर्ज कराने पर पेंशन दोबारा चालू हुई. मंगलवार को नवीन जयहिंद अपने साथ विधवा महिला बबली को लेकर समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचे. पता चला कि तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी महाबीर गोदारा को पेंशन मामले में राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है और नए अधिकारी ने अभी चार्ज नहीं संभाला है. ऐसे में बबली ने कार्यालय में मौजूद सहायक राजेश मलिक को पूरी कहानी सुनाई. बबली के कागजात दोबारा लिए गए और आश्वासन दिया गया कि जल्द ही पेंशन बहाल हो जाएगी. उसे दोबारा पेंशन के लिए चक्कर काटने की जरूरत नहीं है.
पीड़ित महिला बबली ने बताया कि वह घर में अकेली है. वह अपना गुजारा विधवा पेंशन से चलाती थी. उम्र अधिक होने के कारण मजदूरी भी नहीं कर सकती. लेकिन पिछले 9 माह से पेंशन नहीं मिलने के कारण घर खर्च चलाने में भी परेशानी हो गई. इस कारण उसे कर्ज लेना पड़ा. इस महिला ने यह भी बताया कि हाल ही में हुई बरसात की वजह से उसके मकान की छत गिर गई, जिसके कारण मजबूरन उसे गांव की चौपाल में डेरा डालना पड़ा.