रोहतक: कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज के लिए विकसित की जा रही वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल शुरू हो रहा है. इसके लिए हैदराबाद में से NIMS अस्पताल के डॉक्टर सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. वहीं कंपनी द्वारा वैक्सीन के लिए ट्रायल के लिए रोहतक की पंडित बीडी शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (पीजीआईएमएस) को भी चुना गया था.
रोहतक से हैदराबाद भिजवाई वॉलिंटियर की सूची
बीती 2 जुलाई से पीजीआईएमएस को वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिली थी. जिसके बाद पीजीआईएमएस के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने वैक्सीन की ट्रायल की प्रक्रिया आरंभ कर दी. इसके पहले चरण में वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलिंटियर तैयार किए गए हैं. इन सभी वॉलिंटियर की सूची हैदराबाद भिजवा दी गई है.
पीजीआईएमएस को वैक्सीन मिलते ही इन पर चरणबद्ध तरीके से ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. ट्रायल के लिए बनाई गई डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व करने वाली कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की डॉक्टर सविता वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि वह और उनके सहयोगी इस कार्य में गंभीरता से लगे हुए हैं और एक-एक कदम सोच समझकर आगे बढ़ाया जा रहा है.
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ट्रायल पूरा होने में 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है. ये ट्रायल दो चरणों में किया जाएगा. हालांकि वॉलेंटियर की संख्या कितनी है अभी ये बताने से डॉक्टरों ने मना कर दिया. डॉक्टरों का कहना है ये मामला कांफीडेंशल है इसलिए वॉलेंटियर के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं दी गई है.
15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन आने की उम्मीद
बता दें कि, भारत बायोटेक ने एंटी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के ह्यूमन ट्रायल के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है. इससे पहले बीते तीन जुलाई को देश की पहली एंटी कोरोना वैक्सीन- 'कोवैक्सीन' के 15 अगस्त तक आने का ऐलान किया गया था. आईसीएमआर और भारत बायोटेक इसका मानव परीक्षण कर रहे हैं. 15 अगस्त से पहले वैक्सीन का मानव परीक्षण पूरा हो सकता है. अधिकारियों ने बताया था कि अगर परीक्षण हर चरण में सफल होता है तो 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में आ जाएगी.